नेशनल
भारतीय सेना में नेताजी के नाम से रेजीमेंट हो : हुड्डा
कोलकाता | नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़ी गोपनीय सरकारी फाइलों को सार्वजनिक कराने की कोशिश कर रहे कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने उनके नाम पर सेना के एक रेजीमेंट का नाम रखे जाने का विधेयक पेश किया है।
कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में नेताजी के रिश्तेदारों की कथित जासूसी के विवादों के बीच रोहतक से लोकसभा सांसद हुड्डा ने कहा कि बोस और दिवंगत प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के बीच मतभेद की बात गलत तरीके से समझी गई है। उन्होंने कहा, “नेताजी की इंडियन नेशनल आर्मी के रेजीमेंटों के नाम गांधी, नेहरू और मौलाना आजाद के नाम पर रखे गए। तो फिर उनके नाम पर भारतीय सेना के रेजीमेंट के नाम क्यों नहीं हो सकते?” हुड्डा ने इंडियन चैंबर ऑफ कामर्स द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में यहां मीडिया से कहा, “मैंने एक निजी विधेयक पेश किया है, जिसमें भारतीय सेना में बोस के नाम से रेजीमेंट स्थापित करने का प्रस्ताव है।”
उन्होंने कहा कि नेहरू और बोस के बीच कोई होड़ नहीं थी, बल्कि उनकी आर्थिक नीतियां एक जैसी थीं। हुड्डा ने कहा, “बोस-नेहरू के बीच मतभेद की बात गलत तरीके से समझा गया है और इसकी कोई जरूरत नहीं है। सच्चाई यह है कि दोनों नेता आर्थिक नीतियों पर समान राय रखते थे और समाजवाद के लिए लड़े। वह सरदार पटेल थे, जिन्होंने बोस का विरोध किया था।” उन्होंने जासूसी प्रकरण पर कुछ कहने से इंकार करते हुए कहा कि सच्चाई सामने लाने के लिए सभी गोपनीय दस्तावेजों को सार्वजनिक किया जाना चाहिए।
गौरतलब है कि लेखक और शोधकर्ता अनुज धर को मिले दस्तावेज के अनुसार, बोस के करीबी रिश्तेदारों -उनके दो भतीजों शिशिर कुमार बोस और अमीय नाथ बोस- की 1948 से 1968 के बीच जासूसी की गई थी। जवाहर लाल नेहरू इन 20 वर्षो में से 16 साल तक प्रधानमंत्री थे।
नेशनल
पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर
नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।
स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,
एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ
कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी
डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।
On the move again, embarking on an exciting 4 nation book tour! 🇮🇳Looking forward to connecting with the vibrant Indian diaspora, celebrating India’s immense potential, and engaging in meaningful conversations. This journey is not just about a book; it’s about storytelling,… pic.twitter.com/dovNotUtOf
— Smriti Z Irani (@smritiirani) November 20, 2024
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