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भारतीय बच्चों में बढ़ रहे हैं ब्रेन ट्यूमर के मामले

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नई दिल्ली, 26 जुलाई (आईएएनएस)| इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) का कहना है कि देश में हर साल करीब 40,000 से 50,000 लोगों में ब्रेन ट्यूमर की पहचान होती है, जिनमें से 20 प्रतिशत बच्चे होते हैं। चिंता की बात यह है कि गत वर्ष यह आंकड़ा केवल पांच प्रतिशत ही ऊपर था। साथ ही, हर साल लगभग 2,500 भारतीय बच्चों में मेडुलोब्लास्टोमा रोग पाया जा रहा है।

आईएमए के अनुसार, मेडुलोब्लास्टोमा बच्चों में पाया जाने वाला एक घातक प्राथमिक ब्रेन ट्यूमर है। यह मस्तिष्कमेरु द्रव (सीएसएफ) के माध्यम से फैलता है और मस्तिष्क व रीढ़ की हड्डी की सतह से होता हुआ अन्य भागों को भी प्रभावित कर सकता है। यदि उपचार प्रक्रिया का सही ढंग से पालन किया जाता है, तो इन मामलों में से लगभग 90 प्रतिशत का इलाज संभव है।

अध्ययनों से पता चलता है कि मस्तिष्क ट्यूमर ल्यूकेमिया के बाद बच्चों में पाया जाने वाला दूसरा सबसे आम कैंसर है।

आईएमए के अध्यक्ष डॉ. के. के. अग्रवाल ने कहा, मस्तिष्क क्षति किसी भी उम्र में हो सकती है और यह एक गंभीर समस्या है। इससे सोचने, देखने और बोलने में समस्याएं उत्पन्न हो सकती है। ब्रेन ट्यूमर का एक छोटा सा हिस्सा आनुवंशिक विकारों से जुड़ा हुआ है। बाकी लोगों को यह किसी विषाक्त पदार्थ के सेवन, मोबाइल तरंगों जैसी किसी अन्य कारण से भी हो सकता है।

डॉ. अग्रवाल ने कहा, ट्यूमर यदि ब्रेन स्टेम या किसी अन्य भाग में है, तो हो सकता है कि सर्जरी संभव न हो। जो लोग सर्जरी नहीं करवा सकते उन्हें विकिरण चिकित्सा या अन्य उपचार मिल सकता है। इसके लक्षणों में प्रमुख है- बार-बार उल्टी आना और सुबह उठने पर सिर दर्द होना। इसे जांचने में चिकित्सक कभी जठरांत्र रोग या माइग्रेन भी मान बैठते हैं।

उन्होंने कहा, मेडुलोब्लास्टोमा रोग से पीड़ित बच्चे अक्सर ठोकर खाकर गिर जाते हंै। उन्हें लकवा भी मार सकता है। कुछ मामलों में, चक्कर आना, चेहरा सुन्न होना या कमजोरी भी देखी जाती है।

डॉ. अग्रवाल ने बताया, मेडुलोब्लास्टोमा से पीड़ित बच्चों के लिए सिर्फ दवाएं ही काफी नहीं होती। यह सुनिश्चित करें कि ट्यूमर वापस तो नहीं आया, कोई दुष्प्रभाव तो नहीं हो रहा और बच्चे के समग्र स्वास्थ्य पर नजर रखने की जरूरत है। अधिकांश बच्चों को इस बीमारी के इलाज के बाद ताउम्र चिकित्सक के संपर्क में रहने की जरूरत होती है।

बच्चों में कैंसर को रोकने के लिए कुछ सुझाव :-

* रसायनों और कीटनाशकों के जोखिम से बचें। यह गर्भवती माताओं के लिए विशेष रूप से जरूरी है।

* फलों और सब्जियों का सेवन करें और नियमित रूप से व्यायाम करें।

* धूम्रपान और मदिरापान से दूर रहें।

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नेशनल

गुरुवार को प्रियंका गांधी ने लोकसभा की सदस्यता की ली शपथ

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नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी ने केरल की वायनाड लोकसभा सीट पर जीत दर्ज की है। इस सीट पर पहले राहुल गांधी सांसद थे, लेकिन रायबरेली सीट से भी चुनाव जीतने के बाद उन्हें वायनाड सीट को खाली करना पड़ा था। इसी कड़ी में वायनाड सीट पर हुए उपचुनाव में प्रियंका गांधी को कांग्रेस पार्टी ने अपना उम्मीदवार बनाया। इस सीट पर प्रियंका गांधी ने जीत दर्ज की है। गुरुवार को प्रियंका गांधी ने लोकसभा की सदस्यता की शपथ ली। प्रियंका गांधी ने हिंदी भाषा में शपथ ली और उन्होंने इस दौरान अपने हाथ में संविधान की एक प्रति ले रखी थी। बता दें कि गुरुवार को महाराष्ट्र के नादेंड़ से लोकसभा सदस्य निर्वाचित हुए कांग्रेस नेता रवींद्र बसंतराव चव्हाण ने भी सदन की सदस्यता की शपथ ली।

संसद में गांधी परिवार के तीन सदस्य

रवींद्र बसंतराव चव्हाण ने मराठी भाषा में संसद की सदस्यता की शपथ ली। शपथ ग्रहण करने के बाद प्रियंका गांधी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का हाथ जोड़कर अभिवादन किया। उन्होंने विपक्ष में अग्रिम पंक्ति में बैठे नेताओं की ओर हाथ जोड़कर अभिवादन किया और सदन में नेता प्रतिपक्ष तथा उनके भाई राहुल गांधी ने हाथ जोड़कर प्रियंका गांधी का अभिवादन स्वीकार किया। बता दें कि यह पहली बार है जब गांधी परिवार के तीन सदस्य संसद में हैं। दरअसल राहुल गांधी और प्रियंका गांधी लोकसभा की सदस्य हैं। वहीं सोनिया गांधी राज्यसभा सांसद हैं।

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