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प्रादेशिक

मध्य प्रदेश में छिड़ी ‘शिवराज बनाम दिग्विजय’ जंग

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संदीप पौरणिक

भोपाल। मध्य प्रदेश की सियासी जंग मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बीच सिमटकर रह गई है। कांग्रेस व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले को लेकर शिवराज पर हमले बोल रही है, तो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दिग्विजय के शासन में कथित अवैध नियुक्तियों को लेकर पलटवार तेज कर दिए हैं।

इन दिनों राज्य का सियासी पारा चढ़ा हुआ है। इसकी वजह व्यापमं घोटाले की जांच सर्वोच्च न्यायालय द्वारा केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपा जाना है, तो जबलपुर उच्च न्यायालय द्वारा दिग्विजय सिंह के मुख्यमंत्रित्व काल में हुई एक अवैध नियुक्ति को रद्द कर तमाम नियुक्तियों की जांच का फैसला सुनाया जाना है। उच्च न्यायालय की युगलपीठ ने दिग्विजय सिंह के शासन काल में उपयंत्री (सब इंजीनियर) अरुण तिवारी की नियुक्ति को अवैध करार देते हुए रद्द कर दिया था। तिवारी की नियुक्ति दिग्विजय की नोटशीट (पर्ची) पर हुई थी। यह फैसला आते ही भाजपा की बांछें खिल गईं और भाजपा संगठन से लेकर सरकार के मंत्रियों तक ने दिग्विजय पर जोरदार हमले बोल दिए हैं। दिग्विजय की कई नियुक्ति संबंधी नोटशीटों को सार्वजनिक किया जा रहा है।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान ने कहा कि दिग्विजय सिंह ने अपने शासनकाल को सामंतशाही और राजे-रजवाड़े की तरह चलाया, लोकतांत्रिक प्रक्रिया की अवमानना की। इस तरह प्रदेश की प्रतिभाओं के साथ अन्याय हुआ। उन्होंने कहा कि भाजपा प्रदेश के नौजवानों के साथ हुए अन्याय के खिलाफ संघर्ष करेगी। वहीं स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने दिग्विजय सिंह को फर्जी नियुक्तियों का सरगना बताया है। भाजपा ने वह नोटशीट भी जारी की है जो दिग्विजय सिंह ने लिखी थी।

भाजपा के आरोपों का दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर जवाब दिया है। इसमें कहा गया है, “नियम के विरुद्ध कुछ नहीं हुआ था। नियम के शिथिलीकरण का मंत्रिपरिषद से आदेश लिया गया था। व्यापमं की तरह युवकों को लूटकर नियुक्ति नहीं दी गई थी।” उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा है, “मैंने अपने कार्यकाल में जो भी निर्णय लिए, विधिवत शासकीय नियमों के अंतर्गत लिए।” राज्य की राजनीति के जानकारों की मानें तो भाजपा और कांग्रेस को अपनी सुविधा के मुताबिक हमला करने का मौका मिल गया है। भाजपा के लिए दिग्विजय से अच्छा लक्ष्य हो ही नहीं सकता, क्योंकि वह कांग्रेस का सबसे प्रभावशाली चेहरा हैं। इधर कांग्रेस के लिए शिवराज की छवि को दागदार बनाने का व्यापमं से अच्छा हथियार मिल नहीं सकता। लिहाजा, दोनों दल अपनी सुविधा के मुताबिक जंग में जुट गए हैं।

कांग्रेस पिछले कई माह से व्यापमं घोटाले को लेकर विधानसभा व लोकसभा से लेकर सड़क तक पर हंगामा करती आ रही है। एक तरफ विधानसभा का मानसून सत्र हंगामे की भेंट चढ़ा तो अब लोकसभा और राज्यसभा में भी यही हो रहा है। कांग्रेस ने राज्य की सड़कों पर भी कई प्रदर्शन किए। कांग्रेस के इन हमलों के बीच भाजपा को दिग्विजय काल की अवैध नियुक्तियों का मामला हाथ लगा है, लिहाजा वह इसे हाथ से यूं ही नहीं जाने देना चाहती।

IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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