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मप्र : भाजपा ने नेहरू को ‘लालची’ बताया, कांग्रेस ने मांगा आजादी का हिसाब
भोपाल, 23 जनवरी (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में मंगलवार को भारतीय जनता युवा मोर्चा द्वारा आयोजित ‘मेरे दीनदयाल अंतर्राष्ट्रीय सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता’ कार्यक्रम में पूछे गए सवाल और वितरित पत्रिका में पंडित जवाहरलाल नेहरू को ‘लालची’ बताए जाने पर विवाद खड़ा हो गया है।
कांग्रेस ने भाजपा से देश की आजादी में पंडित उपाध्याय और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के योगदान का ब्यौरा मांगा है। राजधानी सहित प्रदेशभर में भाजयुमो ने मंगलवार को सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता आयोजित की। इस प्रतियोगिता के प्रश्नपत्र में ज्यादातर सवाल राज्य की भाजपा सरकार से जुड़े हुए थे, वहीं ‘आपातकाल किसने लगाया?’ जैसा सवाल भी था। इस मौके पर एक पुस्तिका ‘मेरे दीनदयाल’ वितरित की गई।
इस पुस्तिका में एक तरफ सवालों के जरिए कांग्रेस को घेरा गया, तो दूसरी ओर पंडित नेहरू को ‘लालची’ बताया गया। इससे कांग्रेस भड़क उठी। नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने आईएएनएस से कहा, भाजपा को भी यह पता है कि पंडित नेहरू ने इस देश के लिए क्या किया, आजादी की लड़ाई में कई बार जेल गए। भाजपा जानबूझकर आजादी के सेनानियों के नाम मिटाने पर तुली है।
उन्होंने कहा, आजादी के आंदोलन में कांग्रेस के नेताओं के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। हां, भाजपा भी यह बताए कि पंडित उपाध्याय ने आजादी के आंदोलन में क्या किया, कोई उनका इतिहास हो तो उसे सामने लाए।
आयोजन में वितरित की गई पुस्तक में एक स्थान पर लिखा है, पंडित उपाध्याय का स्पष्ट मत था कि भारत माता को खंडित किए बिना भी भारत की आजादी प्राप्त की जा सकती थी और भारत माता को परम वैभव तक पहुंचाने में हम अधिक तीव्र गति से सफल हो सकते थे, किंतु पंडित नेहरू और जिन्ना के सत्ता के लालच और अंग्रेजों की चाल में आ जाने से भारतवासियों का यह सपना पूर्ण नहीं हुआ और खंडित भारत को आजादी मिली।
भाजपा का दावा है कि इस प्रतियोगिता में 30 लाख से ज्यादा युवाओं ने हिस्सा लिया। भोपाल के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित अनेक नेता मौजूद थे, वहीं प्रमुख स्थानों के कार्यक्रम में राष्ट्रीय नेताओं की मौजूदगी रही।
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रेलवे बोर्ड ने अपने सभी जोन के लिए जारी किया निर्देश, ट्रेन में या ट्रेन की पटरियों पर रील बनाने वालों के खिलाफ दर्ज होगा केस
नई दिल्ली। रेलवे बोर्ड ने अपने सभी जोन के लिए निर्देश जारी कर कहा है कि रेल सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने पर केस दर्ज किया जाएगा। यानी अगर कोई शख्स ट्रेन में या ट्रेन की पटरियों पर रील बनाएगा तो उसके खिलाफ केस दर्ज किया जाएगा।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल लोग सोशल मीडिया पर वायरल होने के लिए रेल और रेल की पटरियों पर रील बनाते हैं। कई जगह ये भी देखा गया है कि रील बनाते-बनाते लोग चलती ट्रेन से घायल भी हुए हैं। युवाओं में खासकर यह क्रेज है कि वह रेलवे की पटरियों पर जाकर एक्शन रील बनाते हैं या फिर कुछ एक्सपेरिमेंट करते हैं, जैसेकि ट्रेन की पटरी पर पत्थर रख दिया या कोई सामान रख दिया। इस तरह की रील बनाने वाले लोग खुद के साथ-साथ रेल यात्रियों की जिंदगी भी खतरे में डालते हैं।
ऐसे में रेल पटरियों और चलती ट्रेनों में रील बनाने को लेकर सरकार सख्त रवैया अपना रही है। ऐसा करने पर आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा। रेलवे बोर्ड ने इस मामले में अपने सभी जोन को निर्देश दिया है, जिसमें कहा गया है कि अगर रील बनाने वाले सुरक्षित रेल परिचालन के लिए खतरा उत्पन्न करते हैं या कोचों या रेल परिसरों में यात्रियों के लिए असुविधा का कारण बनते हैं तो उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाए।
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