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भारत-अमेरिका मिलकर लिखेंगे विकास की इबारत : ओबामा

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नई दिल्ली। सीरी फोर्ट ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि भारत और अमेरिका मिलकर दुनिया को विकास की तरफ ले जा सकते हैं। पीएम नरेंद्र मोदी के साथ मिलकर हमने इस दिशा में कदम आगे बढ़ाया है। ओबामा ने कहा कि दोनों देश विज्ञान के क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं, हमारी दोस्ती परमाणु स्तर पर भी आगे बढ़ी है। उन्होंने परमाणु डील का जिक्र करते हुए कहा कि इसका फायदा ऊर्जा क्षेत्र में दिखेगा, नागरिक परमाणु समझौते से फायदा होगा। उन्होंने रक्षा क्षेत्र में भारत को हर मदद देने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि अमेरिका विकास के हर क्षेत्र में मदद को तैयार है, हम एक दूसरे की सुरक्षा में मददगार हो सकते हैं।
सीरी फोर्ट ऑडिटोरियम में ओबामा ने नमस्ते से भाषण की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि मैं गणतंत्र दिवस की शाही मेहमाननवाजी से अभिभूत हूं। गणतंत्र दिवस का अतिथि बनना सौभाग्य की बात है। ओबामा ने कहा कि भारत-अमेरिका के रिश्तों की मजबूती बेहद अहम है। भारत से रिश्तों को और मजबूत बनाना चाहता हूं। भाषण के बीच में ओबामा ने मिशेल को मजाकिया लहजे में सेनोरीटा कहकर भी संबोधित किया।
उन्होंने अपने भाषण में स्वामी विवेकानंद को भारत का महान सपूत बताया। उन्होंने कहा कि 100 साल पहले अमेरिका ने विवेकानंद का स्वागत किया था। विवेकानंद ने पूरे विश्व को योग का पाठ पढ़ाया था। हमें उनकी नीतियों पर अमल करना होगा। ओबामा ने कहा कि भारत-अमेरिका एक बार फिर साथ चलने को तैयार है। उन्होंने मंगलयान को भारत की महान उपलब्धि बताया।
ओबामा ने गरीबी रेखा से लाखों लोगों को ऊपर उठाने को भारत की महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा कि भारत कई देशों की मदद कर रहा है। भारत कमजोर देशों की नई दवाओं के निर्माण में मदद कर सकता है। उन्होंने यह भी इंगित किया कि ताकत के साथ जिम्मेदारी भी आती है। पर्यावरण की चुनौती का हम मिलकर सामना कर सकते हैं। उन्होंने भारत के साथ बढ़ती साझेदारी को लेकर कहा कि हम तकनीक में मिलकर काम कर सकते हैं। ओबामा ने स्वच्छ ऊर्जा, स्वच्छ ईधन का समर्थन किया।
ओबामा ने कहा कि विकास का मतलब है लोगों के लिए अवसर उपलब्ध कराना है। भारत-अमेरिका मिलकर ऐसा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारत की तरह अमेरिका भी विविधता वाला देश है। हर व्यक्ति का सम्मान करना हमारी जिम्मेदारी है। हम सब को मिलकर बदलाव करना होगा। उन्होंने कहा कि रंग की वजह से मुझे भी संघर्ष करना पड़ा है।
उन्होंने पत्नी मिशेल का जिक्र करते हुए कहा कि मेरी तरक्की में मिशेल की बड़ी भूमिका है। मेरी शादी एक मजबूत महिला से हुई। मिशेल मुझे हमेशा अपनी राय देती हैं। उन्होंने भारत के संदर्भ में कहा कि नारी शक्ति से ही देश तरक्की करता है। भारतीय परिवार में मां की भूमिका बेहद अहम है। बेटी की लड़कों के बराबर अहमियत देना जरूरी है। हमारा समाज पुरुष प्रधान है। कई बार धर्म का सहारा लेकर महिला विरोधी काम होता है, इसे रोकना बहुत जरूरी है। किसी भी देश की आर्थिक तरक्की के लिए नारी शक्ति का सम्मान जरूरी है। इसी तरह भारतीय फौज में महिलाओं को देखना अद्भुत अनुभव था।
ओबामा ने कहा कि भारत-अमेरिका में तमाम धर्मों के लोग रहते हैं लेकिन हम सब एक ही माला के फूल हैं। हर किसी को अपने धर्म को मानने की स्वतंत्रता है। उन्होंने कहा कि शांति की शुरुआत हर किसी के दिल से होती है। भारत की अहमियत भारतीय से ज्यादा कोई नहीं समझ सकता।
ओबामा ने अभिनेता शाहरुख खान, मिल्खा सिंह का जिक्र किया और कहा कि हमारी विभिन्नता ही हमारी मजबूती है। भारत-अमेरिका समान मुद्दों पर एकसाथ खड़े होंगे, हम सुपरपावर इसलिए हैं क्योंकि हमने पूरी दुनिया को रास्ता दिखाया है। भारत युवाओं का देश है, भारतीय लोग बहुत ही मेहनती हैं।

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पीएम के संबोधन के बीच विपक्ष का वॉकआउट, मोदी बोले- उनकी सारी हरकतें फेल हो गईं इसलिए मैदान छोड़कर भाग गए

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब दे रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा- 60 साल के बाद यह हुआ है कि 10 साल के बाद कोई एक सरकार की वापसी हुई है। यह घटना असामान्य है। कुछ लोग जानबूझकर के उससे अपना मुंह फेरकर बैठे रहे। कांग्रेस के कुछ साथियों को मैं धन्यवाद देना चाहता हूं। उन्होंने बार-बार ढोल पीटा था कि एक तिहाई सरकार। इससे बड़ा सत्य क्या हो सकता है कि हमारे दस साल हुए हैं, बीस साल बाकी है। उनके मुंह में घी शक्कर।

प्रधानमंत्री के भाषण के दौरान विपक्ष लगातार हंगामा करता रहा। 32 मिनट की स्पीच के बाद विपक्ष ने सदन से वॉकआउट किया। इस पर सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा- ये मुझे नहीं, संविधान काे पीठ दिखा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा- देश वासियों ने जो आदेश दिया है, उसे वे (विपक्ष) पचा नहीं पा रहा। कल उनकी सारी हरकतें फेल हो गईं। आज इसलिए वे मैदान छोड़कर भाग गए।

इस दौरान पीएम मोदी ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि संविधान हमारे लिए कोई आर्टिकल का कंपाइलेशन मात्र नहीं है। हमारे लिए संविधान की स्पिरिट और इसके शब्द बहुत मूल्यवान हैं। हमारा मानना है किसी भी सरकार के लिए नीति-निर्धारण में संविधान हमारा मार्गदर्शन करने का काम करता है।

पीएम मोदी ने कहा, मुझे याद है लोकसभा में जब हमारी सरकार की तरफ से कहा गया कि हम 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाएंगे, तो मैं हैरान हूं कि जो आज संविधान की प्रति लेकर घूमते रहते हैं, दुनिया में लहराते रहते हैं, उन्होंने विरोध किया था कि 26 जनवरी तो है ही, फिर संविधान दिवस क्यों मनाएं। आज संविधान दिवस के माध्यम से स्कूलों और कॉलेजों ​को संविधान की भावना को, संविधान की रचना में क्या भूमिका रही है, देश के गणमान्य महापुरुषों ने संविधान के निर्माण में किन कारणों से कुछ चीजों को छोड़ने का निर्णय किया और किन कारणों से कुछ चीजों को स्वीकार करने का निर्णय किया, इसके विषय में स्कूलों और कॉलेजों विस्तार से चर्चा हो। एक व्यापक रूप से संविधान के प्रति आस्था का भाव जगे और संविधान के प्रति समझ विकसित हो। संविधान हमारी प्रेरणा रहे, इसके लिए हम कोशिश करते रहे हैं। जब हम 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं तो हमने इसे जन उत्सव के रूप में मनाने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि ये चुनाव 10 वर्ष की सिद्धियों पर तो मुहर है ही, इस चुनाव में भविष्य के संकल्पों के लिए भी देश की जनता ने हमें चुना है।

पीएम मोदी ने कहा कि देश की जनता का एकमात्र भरोसा हम पर होने के कारण जनता ने आने वाले सपनों को, संकल्पों को सिद्ध करने के लिए हमें अवसर दिया है। जो ये मानते हैं कि इसमें क्या है, ये तो होने ही वाला है, ये तो अपने आप हो ही जाएगा… ऐसे विद्वान हैं। ये लोग ऐसे हैं, जो ऑटो पायलट मोड में, रिमोट कंट्रोल सरकार चलाने के आदी हैं। ये कुछ करने धरने में विश्वास नहीं रखते, ये इंतजार करना जानते हैं। लेकिन हम परिश्रम में कोई कमी नहीं रखते। इस दौरान पीएम मोदी ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि 10 साल के बाद किसी सरकार की वापसी हुई है और मैं जानता हूं कि भारत के लोकतंत्र में 6 दशक बाद हुई, ये घटना असामान्य घटना है। कुछ लोग जानबूझकर इससे अपना मुंह फेर कर बैठे रहे, कुछ लोगों को समझ नहीं आया और जिनको समझ आया उन्होंने हो-हल्ला कर देश की जनता के इस महत्वपूर्ण निर्णय पर छाया करने की कोशिश की। लेकिन, मैं पिछले दो दिन से देख रहा हूं कि आखिर पराजय भी स्वीकार हो रही है और दबे मन से विजय भी स्वीकार हो रही है। मैं कांग्रेस के कुछ साथियों को दिल से धन्यवाद करना चाहता हूं। नतीजे आए तब से हमारे एक साथी की ओर से (हालांकि उनकी पार्टी उनका समर्थन नहीं कर रही थी) बार-बार ढोल पीटा गया कि यह एक तिहाई सरकार है। इससे बड़ा सत्य क्या हो सकता है कि हमारे 10 साल हुए हैं, 20 और बाकी हैं। एक तिहाई हुआ है, दो तिहाई और बाकी है और इसलिए उनकी इस भविष्यवाणी के लिए उनके मुंह में घी शक्कर।

 

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