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भूमि अधिग्रहण विधेयक प्रतिष्ठा का सवाल नहीं : जेटली

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वाराणसी | केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने यहां शनिवार को कहा कि भूमि अधिग्रहण विधेयक उनकी सरकार के लिए कोई प्रतिष्ठा का सवाल नहीं है। सरकार किसान की बेहतरी के लिए इसे जल्दी लागू कराने के प्रयास में है। उन्होंने कहा, “विपक्षी दल इस समय केंद्र सरकार के खिलाफ एकजुट होकर विकास के काम रोकना चाह रहे हैं। हम उनके मंसूबे सफल नहीं होने देंगे।”

केंद्रीय मंत्री ने वाराणसी के अस्सी घाट पर शव-वाहिनी स्टीमर का लोकार्पण किया। इस अवसर पर उनके साथ संत मोरारी बापू भी मौजूद थे। पत्रकारों से बातचीत में जेटली ने कहा, “संशोधित भूमि अधिग्रहण विधेयक पर बेकार में बवाल हो रहा है। यह बिल हमारी सरकार के लिए कोई प्रतिष्ठा की बात नहीं है। हम तो किसान की बेहतरी के लिए इसको जल्दी लागू कराने के प्रयास में हैं।” उन्होंने कहा कि भूमि अधिग्रहण का विरोध विकास का विरोध है। विपक्ष नहीं चाहता कि देश का विकास हो। जेटली ने कहा, “हमारी सरकार ने कालेधन को देश में लाने का कदम आगे बढ़ाया है। इस कदम को हम वापस नहीं खीचेंगे। जो लोग विदेश में धन रखे हुए हैं, हम उनको दंडित करने के लिए कानून बना रहे हैं। कालाधन मामले में 77 लोगों के नाम चिह्न्ति हैं। हम इन नामों को 31 मार्च तक सदन में रखेंगे। इसके बाद दो माह में ही इनके खिलाफ दंड की प्रक्रिया होगी।” उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश को भी विकास की राह पर लाने में मदद कर रहे हैं। बजट में उत्तर प्रदेश को 26 हजार करोड़ रुपये अधिक मिलेंगे। केंद्र सरकार गंगा नदी को लेकर काफी गंभीर है। उत्तर प्रदेश में गंगा नदी कानपुर और वाराणसी में सबसे अधिक प्रदूषित है। इसको निर्मल करने का काम चल रहा है।

जेटली ने कहा कि केंद्र सरकार के पास वाराणसी के विकास के लिए कई योजनाएं हैं। वाराणसी के बाहर भी रिंग रोड बनेगा। रिंग रोड से यहां के ट्रैफिक पर काफी फर्क पड़ेगा। शहर में लोगों को सहूलियत होगी। गुजरात के कई शहरों में रिंग रोड बनाए गए हैं। शव-वाहिनी स्टीमर का लोकार्पण करने के बाद उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के सांसद होने से काशी का राजनीतिक महत्व भी अधिक है। यहां के विकास पर सबकी नजर है। उन्होंने दावा किया कि वाराणसी का विश्वस्तरीय विकास होगा। स्टीमरों को गंगाघाटों के दोनों छोरों पर रखा जाएगा। यह नि:शुल्क सेवा रहेगी। अस्सी घाट के साथ ही सामनेघाट पर भी ऐसी ही व्यवस्था की गई है। सामनेघाट से शव-वाहिनी स्टीमर शव लेकर हरिश्चंद्र घाट जाएंगे, जबकि भैंसासुर घाट का स्टीमर मणिकर्णिका घाट जाएगा।

यह व्यवस्था शहर में जाम के चलते शव-यात्रियों को होने वाली परेशानियों से बचाने के लिए की गई है। शव-वाहिनी स्टीमर की संचालन व्यवस्था गुजरात की संस्था सुधांशु फाउंडेशन की ओर से की जाएगी। चार जल वाहिनी आ गई हैं, शेष दो वाहिनी जल्द ही आ जाएंगी। जल शव-वाहिनी का प्रबंधन गुजरात के सुधांशु मित्तल व किशन जालान ने किया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के स्टिंग के संबंध में जेटली ने कहा, “स्टिंग आपरेशन गलत है, चाहे वह जिसका भी हो। हम तो किसी भी स्टिंग का समर्थन नहीं करते हैं।”

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महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की हार पर बोलीं कंगना रनौत, उनका वही हश्र हुआ जो ‘दैत्य’ का हुआ था

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मुंबई। महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन को मिली प्रचंड जीत ने विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी में शामिल पार्टियों को चारों खाने चित कर दिया है। महाराष्ट्र में पार्टी की प्रचंड जीत पर बीजेपी की सांसद कंगना रनौत काफी खुश हैं। वहीं, उद्धव ठाकरे की हार पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कंगना ने कहा कि महिलाओं का अपमान करने की वजह से उनका ये हश्र हुआ है। मुझे उनकी हार का अनुमान पहले से ही था।

कंगना रनौत ने कहा, “मुझे उद्धव ठाकरे की हार का अनुमान पहले ही था। जो लोग महिलाओं का अपमान करते हैं, वे राक्षस हैं और उनका भी वही हश्र हुआ जो ‘दैत्य’ का हुआ था। वे हार गए, उन्होंने महिलाओं का अपमान किया। मेरा घर तोड़ दिया और मेरे खिलाफ अपशब्दों का भी इस्तेमाल किया, इसलिए यह स्पष्ट है कि वे सही और गलत की समझ खो चुके हैं।

बता दें कि कंगना रनौत और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार के बीच 2020 में तब कड़वाहट भरी झड़प हुई थी, जब तत्कालीन अविभाजित शिवसेना के नेतृत्व वाली बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने उनके बांद्रा स्थित बंगले में कथित अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया था। अपने बंगले में तोड़फोड़ की कार्रवाई से पहले रनौत ने यह भी कहा था कि उन्हें “मूवी माफिया” से ज्यादा मुंबई पुलिस से डर लगता है और उन्होंने महाराष्ट्र की राजधानी की तुलना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से की थी।

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