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मप्र : छात्रवृत्ति को ‘आधार’ से जोड़ा जाएगा

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भोपाल, 29 जनवरी (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश में लगभग डेढ़ करोड़ विद्यार्थियों को छात्रवृति समग्र शिक्षा पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन वितरित की जाने लगी है। इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग को नोडल अधिकारी बनाया गया है। इसके साथ ही छात्रवृत्ति को आधार से जोड़ा जा रहा है। आधिकारिक तौर पर सोमवार को मिली जानकारी के अनुसार, आठ शासकीय विभाग की 30 प्रकार की छात्रवृत्ति समग्र शिक्षा पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन वितरित की जाने लगी है। इस व्यवस्था में प्रदेश के समस्त सरकारी और निजी शिक्षण संस्थाओं में पढ़ाई कर रहे एक करोड़ 48 लाख विद्यार्थियों की प्रोफाइल को ऑनलाइन किया गया है। इसी आधार पर छात्रवृत्ति की गणना कर उसका वितरण सुनिश्चित किया गया है।

बताया गया है कि प्रत्येक स्कूल के विद्यार्थियों की समग्र यूनिक आईडी बनाई जा रही है। प्रत्येक छात्र की प्रोफाइल में जाति, माता-पिता का व्यवसाय, परिवार की वार्षिक आय, बीपीएल स्टेटस, छात्रावास स्टेटस और छात्र के गत वर्ष के परीक्षा परिणाम को शामिल किया गया है।

स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा ऑनलाइन छात्रवार एवं कक्षावार नामांकन एवं उनका प्रोफाइल डिजिटलाइज्ड होने के कारण सभी विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति वितरण के साथ-साथ विभाग की अन्य योजनाओं का क्रियान्वयन भी ऑनलाइन किया गया है। डायरेक्ट बेनिफिट की पहल को आगे बढ़ाते हुए कक्षा-एक से 12 तक पढ़ाई कर रहे सभी विद्यार्थियों को 30 प्रकार की छात्रवृत्तियां, साइकिल वितरण, गणवेश और लैपटॉप आदि की राशि भी सीधे उनके खाते में भेजी गई हैं।

सरकार का दावा है कि यह प्रक्रिया प्रभावशील हो जाने से छात्रवृत्ति की राशि विद्यार्थियों को समय पर मिलने लगी है। साथ ही, मध्यस्थों की भूमिका भी समाप्त हो गई है। मिशन वन क्लिक में प्रत्येक छात्र की यूनिक आईडी होने से शिक्षण संस्थाओं में दोहरा प्रवेश और छात्रवृत्ति संबंधी दोहरीकरण की समस्या भी समाप्त हो गई है। पूर्व में एक ही विद्यार्थी के दो अलग-अलग शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश होने और छात्रवृत्ति में गड़बड़ी होने की शिकायतें मिला करती थीं। अब छात्रवृत्ति वितरण को आधार से जोड़ा जा रहा है।

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नेशनल

साइबर ठगों ने किया डिजिटल अरेस्ट खाते से उड़ाए 10 करोड़ रुपये, दिल्ली के रोहिणी इलाके का मामला

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नई दिल्ली। दिल्ली के रोहिणी इलाके में 70 साल के रिटायर्ड इंजीनियर से साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट कर 10 करोड़ और 30 लाख रुपये अपने अकाउंट्स में ट्रांसफर करा लिए। बुजुर्ग की शिकायत पर दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने मुकदमा दर्ज कर लिया है और 60 लाख रुपये की रकम को बैंक में फ्रीज करा दिया है।

पुलिस ने क्या बताया?

पुलिस ने रिटायर्ड इंजीनियर को डिजिटल अरेस्ट कर के 10 करोड़ रुपये की ठगी के मामले में जानकारी दी है। पुलिस के मुताबिक, पीड़ित रिटायर्ड इंजीनियर अपनी पत्नी के साथ में रोहिणी के सेक्टर 10 इलाके में रहते हैं। पुलिस ने रिटायर्ड इंजीनियर की शिकायत के आधार पर साइबर सेल में प्राथमिकी दर्ज कर लिया है।

60 लाख रुपये फ्रीज

दिल्ली पुलिस ने बताया है कि रोहिणी में हुए डिजिटल अरेस्ट यानी धन उगाही के लिए ऑनलाइन डराने-धमकाने के मामले में उन्हें 60 लाख रुपये फ्रीज करने में कामयाबी मिली है। एक पुलिस अधिकारी ने आशंका जताई है कि ये ठगी विदेश से कॉल करने वालों की ओर से अंजाम दी गई थी। लेकिन भारत में ठगों के सहयोगियों ने उन्हें लक्ष्य के बारे में जानकारी इकट्ठा करने में मदद की है।

क्या है मामला ?

आरोप है कि ठगों ने बुजुर्ग को धमकाया और कहा कि तुम्हारे नाम पर ताइवान से एक पार्सल आया है, जिसके अंदर कई तरह की प्रतिबंधित किस्म की दवाइयां मिली है। इस वजह से तुम्हारे खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा और तुम्हें गिरफ्तार किया जाएगा। यह बात सुनकर बुजुर्ग घबरा गए।

आरोप है कि इसके बाद साइबर ठगों ने बुजुर्ग से कहा कि अगर तुम गिरफ्तारी से बचना चाहते हो तो सबसे पहले खुद को एक कमरे में बंद कर लो और अपने मोबाइल और लैपटॉप का कैमरा ऑन कर कर लो और जब तक तुम कैमरे के सामने रहोगे, तब तक तुम्हें गिरफ्तारी से बचाने की कोशिश की जाएगी। वरना, तुम्हारे परिवार के लोगों को भी अरेस्ट कर लिया जाएगा। बुजुर्ग ने साइबर ठगों की बात मान ली और वह करीब आठ घंटे तक कमरे में ही बैठे रहे।

 

 

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