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बिजनेस

भारत में 2018 में होगा 50 अरब डॉलर का विलय और अधिग्रहण : एसोचैम

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नई दिल्ली, 1 जनवरी (आईएएनएस)| भारत में साल 2018 में 50 अरब डॉलर मूल्य के विलय और अधिग्रहण सौदे होने की उम्मीद है, क्योंकि बहुतायत तनावग्रस्त कॉरपोरेट परिसंपत्तियां आर्कषक मूल्यांकन पर उपलब्ध है। उद्योग मंडल एसोचैम की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।

एसोचैम ने 2018 के लिए यह अनुमान 2017 के प्रचलन को देखते हुए लगाया है। 2017 में विलय और अधिग्रहण के मूल्य में 170 फीसदी की तेजी दर्ज की गई तथा लेनदेन की संख्या में 70 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई।

विभिन्न आंकड़ों के मुताबिक 2017 में कुल मिलाकर 944 सौदे (664 घरेलू और 280 सीमा-पार के) किए गए, जिनकी कीमत 46.5 अरब डॉलर (13.1 अरब डॉलर घरेलू और 33.4 अरब डॉलर सीमा-पार के सौदे) थी।

वहीं, 2016 में कुल 553 सौदे (358 घरेलू और 195 सीमा-पार) हुए थे, जिनका मूल्य 17.5 अरब डॉलर (7.2 अरब डॉलर घरेलू और 10.3 अरब डॉलर सीमा पार) था।

एसोचैम के पर्चे में कहा गया, भारत में विलय और अधिग्रहण के सौदों में तेज वृद्धि दर्ज की गई है और स्वास्थ्य सेवाएं, दूरसंचार, ऊर्जा, रियल एस्टेट, मीडिया और मनोरंजन, बैंकिंग, बीमा, तेल, सीमेंट और उपभोक्ता उत्पाद क्षेत्र में सबसे ज्यादा तेजी दर्ज की गई।

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बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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