मुख्य समाचार
मोदी ने सुधार योजना पेश की, सुशासन को प्राथमिकता
न्यूयार्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां अपने व्यस्तता भरे आर्थिक कूटनीति दिन का समापन 4,500 अरब डॉलर की कंपनियों के 42 प्रमुखों के साथ रात्रिभोज पर हुई बैठक के साथ किया और इस दौरान उन्होंने अपने 15 महीनों की उपलब्धियों का ब्योरा दिया, भारत में निवेश के लिए कारोबारियों को आमंत्रण दिया। उन्होंने सुधार जारी रखने, तेज फैसले और पारदर्शिता को अपनी प्राथमिकता बताया और कहा, “शासन व्यवस्था में सुधार मेरी अव्वल प्राथमिकता है। हम सरल प्रक्रिया, तेज फैसले, पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए काम कर रहे हैं।”
फॉर्च्यून पत्रिका द्वारा आयोजित रात्रिभोज में अमेरिका की दिग्गज कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों ने हिस्सा लिया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने इन कंपनियों के कुल बाजार मूल्य के आधार पर इसे ‘4,500 अरब डॉलर क्लब’ कहा। रात्रिभोज में शामिल प्रमुख अधिकारियों में पेप्सिको की इंद्रा नूयी, आईबीएम के गिनि रोमेटी, सैन डिस्क के संजय मेहरोत्रा, डाऊ केमिकल के एंड्र लिवेरिस, बोइंग इंटरनेशन के मार्क एलेन, लॉकहीड मार्टिन की मैरिलिन ह्यूसन, फोर्ड के मार्क फील्ड्स, मास्टरकार्ड के अजय बंगा, सिटीग्रुप के माइकल ओ नील, गोल्डमैन सैक्स के गैरी कॉन, ब्लैकस्टोन के हैमिल्टन जेम्स, हर्मन इंटरनेशनल के दिनेश पलटल, टाइम इंक के जो रिप शामिल रहे।
मोदी ने अपने कामकाज का एक पृष्ठ का ब्योरा वितरि किया, जिसमें व्यापार की सुविधा तथा विभिन्न क्षेत्रों का विदेशी निवेश के लिए खोले जाने से संबंधित अब तक किए गए विभिन्न सुधारों के विवरण शामिल थे। इसमें यह भी कहा गया है कि भारत में जहां प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में 40 फीसदी वृद्धि दर्ज की गई, वहीं दुनिया के शेष हिस्सों में इसमें 10 फीसदी गिरावट रही है।
अमेरिका में भारत के राजदूत अरुण सिंह ने कहा कि मुख्य कार्यकारी अधिकारियों की टिप्पणी यह रही कि मोदी ने जो कुछ भी किया है, उसका गलत आकलन हुआ और मीडिया में उसे नकारात्मक तरीके से पेश किया गया है। स्वरूप ने रात्रिभोज सम्मेलन की आम राय को स्पष्ट करते हुए कहा, “आम राय यह थी कि जो भी आप कर रहे हैं, उसे जारी रखिए और उसकी गति बढ़ाइए।” स्वरूप के मुताबिक, मीडिया और मीडिया वेंचर कैपिटल के शीर्ष अधिकारियों की गोलमेज बैठक में मोदी ने कहा कि प्रौद्योगिकी के कारण ज्ञान का लोकतांत्रीकरण हो रहा है।
मोदी ने उन्हें विश्वविद्यालय स्थापित करने और संचार अध्ययनों में पीठ स्थापित करने का सुझाव दिया। रुपर्ड मडरेक द्वारा आयोजित इस बैठक में न्यूजकॉर्प, 21 सेंचुरी फॉक्स, स्टार टीवी सोनी, डिस्कवरी, टाइम वार्नर, एएंडई एंड वाइस मीडिया के शीर्ष अधिकारियों ने हिस्सा लिया। स्वरूप ने कहा कि 21 सेंचुरी फॉक्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जेम्स मडरेक ने कहा कि वहां मौजूदा अधिकारी वैश्विक मीडिया उद्योग के 40 फीसदी का प्रतिनिधित्व कर रहे थे।
स्वरूप के मुताबिक, उन्होंने भारत को अपने लिए सबसे बड़ा बाजार बताया। उन्होंने डिजिटीकरण और 4जी प्रसार में तेजी लाने का सुझाव दिया। बंगा, ह्यूसन और एकॉम प्रमुख माइक बुर्के के साथ एक अलग बैठक में मोदी ने निवेश पर चर्चा की। इस बैठक के बाद बंगा ने संवाददाताओं से कहा, “जब भी मैं उनसे मिलता हूं, वह पूछते हैं, ‘मैं क्या बेहतर कर सकता हूं’?”
लॉकहीड मार्टिन हैदराबाद में टाटा की साझेदारी में स्थापित एक कारखाने में विमान के पुर्जे बनाती है। मोदी ने उन्हें भारत में विनिर्माण गतिविधि बढ़ाने का आग्रह किया। एकॉम विशाखापत्तनम को स्मार्ट शहर बनाने के लिए काम कर रही है। स्वरूप के मुताबिक, न्यूयार्क के पूर्व मेयर और अब वित्तीय और समाचार मीडिया कंपनी के प्रमुख माइकल ब्लूमबर्ग ने मोदी के साथ कैंसर के उपचार, टिकाऊ विकास और स्मार्ट शहर जैसे मुद्दों पर बात की।
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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत
पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।
AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.
शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव
अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।
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