बिजनेस
भारत बनेगा दूसरा सबसे बड़ा स्मार्टफोन बाजार
न्यूयार्क | भारत वर्ष 2017 तक अमेरिका को पीछे छोड़ते हुए दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्मार्टफोन बाजार बन जाएगा। यह बात एक रिपोर्ट में कही गई। अंतर्राष्ट्रीय शोध कंपनी स्ट्रैटेजी एनालिटिक्स के मुताबिक, वैश्विक स्मार्टफोन बाजार का आकार 2015 के 1.5 अरब से बढ़कर 2017 तक 1.7 अरब हो जाएगा।चीन, भारत और अमेरिका दुनिया के तीन सबसे बड़े स्मार्टफोन बाजार हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है, “भारत जल्द ही अमेरिका को पीछे छोड़ते हुए 2017 तक चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बाजार बन जाएगा।” कंपनी द्वारा जारी बयान में कार्यकारी निदेशक नील मॉस्टन ने कहा, “हमारा अनुमान है कि वैश्विक स्मार्टफोन बिक्री 2015 के 1.5 अरब से बढ़कर 2017 तक 1.7 अरब हो जाएगी।” कंपनी के निदेशक लिंडा सुई ने कहा, “भारत के विकास का प्रमुख कारण स्मार्टफोन उपयोगकर्ताओं की कम संख्या, रिटेल उपलब्धता का विस्तार, अधिक धनी मध्य वर्गीय उपभोक्ता और माइक्रोमैक्स जैसे स्थानीय ब्रांडों द्वारा अधिक आक्रामक प्रचार है।” रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल देश में 11.8 करोड़ स्मार्टफोन बिकेंगे।
2015 में चीन में 45.8 करोड़ स्मार्टफोन बिकेंगे, जबकि 2017 में यह संख्या 50.5 करोड़ हो जाएगी। अमेरिका में 2015 में 16.4 करोड़ और 2017 तक 16.9 करोड़ स्मार्टफोन बिकेंगे। रिपोर्ट में सार रूप में कहा गया है, “हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर क्षेत्र में दुनिया का कोई भी गंभीर कारोबारी आज भारत के विशाल स्मार्टफोन बाजार की अनदेखी नहीं कर सकता है।”
बिजनेस
जेट एयरवेज की संपत्तियों की होगी बिक्री
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के आदेश को रद्द करते हुए दिवाला और दिवालियापन संहिता (आईबीसी) के अनुसार निष्क्रिय जेट एयरवेज के परिसमापन का आदेश दिया। एनसीएलएटी ने पहले कॉरपोरेट दिवालियापन समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) के हिस्से के रूप में जालान कालरॉक कंसोर्टियम (जेकेसी) को एयरलाइन के स्वामित्व के हस्तांतरण को बरकरार रखा था। सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश जारी करते हुए कहा कि जेकेसी संकल्प का पालन करने में विफल रहा क्योंकि वह 150 करोड़ रुपये देने में विफल रहा, जो श्रमिकों के बकाया और अन्य आवश्यक लागतों के बीच हवाई अड्डे के बकाया को चुकाने के लिए 350 करोड़ रुपये की पहली राशि थी। नवीनतम निर्णय एयरलाइन के खुद को पुनर्जीवित करने के संघर्ष के अंत का प्रतीक है।
NCLT को लगाई फटकार
पीठ की ओर से फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति पारदीवाला ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ एसबीआई तथा अन्य ऋणदाताओं की याचिका को स्वीकार कर लिया। याचिका में जेकेसी के पक्ष में जेट एयरवेज की समाधान योजना को बरकरार रखने के फैसले का विरोध किया गया है। न्यायालय ने कहा कि विमानन कंपनी का परिसमापन लेनदारों, श्रमिकों और अन्य हितधारकों के हित में है। परिसमापन की प्रक्रिया में कंपनी की संपत्तियों को बेचकर प्राप्त धन से ऋणों का भुगतान किया जाता है। पीठ ने एनसीएलएटी को, उसके फैसले के लिए फटकार भी लगाई।
शीर्ष अदालत ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी विशेष शक्तियों का इस्तेमाल किया, जो उसे अपने समक्ष लंबित किसी भी मामले या मामले में पूर्ण न्याय सुनिश्चित करने के लिए आदेश तथा डिक्री जारी करने का अधिकार देता है। एनसीएलएटी ने बंद हो चुकी विमानन कंपनी की समाधान योजना को 12 मार्च को बरकरार रखा था और इसके स्वामित्व को जेकेसी को हस्तांतरित करने की मंजूरी दी थी। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और जेसी फ्लावर्स एसेट रिकंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ अदालत का रुख किया था।
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