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मप्र : नर्सिग होम में नोटबंदी के बावजूद गंभीर मरीजों का इलाज

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मप्र : नर्सिग होम में नोटबंदी के बावजूद गंभीर मरीजों का इलाज

भोपाल | केंद्र सरकार द्वारा 500-1,000 रुपये के नोट अमान्य घोषित किए जाने के बाद मध्य प्रदेश के निजी नर्सिग होम एसोसिएशन ने मरीज के पास वैध नोट न होने पर भी आकस्मिक उपचार सुविधा उपलब्ध कराने का दावा किया है। राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं के संचालक डॉ के.के. ठस्सू की अध्यक्षता में मंगलवार को मध्य प्रदेश नर्सिग होम एसोसिएशन की बैठक हुई। राज्य शासन की ओर से एसोसिएशन को प्रदेश के निजी नर्सिग होम में इलाज करा रहे मरीजों को 500 एवं 1,000 रुपये के नोटों के बंद होने के कारण कोई कठिनाई नहीं होने देने के निर्देश दिए गए हैं।

ज्ञात हो कि नोटबंदी के बाद राज्य सरकार की ओर से पूर्व में निजी चिकित्सालयों एवं नर्सिग होम के संचालकों से कहा गया, “भारत सरकार के वित्त मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, बैंक के माध्यम से रोगी और उनके परिजन द्वारा निजी चिकित्सालयों या नर्सिग होम के बैंक खाते में उपचार के लिए आवश्यक राशि जमा की जा सकती है।”

संचालक डॉ. ठस्सू ने बैठक में कहा कि कुछ जिलों से शिकायतें मिल रही हैं कि आवश्यक वैध नोट न होने की स्थिति में निजी चिकित्सालयों में मरीजों को उपचार पाने में कठिनाई हो रही है।

एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने बैठक में बताया कि निजी अस्पताल रोगियों से चेक, ई-बैंकिंग, क्रेडिट-डेबिट कार्ड आदि के जरिए फीस जमा करा रहे हैं। गंभीर रूप से बीमार रोगियों के पास यदि वैध नोट नहीं हैं और वे ई-बैंकिंग के जरिए भी शुल्क नहीं जमा कर सकते हैं तो भी आकस्मिक उपचार उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। पदाधिकारियों ने आश्वस्त किया कि वे पुन: नसिर्ंग होम एसोसिएशन के जिला पदाधिकारियों को इन प्रावधानों की जानकारी देते हुए निर्देश जारी करेंगे।

बैठक में मध्य प्रदेश नर्सिग होम एसोसिएशन के सचिव डॉ. उमेश शारदा, डॉ. राहुल खरे, सलाहकार डॉ. दीपक शाह, संयुक्त संचालक राकेश मुंशी, उप संचालक डॉ. भूषण श्रीवास्तव, डॉ. उपेन्द्र दुबे और डॉ. दीपक दुबे मौजूद थे।

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IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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