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मप्र मतदाता सूची में गड़बड़ी के असली दोषियों को बचाने की कोशिश : कांग्रेस

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भोपाल, 22 अगस्त (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश में पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता यादवेंद्र सिंह और उनके परिवार के सदस्यों के नाम मतदाता सूची से गायब होने के मामले में विकास खंड स्तरीय अधिकारी (बीएलओ) एवं सहायक निरीक्षक रोहित मिश्रा को निलंबित किए जाने पर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिह ने सवाल किया है कि छोटे कर्मचारी पर कार्रवाई कर प्रशासन असली अपराधी को बचाने और उसके पीछे छिपे चेहरे को छुपाने की कोशिश कर रहा है। सिह ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी कांताराव से मांग की है कि वे इस पूरे प्रकरण की अपने कार्यालय से जांच दल भेजकर परीक्षण करवाएं, ताकि इसके साथ ही पूरे प्रदेश में चल रही गड़बड़ी का सच सामने आ सके।

नेता प्रतिपक्ष सिह ने बुधवार को जारी एक बयान में कहा कि मतदाता सूची में भी ई-टेंडर जैसा घोटाला हो रहा है, जिसमें एक प्राइवेट एजेंसी के ऑपरेटर के पास पासवर्ड हैं।

उन्होंने आरोप लगाया, राजनीतिक दलों और प्रदेश की जनता के लिए अति महत्वपूर्ण दस्तावेज की जिम्मेदारी निजी व्यक्ति के पास रहना यह बताता है कि इसके जरिए अगले चुनाव में व्यापक पैमाने पर गड़बड़ी की योजना बनाई जा रही है। जिस तरह लाखों फर्जी मतदाता सामने आ रहे हैं, उससे स्पष्ट है कि इसके पीछे एक बड़ी साजिश काम कर रही है।

सिह ने कहा, इस बात की जांच किए बगैर कि बीएलओ ने जो सूची अनुमोदित की, उसमें पूर्व मंत्री यादवेंद्र सिह और उनके परिवार वालों के नाम थे या नहीं, उन्हें (बीएलओ) निलंबित कर दिया गया। यहां यह भी बात गौरतलब है कि जिस व्यक्ति का नाम काटे अथवा जोड़े जाते हैं, उसका फॉर्म बीएलओ भरता है, जिसका परीक्षण सुपरवाइजर करता है। इसमें नाम जोड़ने एवं काटने का काम एसडीएम करता है।

सिंह ने कहा, इस मामले में जांच यह होनी चाहिए कि क्या बीएलओ ने नाम काटे थे और सुपरवाइजर ने इसका सत्यापन किया था, या नाम बाद में काटा गया। इस कार्यवाही से स्पष्ट है कि इसके लिए जिम्मेदार बड़े लोगों और असली चेहरों को हर बार की तरह इस मामले में भी बचाया गया।

ज्ञात हो कि पूर्व मंत्री और उनके परिजनों के नाम गायब होने के मामले में जिला निर्वाचन अधिकारी अभिजीत अग्रवाल ने विकास खंड स्तरीय अधिकारी एवं सहायक निरीक्षक रोहित मिश्रा को निलंबित कर दिया था।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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