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भारत में महज 0.3 फीसदी बाजार हिस्सेदारी के लिए 88 स्मार्टफोन ब्रांड्स में प्रतिस्पर्धा

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नई दिल्ली, 16 फरवरी (आईएएनएस)। भारत में जहां शीर्ष पांच स्मार्टफोन ब्रांड्स की 75 फीसदी हिस्सेदारी है, वहीं बाकी के हिस्से में 88 स्मार्टफोन ब्रांडस हैं, जिसमें से हरेक के लिए 0.3 फीसदी बाजार हिस्सेदारी बचती है।

इन 88 स्मार्टफोन ब्रांड्स में पैनासोनिक और वीडियोकॉन भी है, जो 43,560 करोड़ रुपये का राजस्व साझा करते हैं और हरेक के हिस्से में औसतन 475 करोड़ रुपये का राजस्व आता है।

वहीं, दूसरी तरफ सैमसंग ने वित्त वर्ष 2018 में अकेले कुल 37,000 करोड़ रुपये का मोबाइल फोन कारोबार किया, जिसके बाद उसकी चिर प्रतिद्वंदी श्याओमी रही, जिसने 23,000 करोड़ रुपये का कारोबार किया।

ओप्पो मोबाइल ने करीब 12,000 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया जबकि वीवो का राजस्व वित्त वर्ष 2018 में 11,000 करोड़ रुपये से अधिक रहा।

बड़ा सवाल यह है कि इस अत्यधिक-प्रतिस्पर्धी और कीमत के प्रति अत्यधिक संवेदनशील भारतीय बाजार में इन 88 ब्रांड्स में से कितनी कंपनियां टिक सकेंगी?

मार्केट रिसर्च कंपनी साइबर मीडिया रिसर्च (सीएमआर) के इंडस्ट्री इंटेलीजेंस समूह (आईआईजी) के प्रमुख प्रभु राम ने कहा, “शीर्ष पांच स्मार्टफोन ब्रांड्स में समेकन के कारण अन्य कंपनियों के लिए उपलब्ध क्षेत्र में काफी कमी आई है।”

सीएमआर की आईआईजी की विश्लेषक स्वाति कालिया का कहना है, “बाकी कंपनियां बहुत फायदे में नहीं रहेंगी, हालांकि अगर उन्हें थोड़ा भी मुनाफा होता है तो यह उनके लिए बेहतर है। हमारा मानना है कि वे बाजार में प्रतिस्पर्धा करती रहेंगी।”

अंतर्राष्ट्रीय डेटा कॉर्पोरेशन (आईडीसी) के अनुसार, भारतीय स्मार्टफोन बाजार में 2018 में 14.5 फीसदी की रफ्तार से वृद्धि हुई और अब तक की सर्वाधिक 14.23 करोड़ मोबाइल फोन्स की बिक्री हुई।

 

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महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात

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महाकुम्भनगर|  महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात किया गया है। हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की क्षमता वाले इस हाई सिक्योरिटी टीथर्ड ड्रोन की नजर से किसी का भी बच पाना नामुमकिन है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए यह अत्याधुनिक उपकरण महाकुम्भनगर में लगाया गया है। महाकुम्भनगर के एसएसपी ने इसकी निगरानी के लिए एक एक्सपर्ट टीम तैनात कर दी है।

हर गतिविधि होगी कैप्चर

महाकुम्भनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने इसे सेकेंडों में अलर्ट मोड में आ जाने वाला नायाब उपकरण बताया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि इस बार के महाकुम्भ को अविस्मरणीय बनाया जाए, जिसके लिए सुरक्षा व्यवस्था को हाईटेक किया जा रहा है। इस टीथर्ड ड्रोन में हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की अद्भुत क्षमता है। डेटा ट्रांसमिशन के लिए यह बेहद सुरक्षित है और ऊंचाई से महाकुम्भनगर की हर छोटी-बड़ी गतिविधियां कैप्चर करने में इसे महारत हासिल है।

महाकुम्भ पुलिस की तीसरी आंख से बच पाना नामुमकिन

महाकुम्भनगर की पुलिस के लिए टीथर्ड ड्रोन तीसरी आंख का काम कर रहा है। इससे बच पाना किसी के लिए भी नामुमकिन है। इसके जरिए संगम तट के अलावा अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले घाटों और प्रमुख स्थलों पर पैनी नजर रखी जा रही है। इसके अलावा मंदिरों और अन्य प्रमुख स्थलों पर नजर रखने के लिए हाई रिजॉल्यूशन कैमरे से लैस इस उपकरण को तैनात कर दिया गया है, जो पलक झपकते ही श्रद्धालुओं से संबंधित अलर्ट अफसरों को जारी कर रहे हैं।

एआई लाइसेंस युक्त कैमरे के साथ पुलिस अफसर मुस्तैद

महाकुम्भ के दौरान पुलिस पूरे मेला क्षेत्र में 2750 से अधिक सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है। इसमें आधे से ज्यादा एआई लाइसेंस युक्त कैमरे भी शामिल हैं। एसएसपी महाकुम्भनगर राजेश द्विवेदी के अनुसार, इस बार महाकुम्भनगर में 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। ऐसे में सीएम योगी की मंशा के अनुरूप सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद बनाए रखने और किसी तरह की कोई अप्रिय घटना न हो, इसके लिए हर अधिकारी मुस्तैदी से कार्य कर रहा है।

ये है टीथर्ड ड्रोन

महाकुम्भनगर की महत्ता को ध्यान में रखते हुए इस बार टीथर्ड ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। ये एक विशेष प्रकार के कैमरे होते हैं। इन कैमरों को एक बड़े बलून के सहारे रस्सी से बांधकर एक निश्चित ऊंचाई पर तैनात किया जाता है। महाकुम्भनगर में इन्हें ऊंचे टॉवर्स पर इंस्टॉल किया जा रहा है। यहीं से ये पूरे मेला क्षेत्र में नजर रख रहे हैं। इन्हें बार-बार उतारना भी नहीं पड़ेगा और ये पूरे मेला क्षेत्र पर अपनी पैनी नजर से निगरानी कर सकने में सक्षम हैं।

बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम

टीथर्ड ड्रोन की मदद से कंट्रोल रूम को मेला क्षेत्र की हर एक महत्वपूर्ण फुटेज प्राप्त हो सकेगी। इसके माध्यम से अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले स्थानों को चिह्नित कर वहां तत्काल पुलिस का प्रबंध किया जा सकता है। वहीं किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि पर भी नजर रखी जा सकती है। हाई रिजॉल्यूशन के कारण ये कैमरे बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम हैं।

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