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भीकमपुरा चिंतन शिविर का दूसरा दिन, मजदूरों, युवाओं पर होगी चर्चा

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भीकमपुरा (राजस्थान), 8 अप्रैल। राजस्थान के अलवर जिले के भीकमपुरा में चल रहे चिंतन शिविर का रविवार को दूसरा दिन है। दूसरे दिन किसानों, मजदूरों और युवाओं की समस्याओं पर खुलकर चर्चा होगी।

तरुण भारत संघ के आश्रम में किसानों की समस्या और भावी रणनीति तय करने के मकसद से चल रहे तीन दिवसीय चिंतन शिविर का आज दूसरा दिन है। यह शिविर एकता परिषद के संस्थापक पी वी राजगोपाल के निर्देशन में चल रहा है।

पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, इस दौरान किसान संकट, मजदूरों व युवाओं के बिगड़ते हालात, भयभीत समाज व बढ़ती हिंसा और जल संकट से जूझ रहे समाज जैसे मुद्दों पर गहन मंथन होगा।

आयोजकों की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, युवाओं, किसानों, मजदूरों के मुद्दे पर होने वाले संवाद के समन्वय की जिम्मेदारी सवरेदय मंडल के सचिव और जनांदोलन 2018 राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य मनीष राजपूत को सौंपी गई है।

राजपूत का कहना है कि देश का किसान, नौजवान सबसे ज्यादा संकट में है। लिहाजा इनके इस संकट और उसके निवारण पर संवाद व संभावनाओं पर चर्चा होगी।

शिविर के पहले दिन किसानों के मुद्दे, किसान आंदोलन के जुड़ाव सहित अन्य मुद्दों पर खुलकर चर्चा हुई थी। इसमें किसान नेता रामपाल जाट, अन्ना हजारे के करीबी विनायक राव पाटिल, जलपुरुष राजेंद्र सिंह, देश में 193 किसान संगठनों के संयुक्त किसान संगठन के संयोजक वी एम सिंह, करणी सेना के प्रमुख लोकेंद्र सिंह कलवी, एकता परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष रनसिंह, जल-जन जोड़ों के राष्ट्रीय संयोजक संजय सिंह, महाराष्ट्र से प्रतिभा शिंदे, रमाकांत बापू, निशिकांत भालेराव, विनोद बोदनकर, पर्यावरणविद मार्क एडवर्ड सहित बड़ी संख्या में किसान नेता व सामाजिक कार्यकर्ताओं ने अपनी बात रखी।

इस शिविर में हिस्सा लेने मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, कर्नाटक, महाराष्ट्र, हरियाणा, तमिलनाडु, तेलंगाना, पंजाब सहित कुल 19 राज्यों के किसान नेता और सामाजिक कार्यकर्ता पहुंचे हैं।

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महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात

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महाकुम्भनगर|  महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात किया गया है। हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की क्षमता वाले इस हाई सिक्योरिटी टीथर्ड ड्रोन की नजर से किसी का भी बच पाना नामुमकिन है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए यह अत्याधुनिक उपकरण महाकुम्भनगर में लगाया गया है। महाकुम्भनगर के एसएसपी ने इसकी निगरानी के लिए एक एक्सपर्ट टीम तैनात कर दी है।

हर गतिविधि होगी कैप्चर

महाकुम्भनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने इसे सेकेंडों में अलर्ट मोड में आ जाने वाला नायाब उपकरण बताया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि इस बार के महाकुम्भ को अविस्मरणीय बनाया जाए, जिसके लिए सुरक्षा व्यवस्था को हाईटेक किया जा रहा है। इस टीथर्ड ड्रोन में हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की अद्भुत क्षमता है। डेटा ट्रांसमिशन के लिए यह बेहद सुरक्षित है और ऊंचाई से महाकुम्भनगर की हर छोटी-बड़ी गतिविधियां कैप्चर करने में इसे महारत हासिल है।

महाकुम्भ पुलिस की तीसरी आंख से बच पाना नामुमकिन

महाकुम्भनगर की पुलिस के लिए टीथर्ड ड्रोन तीसरी आंख का काम कर रहा है। इससे बच पाना किसी के लिए भी नामुमकिन है। इसके जरिए संगम तट के अलावा अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले घाटों और प्रमुख स्थलों पर पैनी नजर रखी जा रही है। इसके अलावा मंदिरों और अन्य प्रमुख स्थलों पर नजर रखने के लिए हाई रिजॉल्यूशन कैमरे से लैस इस उपकरण को तैनात कर दिया गया है, जो पलक झपकते ही श्रद्धालुओं से संबंधित अलर्ट अफसरों को जारी कर रहे हैं।

एआई लाइसेंस युक्त कैमरे के साथ पुलिस अफसर मुस्तैद

महाकुम्भ के दौरान पुलिस पूरे मेला क्षेत्र में 2750 से अधिक सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है। इसमें आधे से ज्यादा एआई लाइसेंस युक्त कैमरे भी शामिल हैं। एसएसपी महाकुम्भनगर राजेश द्विवेदी के अनुसार, इस बार महाकुम्भनगर में 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। ऐसे में सीएम योगी की मंशा के अनुरूप सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद बनाए रखने और किसी तरह की कोई अप्रिय घटना न हो, इसके लिए हर अधिकारी मुस्तैदी से कार्य कर रहा है।

ये है टीथर्ड ड्रोन

महाकुम्भनगर की महत्ता को ध्यान में रखते हुए इस बार टीथर्ड ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। ये एक विशेष प्रकार के कैमरे होते हैं। इन कैमरों को एक बड़े बलून के सहारे रस्सी से बांधकर एक निश्चित ऊंचाई पर तैनात किया जाता है। महाकुम्भनगर में इन्हें ऊंचे टॉवर्स पर इंस्टॉल किया जा रहा है। यहीं से ये पूरे मेला क्षेत्र में नजर रख रहे हैं। इन्हें बार-बार उतारना भी नहीं पड़ेगा और ये पूरे मेला क्षेत्र पर अपनी पैनी नजर से निगरानी कर सकने में सक्षम हैं।

बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम

टीथर्ड ड्रोन की मदद से कंट्रोल रूम को मेला क्षेत्र की हर एक महत्वपूर्ण फुटेज प्राप्त हो सकेगी। इसके माध्यम से अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले स्थानों को चिह्नित कर वहां तत्काल पुलिस का प्रबंध किया जा सकता है। वहीं किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि पर भी नजर रखी जा सकती है। हाई रिजॉल्यूशन के कारण ये कैमरे बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम हैं।

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