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मंत्री ने महबूबा सरकार से कहा, ‘संवैधानिक मुद्दों’ के कारण भटकें नहीं

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जम्मू, 20 अगस्त (आईएएनएस)| जम्मू एवं कश्मीर सरकार द्वारा संविधान के अनुच्छेद 35 ए पर जताई जा रही चिंताओं के बीच कें द्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार को ‘संविधान के मुद्दों’ में उलझने के बजाए आम नागरिकों की समस्याओं के समाधान पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

जितेंद्र सिह ने यह बातें अमरनाथ यात्रा को सफल बनाने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं और सरकारी अधिकारियों के अभिनंदन कार्यक्रम में कहीं। उन्होंने कहा, हमारा ध्यान पानी और बिजली जैसी लोगों की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने पर होना चाहिए।

उन्होंने कहा, यह सभी मुद्दे आम आदमी की पहली जरूरतें हैं जिसके लिए ‘संवैधानिक मुद्दे’ समेत अन्य मुद्दे बाद में आते हैं।

अनुच्छेद 35ए को लेकर कश्मीर में विपक्ष के विरोध के बारे में प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री ने कहा कि विपक्ष को यह विशेषाधिकार हासिल है कि वह विवादित मुद्दों को उठाए लेकिन सरकार का काम यह है कि वो विपक्ष के इस हंगामे से अपना ध्यान न भटकाए और आम लोगों की रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने में अपनी पूरी शक्ति लगा दे।

जितेंद्र सिंह ने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की विचारधारा अलग है लेकिन दोनों का साझा संकल्प है कि इन सब बातों से भटकना नहीं है। इसके बजाए पूरा ध्यान जम्मू एवं कश्मीर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा चलाई जा रही नई प्रगतिशील योजनाओं का लाभ पहुंचाना है।

उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार जम्मू, कश्मीर और लद्दाख, राज्य के तीनों इलाकों पर समान ध्यान देने के लिए प्रतिबद्ध है और अब यह राज्य के लोगों पर है कि वे इस अवसर का लाभ उठाएं।

इस साल की कुछ परीक्षाओं के बारे में बताते हुए जितेंद्र सिंह ने कहा कि इस साल कश्मीर घाटी के 9 छात्रों ने आईआईटी में दाखिला पाया है और साथ ही पिछले कुछ सालों से कश्मीर के छात्र सिविल सेवा के लिए भी चयनित हुए हैं।

जितेंद्र सिंह ने कहा कि समय आ गया है जब जम्मू के युवा मोदी सरकार द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे अवसरों का लाभ उठाएं। अतीत में हुई नाइंसाफियों का रोना रोते रहने या हारी हुई मानसिकता के लिए अब कोई जगह नहीं है।

सिंह ने कहा अनुच्छेद 35 ए पर भाजपा और पीडीपी की अलग अलग राय है जिसमें जम्मू एवं कश्मीर के लोगों को विशेषाधिकार और सुरक्षा हासिल है। पीडीपी इस अनुच्छेद को सुरक्षित रखना चाहती है और भाजपा देश के सभी नागरिकों के लिए समान विशेषाधिकार चाहती है।

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नेशनल

साइबर ठगों ने किया डिजिटल अरेस्ट खाते से उड़ाए 10 करोड़ रुपये, दिल्ली के रोहिणी इलाके का मामला

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नई दिल्ली। दिल्ली के रोहिणी इलाके में 70 साल के रिटायर्ड इंजीनियर से साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट कर 10 करोड़ और 30 लाख रुपये अपने अकाउंट्स में ट्रांसफर करा लिए। बुजुर्ग की शिकायत पर दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने मुकदमा दर्ज कर लिया है और 60 लाख रुपये की रकम को बैंक में फ्रीज करा दिया है।

पुलिस ने क्या बताया?

पुलिस ने रिटायर्ड इंजीनियर को डिजिटल अरेस्ट कर के 10 करोड़ रुपये की ठगी के मामले में जानकारी दी है। पुलिस के मुताबिक, पीड़ित रिटायर्ड इंजीनियर अपनी पत्नी के साथ में रोहिणी के सेक्टर 10 इलाके में रहते हैं। पुलिस ने रिटायर्ड इंजीनियर की शिकायत के आधार पर साइबर सेल में प्राथमिकी दर्ज कर लिया है।

60 लाख रुपये फ्रीज

दिल्ली पुलिस ने बताया है कि रोहिणी में हुए डिजिटल अरेस्ट यानी धन उगाही के लिए ऑनलाइन डराने-धमकाने के मामले में उन्हें 60 लाख रुपये फ्रीज करने में कामयाबी मिली है। एक पुलिस अधिकारी ने आशंका जताई है कि ये ठगी विदेश से कॉल करने वालों की ओर से अंजाम दी गई थी। लेकिन भारत में ठगों के सहयोगियों ने उन्हें लक्ष्य के बारे में जानकारी इकट्ठा करने में मदद की है।

क्या है मामला ?

आरोप है कि ठगों ने बुजुर्ग को धमकाया और कहा कि तुम्हारे नाम पर ताइवान से एक पार्सल आया है, जिसके अंदर कई तरह की प्रतिबंधित किस्म की दवाइयां मिली है। इस वजह से तुम्हारे खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा और तुम्हें गिरफ्तार किया जाएगा। यह बात सुनकर बुजुर्ग घबरा गए।

आरोप है कि इसके बाद साइबर ठगों ने बुजुर्ग से कहा कि अगर तुम गिरफ्तारी से बचना चाहते हो तो सबसे पहले खुद को एक कमरे में बंद कर लो और अपने मोबाइल और लैपटॉप का कैमरा ऑन कर कर लो और जब तक तुम कैमरे के सामने रहोगे, तब तक तुम्हें गिरफ्तारी से बचाने की कोशिश की जाएगी। वरना, तुम्हारे परिवार के लोगों को भी अरेस्ट कर लिया जाएगा। बुजुर्ग ने साइबर ठगों की बात मान ली और वह करीब आठ घंटे तक कमरे में ही बैठे रहे।

 

 

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