मुख्य समाचार
भारतीय फिल्मजगत का अपना अलग मुकाम : अमिताभ
नई दिल्ली | हॉलीवुड फिल्मों में जूडी डेंच, हेलन मिरेन, अर्नाल्ड श्वार्जनेगर और रिचर्ड गेरे जैसे उम्रदराज कलाकारों का अहम भूमिकाएं निभाना जारी है। बॉलीवुड अपने ऐसे कलाकारों के लिए भूमिकाएं पैदा कर रहा है? महानायक अमिताभ बच्चन कहते हैं कि भारतीय सिनेमा कमतर नहीं है और इसकी अपनी एक जगह है। अमिताभ बीते एक दशक में ‘ब्लैक’ जैसी गंभीर से लेकर ‘चीनी कम’, ‘पा’ और ‘पीकू’ जैसी हल्की-फुल्की हास्य फिल्मों में अभिनय कर चुके हैं। अमिताभ ने मुंबई से एक ईमेल साक्षात्कार में बताया, “मुझे नहीं लगता कि हमें अन्य देश के फिल्मोद्योग के चलन से प्रभावित होने की जरूरत है। हम भारतीय फिल्म जगत से हैं और हमारा एक अपना मुकाम है। हम वैश्विक सिनेमा में हॉलीवुड की रचनात्मकता एवं उसके स्थान को सराहते हैं, लेकिन मुझे नहीं लगता कि हम किसी से कम हैं।”
बिग बी ने कहा, “बंगाल के उत्तम कुमार व छबि बिस्वास, मुंबई के दिलीप कुमार, राज कपूर, देव आनंद और अशोक कुमार, एम.जी. रामचंद्रन (एमजीआर), एन.टी. रामा राव (एनटीआर) और अक्कीनेनी नागेश्वर राव एवं कई अन्य निपुण अग्रणी अभिनेताओं ने उम्रदराज होने के बावजूद फिल्मों में मुख्य भूमिकाएं निभाई।” अमिताभ की इस बात से कोई असहमत नहीं होगा। ‘दो दूनी चार’, ‘क्लब 60’, ‘सुपर नानी’, ‘जय हो! डेमोक्रेसी’ और ‘द शौकीन्स’ जैसी फिल्में उम्रदराज अभिनेताओं को अहम भूमिकाएं निभाने का मौका दे रही हैं। लेकिन फिर भी क्या इस दिशा में हमारे प्रयास पर्याप्त हैं?
इस सवाल के जवाब में पद्मश्री एवं पद्मभूषण से अलंकृत अमिताभ ने कहा, “रचनात्मकता तेज खपत उपभोक्ता वस्तु (एफएमसीजी) उत्पाद नहीं है, जहां रचनात्मकता एवं नंबर का हिसाब रखा जाए।” उन्होंने कहा, “अगर ऐसी कहानियां हैं, जिनमें उम्रदराज अभिनेता की मौजूदगी तर्कसंगत है, तो हम उन फिल्मों को बनाना जारी रखेंगे।” इस उम्र में जब अधिकांश अभिनेता सहायक भूमिका निभाते हैं, आप अपनी भूमिकाओं का चुनाव कैसे करते हैं? जवाब में अमिताभ ने कहा, “मैं भूमिकाएं नहीं, बल्कि भूमिकाएं मुझे चुन रही हैं।”
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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत
पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।
AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.
शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव
अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।
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