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मनपसंद खरीदारी से मिलता है चरम आनंद

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न्यूयार्क| अपने पसंदीदा स्टोर से पसंदीदा खरीदारी करने का मौका मिल जाए तो निश्चित तौर पर आपकी बाछें खिल जाएंगी, लेकिन क्या आपको पता है कि इस तरह जीभर कर और पसंदीदा खरीदारी से आपको चरम आनंद भी मिल सकता है। मिशिगन विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार, इस तरह की बड़ी खरीदारी से मिलने वाला सुखद अहसास रति क्रिया से मिलने वाले आनंद के समान होता है। वेबसाइट ‘बसल डॉट कॉम’ के अनुसार, अनुसंधानकर्ताओं ने अपने शोध में इस तरह की बड़ी खरीदारी से मस्तिष्क में उद्दिप्त होने वाले एक विशेष स्पॉट को चिह्नित किया है और साथ ही पाया कि यह स्पॉट आनंद प्रदान करने वाले अन्य प्रेरकों जैसे कि रति क्रिया के कारण भी उद्दिप्त होता है।

चेहरे की भाव-भंगिमा पहचानने वाली प्रणाली का उपयोग करते हुए एक 30 वर्षीय महिला को खरीदारी के लिए उनके पसंदीदा स्टोर भेजा गया। इस दौरान शोधकर्ताओं ने महिला के मस्तिष्क की निगरानी करने वाली एक प्रणाली का इस्तेमाल कर खरीदारी के समय उनकी खुशी के स्तर पर बराबर नजर रखा। शोधकर्ताओं ने पाया कि महिला की खुशी दर्शाने वाली प्रणाली तब सर्वोच्च स्तर पर रही, जब उन्हें एक जोड़ी पैंट मिल गए, जिन्हें वह हमेशा से खरीदना चाहती थीं। मुख्य शोधकर्ता स्कॉट रिक के अनुसार, “व्यक्ति से पूछने के बजाय हमने सीधे मस्तिष्क से ही जानने की कोशिश की। इसके लिए हमने लोगों को खरीदारी का मौका दिया और इस दौरान उनके मस्तिष्क की गतिविधि पर चलायमान एमआरआई के जरिए नजर रखी।” हालांकि शोधकर्ताओं ने यह भी बताया कि खरीदारी करते हुए अत्यधिक कीमत अदा करने पर यह अहसास बिल्कुल उलट जाते हैं।

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फेमस न्यूक्लियर फिजिस्ट होमी जहांगीर भाभा का आज जन्मदिन, जानें कुछ उनके बारे में

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नई दिल्ली। इंडियन न्यूक्लियर प्रोग्राम के जनक और फेमस न्यूक्लियर फिजिस्ट होमी जहांगीर भाभा का आज जन्मदिन है। जे. भाभा, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (TIFR) के फाउंडिंग डायरेक्टर और फिजिक्स के प्रोफेसर भी थे। होमी जहांगीर भाभा का जन्म 30 अक्टूबर 1909 में एक अमीर पारसी परिवार में हुआ था। होमी जहांगीर भाभा के पिता का नाम जहांगीर होर्मुस्जी भाभा और माता का नाम मेहरबाई भाभा था, इनके पिता एक जाने-माने वकील थे जबकि माँ एक गृहिणी थीं।

होमी भाभा ने 16 साल की आयु में ही सीनियर कैम्ब्रिज परीक्षा पास कर ली थी। फिर वे गोनविले और कैयस कॉलेज में मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने के लिए कैम्ब्रिज गए। इसके बाद उन्होंने कैम्ब्रिज में कैवेंडिश लैब में रिसर्च करना शुरू किया और उनका पहला रिसर्च पेपर 1933 में प्रकाशित हुआ। दो साल बाद, उन्होंने अपनी पीएचडी हासिल की और 1939 तक कैम्ब्रिज में रहे।होमी भाभा ने छात्र के रूप में कोपेनहेगन में नोबेल पुरस्कार विजेता नील्स बोहर के साथ काम किया और क्वांटम सिद्धांत के विकास में प्रमुख भूमिका निभाई।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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