बिजनेस
भारतीय दूरसंचार बाजार 6600 अरब डॉलर का होगा
नई दिल्ली, 2 अगस्त (आईएएनएस)| संचार मंत्री मनोज सिन्हा ने बुधवार को कहा कि भारतीय दूरसंचार उद्योग वॉयस-केंद्रित बाजार से हटकर डेटा-केंद्रित बाजार में बदल रहा है और साल 2020 तक इसके 6600 अरब डॉलर के पार करने का अनुमान है।
भारतीय दूरसंचार उद्योग पर एक कार्यशाला में सिन्हा ने कहा, परिचालन राजस्व में अभी भी वॉयस कारोबार का प्रमुख योगदान है, लेकिन पिछले कुछ सालों से डेटा से प्राप्त होनेवाले राजस्व में तेजी आई है।
मंत्री ने कहा कि अभिनव इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) तकनीकें जैसे स्वास्थ्य मॉनिटर, स्मार्ट परिवहन जैसी अन्य परियोजनाओं से मशीन-टू-मशीन सेवाओं (एम2एम) सेवाओं में 21 फीसदी की वृद्धि होगी।
उन्होंने कहा कि मोबाइल डेटा ट्रैफिक में साल 2016 में 76 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई, जिसका मुख्य कारण स्मार्टफोन की बिक्री में आई तेजी है।
मंत्री ने कहा कि खासतौर से शहरी क्षेत्रों में हैंड हेल्ड डिवाइसों में इंटरनेट का प्रयोग बढ़ा है। साल 2016 में प्रत्येक स्मार्टफोन द्वारा औसतन 559 मेगावाइट्स मोबाइल डेटा सृजित किया गया, जो साल 2015 में 430 मेगावाइट्स प्रति माह थी।
उन्होंने कहा कि साल 2021 में वीडियो सामग्री के उपभोग 75 फीसदी होने का अनुमान है जोकि साल 2016 में 49 फीसदी था।
बिजनेस
जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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