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मुख्य समाचार

भारत के साथ कारोबारी संबंध मजबूत हुए : अमेरिका

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वाशिंगटन| अमेरिका ने कहा है कि अमेरिका-भारत व्यापार नीति मंच के जरिए नई दिल्ली के साथ आदान-प्रदान मजबूत किया गया है, और भारत संग पैदा हुए एक गतिरोध को दूर कर विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में ऐतिहासिक व्यापार सुविधा समझौता (टीएफए) सुनिश्चित कर लिया गया है।

अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि ने अपनी वर्षात समीक्षा रपट में कहा है, “अमेरिका ने बाली पैकेज में मौजूद एक गतिरोध को नवंबर में भारत और अन्य डब्लूटीओ सदस्यों के साथ दूर कर व्यापार सुविधा समझौते (टीएफए) के पूर्ण क्रियान्वयन का रास्ता साफ कर दिया।”

उन्होंने कहा, “विश्व स्वास्थ्य संगठन के 20 वर्षो के इतिहास में टीएफए पहला बहुपक्षीय व्यापार समझौता है। इस समझौते से वैश्विक सीमाशुल्क प्रक्रियाओं में सुधार होगा और वस्तुओं के सीमा पार आवागमन पर लगने वाली लागत और समय में कमी आएगी।”

समीक्षा रपट में कहा गया है कि कुछ अनुमानों के मुताबिक नए डब्लूटीओ समझौते का वैश्विक आर्थिक मूल्य 10 खरब डॉलर हो सकता है।

रपट में कहा गया है कि अमेरिका ने टीपीएफ के जरिए भारत के साथ अपने आदान-प्रदान भी मजबूत किए हैं।

गौरतलब है कि टीपीएफ अमेरिका और भारत के व्यापार और निवेश मुद्दों के लिए प्रमुख द्विपक्षीय मंच है।

समीक्षा में कहा गया है कि अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि माइकल फ्रोमैन के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने नवंबर में मुंबई में हुए टीपीएफ में हिस्सा लिया था।

समीक्षा में कहा गया है कि अमेरिका ने अक्टूबर में, अमेरिकी कृषि उत्पादों पर भारतीय प्रतिबंधों के खिलाफ भी जीत हासिल कर ली थी। भारत ने यह प्रतिबंध एवियन एन्फ्लुएंजा से कथित तौर पर बचाव के लिए लगाए थे। इन उत्पादों में पॉल्ट्री मांस, अंडे और जीवित सुअर शामिल हैं।

समीक्षा रपट के मुताबिक, भारत के प्रतिबंधों के कारण अमेरिका का पॉल्ट्री उद्योग प्रभावित हुआ है। अमेरिकी पॉल्ट्री उद्योग के साथ प्रत्यक्ष रूप से 350,000 कामगार और लगभग 50,000 पारिवारिक पॉल्ट्री फार्म जुड़े हुए हैं।

समीक्षा रपट के मुताबिक, अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि ने बौद्धिक संपदा (आईपी) के मुद्दों पर अर्थपूर्ण, स्थाई और प्रभावी आदान-प्रदान की दिशा में विकास के मूल्यांकन केलिए भारत की एक समीक्षा कराई।

समीक्षा रपट में कहा गया है कि भारत ने टीपीएफ के तहत आईपी संबंधित मुद्दों पर अमेरिका के साथ सहयोग और सूचना का आदान-प्रदान बढ़ाने के लिए और एक विशिष्ट कार्यक्रम के अनुशीलन के लिए उपयोगी वादे किए हैं। इसमें आईपी मुद्दों पर संस्थागत उच्चस्तरीय आदान-प्रदान शामिल हैं।

नेशनल

मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस

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नई दिल्ली। मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया है। दिल्ली के एम्स में आज उन्होंने अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहीं थी। एम्स में उन्हें भर्ती करवाया गया था। शारदा सिन्हा को बिहार की स्वर कोकिला कहा जाता था।

गायिका शारदा सिन्हा को साल 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर, 1952 को सुपौल जिले के एक गांव हुलसा में हुआ था। बेमिसाल शख्सियत शारदा सिन्हा को बिहार कोकिला के अलावा भोजपुरी कोकिला, भिखारी ठाकुर सम्मान, बिहार रत्न, मिथिलि विभूति सहित कई सम्मान मिले हैं। शारदा सिन्हा ने भोजपुरी, मगही और मैथिली भाषाओं में विवाह और छठ के गीत गाए हैं जो लोगों के बीच काफी प्रचलित हुए।

शारदा सिन्हा पिछले कुछ दिनों से एम्स में भर्ती थीं। सोमवार की शाम को शारदा सिन्हा को प्राइवेट वार्ड से आईसीयू में अगला शिफ्ट किया गया था। इसके बाद जब उनकी हालत बिगड़ी लेख उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। शारदा सिन्हा का ऑक्सीजन लेवल गिर गया था और फिर उनकी हालत हो गई थी। शारदा सिन्हा मल्टीपल ऑर्गन डिस्फंक्शन स्थिति में थीं।

 

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