मुख्य समाचार
भाजपा ने ईवीएम मामले को कांग्रेस प्रायोजित बताया
नई दिल्ली, 22 जनवरी (आईएएनएस)| भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने साल 2014 के आम चुनाव में ईवीएम को हैक किए जाने के दावे पर मंगलवार को कहा कि यह देश की चुनाव प्रक्रिया को बदनाम करने की कांग्रेस प्रायोजित ‘साजिश’ है।
लंदन में ईवीएम हैकॉथान में अमेरिका के एक स्वघोषित साइबर विशेषज्ञ ने सोमवार को दावा किया था कि 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में हेराफेरी हुई थी और ईवीएम को हैक किया जा सकता है।
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने यहां मीडिया के समक्ष साइबर विशेषज्ञ सैयद शुजा के इस कार्यक्रम में सोमवार को कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल की उपस्थिति पर सवाल उठाए।
उन्होंने कहा, “वहां सिब्बल क्या कर रहे थे? हम यह जानना चाहते हैं कि वह वहां किस क्षमता से मौजूद थे। मुझे विश्वास है कि वे वहां कांग्रेस की ओर से मौजूद थे।”
उन्होंने कहा, “पूरा इवेंट एक कांग्रेस प्रायोजित साजिश था। वे लोग आगामी लोकसभा चुनाव में निश्चित हार का बहाना खोज रहे हैं।”
इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से पूछा कि चुनाव से पहले कांग्रेस ऐसे कितने और ‘स्टंट’ करने जा रही है।
इसे फर्जी एजेंडा बताते हुए प्रसाद ने कहा कि यह विदेश से भारतीय मतदाताओं को अपमानित किया जाना है।
प्रसाद ने कहा, “कांग्रेस 2014 के जनादेश और चुनाव आयोग का अपमान करने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस ने तब कुछ नहीं कहा, जब उसने तीन राज्यों में चुनाव जीता था।’
उन्होंने कहा, “ईवीएम का इस्तेमाल बीते 20 वर्ष से हो रहा है। इसमें 10 वर्षो से जब कांग्रेस सत्ता में थी, ईवीएम तब सही थी, जब मायावती जीती थीं, यह तब सही थी, जब अखिलेश जीते थे, तब यह सही थी, जब बंगाल में ममता जीती थीं, तब यह सही थी..और जब भाजपा जीतती है तो ईवीएम में हेरफेर हो जाती है।”
प्रसाद ने कहा, “भारतीय चुनाव की पवित्रता को पूरे विश्व में जाना जाता है। जिसने इस देश पर 58 वर्षो तक शासन किया, वही इस संस्था पर हमला कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “2014 में संप्रग सत्ता में थी, न कि हम थे। ईवीएम को हैक करने का यह कैसा तर्क है जब हम सत्ता में ही नहीं थे।”
उन्होंने कहा, “2017 में चुनाव आयोग ने इस दावे को साबित करने के लिए तीन दिनों तक खुली चुनौती दी थी, तब वाम पार्टियों को छोड़ और कोई नहीं आया था। तब शुजा कहां थे।”
उन्होंने हैकर शुजा के उन दावों को भी सिरे से खारिज कर दिया कि ‘गोपीनाथ मुंडे की हत्या इसलिए की गई, क्योंकि वह ईवीएम की सच्चाई जानते थे।’
उन्होंने कहा कि मुंडे का पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टर ने साफ कहा था कि उनकी मौत (दिल्ली में) कार हादसे में हुई थी।
प्रसाद ने यह भी कहा कि इस कार्यक्रम के आयोजक की राहुल गांधी से नजदीकी है।
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महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात
महाकुम्भनगर| महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात किया गया है। हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की क्षमता वाले इस हाई सिक्योरिटी टीथर्ड ड्रोन की नजर से किसी का भी बच पाना नामुमकिन है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए यह अत्याधुनिक उपकरण महाकुम्भनगर में लगाया गया है। महाकुम्भनगर के एसएसपी ने इसकी निगरानी के लिए एक एक्सपर्ट टीम तैनात कर दी है।
हर गतिविधि होगी कैप्चर
महाकुम्भनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने इसे सेकेंडों में अलर्ट मोड में आ जाने वाला नायाब उपकरण बताया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि इस बार के महाकुम्भ को अविस्मरणीय बनाया जाए, जिसके लिए सुरक्षा व्यवस्था को हाईटेक किया जा रहा है। इस टीथर्ड ड्रोन में हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की अद्भुत क्षमता है। डेटा ट्रांसमिशन के लिए यह बेहद सुरक्षित है और ऊंचाई से महाकुम्भनगर की हर छोटी-बड़ी गतिविधियां कैप्चर करने में इसे महारत हासिल है।
महाकुम्भ पुलिस की तीसरी आंख से बच पाना नामुमकिन
महाकुम्भनगर की पुलिस के लिए टीथर्ड ड्रोन तीसरी आंख का काम कर रहा है। इससे बच पाना किसी के लिए भी नामुमकिन है। इसके जरिए संगम तट के अलावा अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले घाटों और प्रमुख स्थलों पर पैनी नजर रखी जा रही है। इसके अलावा मंदिरों और अन्य प्रमुख स्थलों पर नजर रखने के लिए हाई रिजॉल्यूशन कैमरे से लैस इस उपकरण को तैनात कर दिया गया है, जो पलक झपकते ही श्रद्धालुओं से संबंधित अलर्ट अफसरों को जारी कर रहे हैं।
एआई लाइसेंस युक्त कैमरे के साथ पुलिस अफसर मुस्तैद
महाकुम्भ के दौरान पुलिस पूरे मेला क्षेत्र में 2750 से अधिक सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है। इसमें आधे से ज्यादा एआई लाइसेंस युक्त कैमरे भी शामिल हैं। एसएसपी महाकुम्भनगर राजेश द्विवेदी के अनुसार, इस बार महाकुम्भनगर में 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। ऐसे में सीएम योगी की मंशा के अनुरूप सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद बनाए रखने और किसी तरह की कोई अप्रिय घटना न हो, इसके लिए हर अधिकारी मुस्तैदी से कार्य कर रहा है।
ये है टीथर्ड ड्रोन
महाकुम्भनगर की महत्ता को ध्यान में रखते हुए इस बार टीथर्ड ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। ये एक विशेष प्रकार के कैमरे होते हैं। इन कैमरों को एक बड़े बलून के सहारे रस्सी से बांधकर एक निश्चित ऊंचाई पर तैनात किया जाता है। महाकुम्भनगर में इन्हें ऊंचे टॉवर्स पर इंस्टॉल किया जा रहा है। यहीं से ये पूरे मेला क्षेत्र में नजर रख रहे हैं। इन्हें बार-बार उतारना भी नहीं पड़ेगा और ये पूरे मेला क्षेत्र पर अपनी पैनी नजर से निगरानी कर सकने में सक्षम हैं।
बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम
टीथर्ड ड्रोन की मदद से कंट्रोल रूम को मेला क्षेत्र की हर एक महत्वपूर्ण फुटेज प्राप्त हो सकेगी। इसके माध्यम से अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले स्थानों को चिह्नित कर वहां तत्काल पुलिस का प्रबंध किया जा सकता है। वहीं किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि पर भी नजर रखी जा सकती है। हाई रिजॉल्यूशन के कारण ये कैमरे बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम हैं।
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