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भारत सुरक्षित, समावेशी साइबर स्पेस के लिए वचनबद्ध : सुषमा
नई दिल्ली, 24 नवंबर (आईएएनएस)| विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने शुक्रवार को सरकार के डिजिटल भारत अभियान की वकालत करते हुए कहा कि भारत खुले, सुरक्षित, समावेशी, लोकतांत्रिक और गतिशील साइबर स्पेस के लिए वचनबद्ध है।
सुषमा ने साइबर स्पेस पर वैश्विक सम्मेलन (जीसीसीएस), 2017 के समापन समारोह में अपने संबोधन में कहा, डिजिटल इंडिया कार्यक्रम तीन प्रमुख दृष्टिकोण क्षेत्रों पर केंद्रित है।
उन्होंने कहा, एक, हरेक नागरिक की उपयोगिता के लिए अवसंरचना, दूसरा मांग पर शासन और सेवा, और तीसरा नागरिकों का डिजिटल सशक्तिकरण।
सुषमा ने कहा कि डिजिटल इंडिया कार्यक्रम में भारत को एक विकासशील देश से एक विकसित ज्ञान अर्थव्यवस्था में परिवर्तित करने की क्षमता है।
उन्होंने साइबर स्पेस की गतिशील और विकासवान प्रकृति ने साइबर मुद्दों को विकास नीति, अपराध रोकथाम और जांच, अर्थव्यवस्था व कारोबार विस्तार तथा अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा के केंद्र में ला दिया है।
स्वराज ने डिजिटल स्पेस में मौजूद खतरों पर प्रकाश डालते हुए कहा, सच्चाई यह है कि सभी तरह की गतिविधियां -राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और विकास संबंधित- जो इस समय चल रही हैं और साइबर स्पेस से जुड़ी हुई हैं, उससे न सिर्फ वृद्धि को गति मिली है, बल्कि ऐसी चुनौतियां भी खड़ी हुईं हैं, जिनका कोई पहले से कोई समाधान मौजूद नहीं है।
सुषमा ने सावधान किया, साइबर स्पेस का असीमित होने और इसमें घुसे लोगों के बारे में जानकारी न होने के कारण संप्रभुता, अधिकार क्षेत्र और निजता के समक्ष चुनौती खड़ी हो गई है।
उन्होंने कहा कि जीसीसीएस में साइबर विशेषज्ञों का वैश्विक जमघट इस बात का प्रमाण है कि राष्ट्रों को नए मानदंडों की पारंपरिक प्रक्रियाओं से तालमेल बिठाने और सिद्धांतों को फिर से परिभाषित करने के लिए एक-दूसरे के साथ आदान-प्रदान की आवश्यकता है।
अन्य राज्य
बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र शास्त्री की कथा सुनने आई लाखों जनता, मचा भगदड़
भीलवाड़ा। राजस्थान के भीलवाड़ा स्थित कुमुद विहार में आयोजित हनुमंत कथा के दूसरे दिन गुरुवार को वीआईपी गेट पर अव्यवस्था के कारण अफरा-तफरी की स्थिति बनी रही। इसके कारण कई लोगों को चोटें आई हैं। कथा के संरक्षक बनवारी शरण महाराज ‘काठिया बाबा’ ने आयोजन समिति और पुलिस-प्रशासन पर मनमानी का आरोप भी लगाया। आयोजन स्थल पर पहुंचे कई लोगों ने कहा कि बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र शास्त्री की कथा सुनने आई महिलाओं को वीआईपी पास के बावजूद एंट्री नहीं दी गई। वहीं, वीआईपी गेट पर अव्यवस्था के कारण कई बार भगदड़ की स्थिति भी बनी रही।
व्यवस्था पर उठे सवाल
एक महिला चंद्रकला सुमानी ने बताया कि उनके पास वीआईपी पास थे। अगर सीटें नहीं थीं तो वीआईपी पास क्यों जारी किया गया है। यहां पर व्यवस्था काफी खराब है। पुलिस ने बिना सूचना के वीआईपी गेट को बदल दिया। कई महिलाओं ने आरोप लगाया कि अव्यवस्था के कारण भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हो गई। कई लोग नीचे गिरे लोगों के ऊपर से चढ़कर गुजर गए। कई लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि बच्चों के साथ अमानवीय व्यवहार किया गया है। हालांकि, अव्यवस्था और तमाम आरोपों पर आयोजकों की तरफ से कोई बयान नहीं आया है।
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