Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

मतगणना से पूर्व भाजपा, कांग्रेस के गुजरात में जीत के दावे

Published

on

Loading

नई दिल्ली, 17 दिसम्बर (आईएएनएस)| गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए सोमवार की मतगणना से एक दिन पूर्व रविवार को सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी और प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने प्रदेश में जीत हासिल करने के अपने-अपने दावे किए हैं।

दोनों दल सरकार बनाने को लेकर आश्वस्त हैं। भाजपा प्रवक्ता जी. वी. एल. नरसिम्हा राव ने रविवार को आईएनएस से कहा, भाजपा के लिए यह लगातार छठी ऐतिहासिक जीत होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अपनी सकारात्मक व प्रदर्शन केंद्रित राजनीति के चलते भाजपा कई सालों से प्रदेश की राजनीति में हावी रही है।

उन्होंने कहा कि चुनाव के नतीजे से एक बार फिर साबित हो जाएगा कि लोग नकारात्मक प्रचार और भ्रामक असहिष्णुता के प्रभाव में आने वाले नहीं हैं।

एग्जिट पोल (चुनाव नतीजों का अनुमान) में हालांकि भाजपा की स्पष्ट जीत की संभावना जताई गई है, लेकिन कांग्रेस को आशा है कि वह 22 साल बाद प्रदेश की सत्ता हथियाने में कामयाब रहेगी।

पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने विश्वास व्यक्त किया है कि कांग्रेस की जीत होगी, क्योंकि गुजरात की जनता ने परिवर्तन के पक्ष में मतदान किया है।

सिंधिया ने अपने संसदीय चुनाव क्षेत्र मध्यप्रदेश के गुना में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा, लोग सरकार बदलना चाहते हैं। कांग्रेस ने युवाओं, महिलाओं, किसानों और श्रमिकों समेत समाज के हर वर्ग के लिए अपना विजन पेश किया है।

उन्होंने गुजरात में कड़ी मेहनत करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की तारीफ की।

गुजरात की 182 विधानसभा सीटों के लिए सोमवार को मतों की गणना होगी। नौ और 14 दिसंबर को दो चरणों में संपन्न हुए मतदान में प्रदेश के 2.97 करोड़ मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। पिछले विधानसभा चुनाव 2012 के मुकाबले इस बार 25 लाख ज्यादा मतदाताओं ने वोट किया है।

कांग्रेस ने 1980 में गुजरात में क्षत्रीय, हरिजन (दलित), आदिवासी और मुस्लिम को मिलाकर केएचएएम कार्ड खेला था। गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री माधव सिंह सोलंकी की इस गणित की बदौलत तब कांग्रेस को गुजरात में 182 में से 149 सीटों पर जीत हासिल हुई थी।

इस बार पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पीएएसएस) के संयोजक हार्दिक पटेल, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के नेता अल्पेश ठाकोर और दलित नेता जिग्नेश मेवाणी का साथ कांग्रेस के पक्ष में जाता है। माधव सिंह सोलंकी के पुत्र भरतसिंह सोलंकी गुजरात में कांग्रेस के अध्यक्ष हैं।

पाटीदार आंदोलन, ओबीसी के एक वर्ग की ओर से विरोध प्रदर्शन और दलितों के प्रति अत्याचार को लेकर प्रदर्शन के चलते गुजरात विधानसभा चुनाव में जाति का मसला प्रमुख रहा। कांग्रेस ने इसका फायदा उठाने की कोशिश की है।

कांग्रेस की राजनीति का प्रतिकार करने के लिए भाजपा ने अयोध्या में राम मंदिर के मसले को उभारा था। साथ ही, कांग्रेस से निलंबित हुए नेता मणिशंकर अय्यर द्वारा प्रधानमंत्री के लिए ‘नीच’ शब्द का प्रयोग और पाकिस्तान के साथ कांग्रेस की सांठ-गांठ जैसे मसलों को भाजपा ने प्रदेश में विधानसभा चुनाव के दौरान जोरदार तरीके से उभारा था।

मोदी के 2001 में गुजरात के मुख्यमंत्री बनने के बाद से हर विधानसभा चुनाव में भाजपा की सीटों और वोट प्रतिशत में कमी आई है।

भाजपा को 2002 के विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा 44.81 फीसदी वोट के साथ 127 सीटें मिली थीं, जबकि कांग्रेस को 35.20 फीसदी वोट के साथ महज 53 सीटें हासिल हुई थीं।

गुजरात में 2007 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को 49 फीसदी वोट के साथ 117 सीटें मिली थीं और कांग्रेस 39.63 फीसदी वोट के साथ 59 विधानसभा क्षेत्रों में जीत हासिल करने में कामयाब रही थी।

वर्ष 2012 में भाजपा को विधानसभा चुनाव में 48.30 फीसदी वोटों के साथ 115 सीटें हासिल हुई थीं, जबकि कांग्रेस 40.59 फीसदी वोट के साथ 61 सीटें हासिल कर पाई थी।

Continue Reading

नेशनल

रेलवे बोर्ड ने अपने सभी जोन के लिए जारी किया निर्देश, ट्रेन में या ट्रेन की पटरियों पर रील बनाने वालों के खिलाफ दर्ज होगा केस

Published

on

Loading

नई दिल्ली। रेलवे बोर्ड ने अपने सभी जोन के लिए निर्देश जारी कर कहा है कि रेल सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने पर केस दर्ज किया जाएगा। यानी अगर कोई शख्स ट्रेन में या ट्रेन की पटरियों पर रील बनाएगा तो उसके खिलाफ केस दर्ज किया जाएगा।

क्या है पूरा मामला?

दरअसल लोग सोशल मीडिया पर वायरल होने के लिए रेल और रेल की पटरियों पर रील बनाते हैं। कई जगह ये भी देखा गया है कि रील बनाते-बनाते लोग चलती ट्रेन से घायल भी हुए हैं। युवाओं में खासकर यह क्रेज है कि वह रेलवे की पटरियों पर जाकर एक्शन रील बनाते हैं या फिर कुछ एक्सपेरिमेंट करते हैं, जैसेकि ट्रेन की पटरी पर पत्थर रख दिया या कोई सामान रख दिया। इस तरह की रील बनाने वाले लोग खुद के साथ-साथ रेल यात्रियों की जिंदगी भी खतरे में डालते हैं।

ऐसे में रेल पटरियों और चलती ट्रेनों में रील बनाने को लेकर सरकार सख्त रवैया अपना रही है। ऐसा करने पर आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा। रेलवे बोर्ड ने इस मामले में अपने सभी जोन को निर्देश दिया है, जिसमें कहा गया है कि अगर रील बनाने वाले सुरक्षित रेल परिचालन के लिए खतरा उत्पन्न करते हैं या कोचों या रेल परिसरों में यात्रियों के लिए असुविधा का कारण बनते हैं तो उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाए।

Continue Reading

Trending