Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

बिजनेस

भारतीय दूरसंचार बाजार 6600 अरब डॉलर का होगा

Published

on

Loading

नई दिल्ली, 2 अगस्त (आईएएनएस)| संचार मंत्री मनोज सिन्हा ने बुधवार को कहा कि भारतीय दूरसंचार उद्योग वॉयस-केंद्रित बाजार से हटकर डेटा-केंद्रित बाजार में बदल रहा है और साल 2020 तक इसके 6600 अरब डॉलर के पार करने का अनुमान है।

भारतीय दूरसंचार उद्योग पर एक कार्यशाला में सिन्हा ने कहा, परिचालन राजस्व में अभी भी वॉयस कारोबार का प्रमुख योगदान है, लेकिन पिछले कुछ सालों से डेटा से प्राप्त होनेवाले राजस्व में तेजी आई है।

मंत्री ने कहा कि अभिनव इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) तकनीकें जैसे स्वास्थ्य मॉनिटर, स्मार्ट परिवहन जैसी अन्य परियोजनाओं से मशीन-टू-मशीन सेवाओं (एम2एम) सेवाओं में 21 फीसदी की वृद्धि होगी।

उन्होंने कहा कि मोबाइल डेटा ट्रैफिक में साल 2016 में 76 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई, जिसका मुख्य कारण स्मार्टफोन की बिक्री में आई तेजी है।

मंत्री ने कहा कि खासतौर से शहरी क्षेत्रों में हैंड हेल्ड डिवाइसों में इंटरनेट का प्रयोग बढ़ा है। साल 2016 में प्रत्येक स्मार्टफोन द्वारा औसतन 559 मेगावाइट्स मोबाइल डेटा सृजित किया गया, जो साल 2015 में 430 मेगावाइट्स प्रति माह थी।

उन्होंने कहा कि साल 2021 में वीडियो सामग्री के उपभोग 75 फीसदी होने का अनुमान है जोकि साल 2016 में 49 फीसदी था।

Continue Reading

बिजनेस

जेट एयरवेज की संपत्तियों की होगी बिक्री

Published

on

Loading

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के आदेश को रद्द करते हुए दिवाला और दिवालियापन संहिता (आईबीसी) के अनुसार निष्क्रिय जेट एयरवेज के परिसमापन का आदेश दिया। एनसीएलएटी ने पहले कॉरपोरेट दिवालियापन समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) के हिस्से के रूप में जालान कालरॉक कंसोर्टियम (जेकेसी) को एयरलाइन के स्वामित्व के हस्तांतरण को बरकरार रखा था। सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश जारी करते हुए कहा कि जेकेसी संकल्प का पालन करने में विफल रहा क्योंकि वह 150 करोड़ रुपये देने में विफल रहा, जो श्रमिकों के बकाया और अन्य आवश्यक लागतों के बीच हवाई अड्डे के बकाया को चुकाने के लिए 350 करोड़ रुपये की पहली राशि थी। नवीनतम निर्णय एयरलाइन के खुद को पुनर्जीवित करने के संघर्ष के अंत का प्रतीक है।

NCLT को लगाई फटकार

पीठ की ओर से फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति पारदीवाला ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ एसबीआई तथा अन्य ऋणदाताओं की याचिका को स्वीकार कर लिया। याचिका में जेकेसी के पक्ष में जेट एयरवेज की समाधान योजना को बरकरार रखने के फैसले का विरोध किया गया है। न्यायालय ने कहा कि विमानन कंपनी का परिसमापन लेनदारों, श्रमिकों और अन्य हितधारकों के हित में है। परिसमापन की प्रक्रिया में कंपनी की संपत्तियों को बेचकर प्राप्त धन से ऋणों का भुगतान किया जाता है। पीठ ने एनसीएलएटी को, उसके फैसले के लिए फटकार भी लगाई।

शीर्ष अदालत ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी विशेष शक्तियों का इस्तेमाल किया, जो उसे अपने समक्ष लंबित किसी भी मामले या मामले में पूर्ण न्याय सुनिश्चित करने के लिए आदेश तथा डिक्री जारी करने का अधिकार देता है। एनसीएलएटी ने बंद हो चुकी विमानन कंपनी की समाधान योजना को 12 मार्च को बरकरार रखा था और इसके स्वामित्व को जेकेसी को हस्तांतरित करने की मंजूरी दी थी। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और जेसी फ्लावर्स एसेट रिकंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ अदालत का रुख किया था।

 

Continue Reading

Trending