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खेल-कूद

भारत को बेजां गलतियों से बचना होगा

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मुम्बई | मलेशिया को हराकर भारत हॉकी वर्ल्ड लीग (एचडब्ल्यूएल) सेमीफाइनल दौर के सेमीफाइनल में पहुंच चुका है। भारतीय टीम ने बुधवार को मलेशिया के खिलाफ जो बेजां गलतियां कीं, उनसे उसे शुक्रवार को बेल्जियम के खिलाफ बचना होगा।

भारतीय टीम को गेंद को अधिक से अधिक समय तक अपने पास रखने की कला में माहिर होना होगा। इस विभाग में उसकी निरंतरता सवालों के घेरे में रहती है। साथ ही भारत को अपने अगले मैचों में बेजां गलतियों से बचना होगा। मलेशिया के खिलाफ भारत की ओर से अधिक बेजां गलतियां हुईं। भारतीय फारवर्ड कुल 24 मौकों पर विपक्षी टीम के डी में प्रवेश करने में सफल हुए लेकिन वे 13 मौकों पर ही गोल पर शॉट लगा सके। इनमें से अधिकांश शॉट निशाने पर नहीं लगे। मलेशिया के खिलाफ पांच में दो पेनाल्टी कार्नर पर गोल करना भारत के लिए अच्छी बात रही। आस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत ने चार पेनाल्टी कार्नर बेकार किए थे।

पेनाल्टी कार्नर पर निर्भरता भारत के लिए खतरनाक हो सकती है और इसी कारण फारवर्ड लाइन को अपनी सेंध लगाने और उसे सफलतापूर्वक गोल में बदलने की कला को निखारना होगा। आस्ट्रेलिया जैसी मजबू टीम के खिलाफ मिली हार के बाद भारतीय टीम दिल खोलकर मैदान में उतरी और जीत हासिल की लेकिन डिफेंस में सेंध लगना आम बात हो गई है। मलेशिया जैसी टीम पेनाल्टी कार्नर पर गोल करके भारत के लिए मुश्किल खड़ी कर रही थी। पहले क्वार्टर में अच्छा खेल दिखाने के बाद दूसरे क्वार्टर में भारतीय टीम लय से भटकी।

बड़ी टीमों को हराने के लिए भारत को अपने खेल में निरंतरता लानी होगी। यह निरंतरता किसी एक मैच के लिए नहीं होनी चाहिए बल्कि इसे अपनी आदत में शामिल करना होगा, तब जाकर भारतीय हॉकी को शीर्ष पर लाने का रास्त प्रशस्त हो सकेगा।

खेल-कूद

IND VS AUS: पर्थ में टूटा ऑस्ट्रेलिया का घमंड, भारत ने 295 रनों से दी मात

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पर्थ। भारतीय क्रिकेट टीम ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पहले टेस्ट मैच में मेजबान ऑस्ट्रेलिया को धूल चटाते हुए नया कीर्तिमान रच दिया है। टीम इंडिया ने पर्थ में 16 साल बाद पहला टेस्ट मैच जीता है। इससे पहले भारत ने साल 2008 में कुंबले की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया को हराया था। हालांकि यह मैच पर्थ के ऑप्टस स्टेडियम में खेला गया। पहली पारी में 150 रन बनाने वाली टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को पहली पारी में सिर्फ 104 रनों पर ढेर कर दिया था। इसके बाद टीम इंडिया ने अपनी दूसरी पारी 487/6 रन के स्कोर पर घोषित करते हुए ऑस्ट्रेलिया के सामने 534 रनों का विशाल लक्ष्य रखा।

इस पहाड़ जैसे लक्ष्य का पीछा करते हुए ऑस्ट्रेलिया की टीम दूसरी पारी में सिर्फ 238 रनों के स्कोर पर ढेर हो गई। इस तरह टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को उसी के घर में 295 रनों से हराकर बड़ा इतिहास रच दिया। ध्यान देने वाली बात यह है कि टीम इंडिया में न तो रोहित शर्मा थे, न ही शुभमन गिल, न ही रवींद्र जडेजा और रविचंद्रन अश्विन और न ही मोहम्मद शमी थे। इसके बावजूद टीम इंडिया ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की।

पर्थ टेस्ट की दूसरी पारी में यशस्वी जायसवाल ने 161 रन और विराट कोहली ने नाबाद शतकीय पारी खेली। दूसरी पारी में केेल राहुल ने भी 77 रनों की अहम पारी खेली। पहली पारी में टीम इंडिया 150 रनों पर सिमट गई थी पर भारतीय गेंदबाजों ने कमाल का कमबैक करते हुए पूरी ऑस्ट्रेलिया टीम को घुटनों पर ला दिया। ऑस्ट्रेलिया पहली पारी में 104 रन ही बना पाई। दूसरी पारी में टीम इंडिया ने कमाल का कमबैक करते हुए ऑस्ट्रेलिया के सामने 6 विकेट के नुकसान पर 487 रन बनाकर पारी घोषित कर दी। जिससे ऑस्ट्रेलिया को 534 रनो का टारगेट मिला। लेकिन चौथे दिन भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 295 रनों से हरा दिया।

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