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भारत में अच्छे खिलाड़ियों की कमी के लिए सिस्टम जिम्मेदार : बोपन्ना

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 मेलबर्न, 22 जनवरी (आईएएनएस)| भारत के वरिष्ठ टेनिस खिलाड़ी रोहन बोपन्ना ने देश में शीर्ष स्तर के खिलाड़ियों की कमी के लिए सिस्टम को जिम्मेदार ठहराया है।

 बोपन्ना ने कहा है कि देश में ज्यादा से ज्यादा अकादमी होनी चाहिए और टेनिस खिलाड़ी निकालने के लिए जमीनी स्तर पर नए कार्यक्रम चलाने चाहिए।

बोपन्ना ने आईएएनएस से कहा, “हमारे पास ज्यादा खिलाड़ी निकालने के लिए अच्छा सिस्टम नहीं है। न सिर्फ सिस्टम बल्कि हमें भारत में बड़े टूर्नामेंट्स की भी जरूरत है। हमारे पास सिर्फ एक एटीपी और दो चैलेंजर्स टूर्नामेंट हैं जो काफी नहीं हैं। अगर आप यूरोप और अमेरिका में देखेंगे तो उनके पास 25 से 30 सप्ताह सिर्फ टूर्नामेंट्स के लिए हैं जो बड़ी बात है।”

उन्होंने कहा, “टेनिस एक महंगा खेल है जिसमें आपको सप्ताह दर सप्ताह सफर करना पड़ता है। अगर भारत में हर राज्य में एक चैलेंजर टूर्नामेंट होता है तो आप सिर्फ भारत में सफर करोगे और अंतर्राष्ट्रीय अंक एकत्रित करोगे और इस तरह खिलाड़ियों की संख्या भी बढ़ेगी और खेल को भी नई ऊंचाई मिलेगी।”

उन्होंने कहा, “हमें पहले सिस्टम से शुरू करना होगा और फिर टूर्नामेंट्स पर आना होगा और फिर इसके बाद अच्छी अकादमियां बनानी पड़ेंगी। इसलिए जब पूरा सिस्टम अस्सित्व में आएगा तब हमारे पास ज्यादा से ज्यादा खिलाड़ी होंगे।”

बोपन्ना ने साल के पहले ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट आस्ट्रेलियन ओपन में मिश्रित युगल और पुरुष युगल में शिरकत की थी हालांकि वह दोनों वर्गो में पहले ही दौर में मात खा कर बाहर हो गए।

मिश्रित युगल में बोपन्ना ने चीन की झाओजुआ यांग के साथ जोड़ी बनाई थी और पुरुष युगल में भारत के ही दिविज शरण के साथ कोर्ट पर उतरे।

दिविज बाएं हाथ के खिलाड़ी हैं और बोपन्ना ने पहली बार उनके साथ जोड़ी बनाई थी।

बोपन्ना ने कहा, “टूर्नामेंट में कुछ भी गलत नहीं हुआ। मुझे अपने विपक्षी को श्रेय देना होगा जो काफी लंबे समय से खेल रहे हैं और ज्यादा अनुभवी हैं। हां हमारी सीड ज्यादा थी लेकिन अगर आप ग्रैंड स्लैम में अनुभव को देखेंगे तो हमारे विपक्षी ज्यादा अनुभवी थे।”

बोपन्ना ने कहा, “बाएं हाथ के खिलाड़ी के साथ जोड़ी बनाकर खेलना आसान नहीं था लेकिन साझेदारी बनाने में समय लगेगा।”

भारत अगले महीने डेविस कप में इटली की मेजबानी करेगा। बोपन्ना ने कहा कि इटली के खिलाफ मुकाबला आसान नहीं होगा।

उन्होंने कहा, “डेविस कप का मुकाबला काफी मुश्किल होगा क्योंकि इटली के पास चार या पांच खिलाड़ी हैं जो शीर्ष-100 में हैं जिससे काफी अंतर पड़ता है क्योंकि हमारे पास ऐसे खिलाड़ी नहीं है। हां इस सप्ताह के बाद प्रजनेश गुणनस्वेरन शायद शीर्ष-100 में आ जाएं लेकिन इटली के खिलाफ ज्यादा शीर्ष स्तर के खिलाड़ी हैं।”

भारत और इटली के बीच डेविस कप मुकाबला कोलकाता में खेला जाएगा।

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महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात

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महाकुम्भनगर|  महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात किया गया है। हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की क्षमता वाले इस हाई सिक्योरिटी टीथर्ड ड्रोन की नजर से किसी का भी बच पाना नामुमकिन है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए यह अत्याधुनिक उपकरण महाकुम्भनगर में लगाया गया है। महाकुम्भनगर के एसएसपी ने इसकी निगरानी के लिए एक एक्सपर्ट टीम तैनात कर दी है।

हर गतिविधि होगी कैप्चर

महाकुम्भनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने इसे सेकेंडों में अलर्ट मोड में आ जाने वाला नायाब उपकरण बताया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि इस बार के महाकुम्भ को अविस्मरणीय बनाया जाए, जिसके लिए सुरक्षा व्यवस्था को हाईटेक किया जा रहा है। इस टीथर्ड ड्रोन में हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की अद्भुत क्षमता है। डेटा ट्रांसमिशन के लिए यह बेहद सुरक्षित है और ऊंचाई से महाकुम्भनगर की हर छोटी-बड़ी गतिविधियां कैप्चर करने में इसे महारत हासिल है।

महाकुम्भ पुलिस की तीसरी आंख से बच पाना नामुमकिन

महाकुम्भनगर की पुलिस के लिए टीथर्ड ड्रोन तीसरी आंख का काम कर रहा है। इससे बच पाना किसी के लिए भी नामुमकिन है। इसके जरिए संगम तट के अलावा अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले घाटों और प्रमुख स्थलों पर पैनी नजर रखी जा रही है। इसके अलावा मंदिरों और अन्य प्रमुख स्थलों पर नजर रखने के लिए हाई रिजॉल्यूशन कैमरे से लैस इस उपकरण को तैनात कर दिया गया है, जो पलक झपकते ही श्रद्धालुओं से संबंधित अलर्ट अफसरों को जारी कर रहे हैं।

एआई लाइसेंस युक्त कैमरे के साथ पुलिस अफसर मुस्तैद

महाकुम्भ के दौरान पुलिस पूरे मेला क्षेत्र में 2750 से अधिक सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है। इसमें आधे से ज्यादा एआई लाइसेंस युक्त कैमरे भी शामिल हैं। एसएसपी महाकुम्भनगर राजेश द्विवेदी के अनुसार, इस बार महाकुम्भनगर में 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। ऐसे में सीएम योगी की मंशा के अनुरूप सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद बनाए रखने और किसी तरह की कोई अप्रिय घटना न हो, इसके लिए हर अधिकारी मुस्तैदी से कार्य कर रहा है।

ये है टीथर्ड ड्रोन

महाकुम्भनगर की महत्ता को ध्यान में रखते हुए इस बार टीथर्ड ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। ये एक विशेष प्रकार के कैमरे होते हैं। इन कैमरों को एक बड़े बलून के सहारे रस्सी से बांधकर एक निश्चित ऊंचाई पर तैनात किया जाता है। महाकुम्भनगर में इन्हें ऊंचे टॉवर्स पर इंस्टॉल किया जा रहा है। यहीं से ये पूरे मेला क्षेत्र में नजर रख रहे हैं। इन्हें बार-बार उतारना भी नहीं पड़ेगा और ये पूरे मेला क्षेत्र पर अपनी पैनी नजर से निगरानी कर सकने में सक्षम हैं।

बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम

टीथर्ड ड्रोन की मदद से कंट्रोल रूम को मेला क्षेत्र की हर एक महत्वपूर्ण फुटेज प्राप्त हो सकेगी। इसके माध्यम से अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले स्थानों को चिह्नित कर वहां तत्काल पुलिस का प्रबंध किया जा सकता है। वहीं किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि पर भी नजर रखी जा सकती है। हाई रिजॉल्यूशन के कारण ये कैमरे बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम हैं।

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