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मुख्य समाचार

‘भारत बंद’ में राहुल ने विपक्ष की अगुवाई की

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नई दिल्ली, 10 सितंबर (आईएएनएस)| कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में एकजुट विपक्ष ने पेट्रोल, डीजल की बढ़ी कीमतों के विरोध में आहूत ‘भारत बंद’ के समर्थन में सोमवार को पैदल मार्च किया। राजघाट और जाकिर हुसैन कॉलेज के बीच 1.8 किलोमीटर लंबा मार्च निकाला गया।

जनता दल सेकुलर (जेडी-एस), तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, (एनसीपी), लोकतांत्रिक जनता दल (एलजेडी), राष्ट्रीय लोक दल, ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी और आम आदमी पार्टी (आप) उन विपक्षी पाटिर्यों में रहे, जिन्होंने विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया।

राजघाट पर राहुल ने महत्मा गांधी की समाधि पर श्रद्धांजलि भी अर्पित की।

उन्होंने विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद, अशोक गहलोत, आनंद शर्मा, अंबिका सोनी, अहमद पटेल, रणदीप सिंह सुरजेवाला, अभिषेक मनु सिंघवी, शैलजा कुमारी, मीरा कुमार, जयराम रमेश, एनसीपी के तारिक अनवर, एलजेडी के शरद यादव और राजद के मनोज झा सहित अन्य विपक्षी नेताओं के साथ शामिल होने से पहले कैलाश मानसरोवर यात्रा से लाए जल को समाधि पर अर्पित किया।

मानसरोवर यात्रा से लौटने के बाद राहुल की यह पहली सार्वजनिक उपस्थिति थी।

दिल्ली में आप पार्टी, जिसने बंद में शामिल होने से इनकार कर दिया था, उसने भी अपने नेता संजय सिंह को भेजा।

पेट्रोल और डीजल कीमतों के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के खिलाफ कांग्रेस और वामपंथी दलों द्वारा बंद का आह्वान किया गया।

मार्च समाप्त होने के बाद सभी विपक्षी नेता रामलीला मैदान के पास एक इंडियन ऑयल पेट्रोल पंप के पास एकत्र हो गए, जहां संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (सप्रंग) की अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह मौजूद थे।

बाद में, 200 से अधिक नेता और समर्थक मैदान पर जुट गए, जहां मनमोहन सिंह और अन्य ने कीमतों में वृद्धि को रोकने में विफल केंद्र सरकार के खिलाफ हमला बोला।

इससे पहले कांग्रेस ने ट्वीट कर कहा था, ईंधन की बढ़ी कीमतें और रुपये के मूल्य में गिरावट से पता चलता है कि मोदी सरकार अर्थव्यवस्था के प्रबंधन में पूरी तरह असफल रही है।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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