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मप्र में आयोग करा रहा 101 क्षेत्रों की मतदाता सूची की जांच : कांग्रेस

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भोपाल, 17 जून (आईएएनएस)| अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के विधि प्रकोष्ठ के अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने यहां रविवार को बताया कि भारत निर्वाचन आयोग मध्य प्रदेश के 101 विधानसभा क्षेत्रों की मतदाता सूचियों की जांच घर-घर जाकर करवा रहा है, जिनकी शिकायत कांग्रेस ने की थी।

आयोग ने वस्तुस्थिति का ब्यौरा 20 जून तक मांगा है। आयोग ने पहले कांग्रेस द्वारा उठाए गए तथ्यों की जल्दबाजी में जांच कर उसे सीधे तौर पर नकार दिया था।

तन्खा ने बताया कि उन्होंने 13 जून को आयोग से मतदाता सूचियों की दोबारा जांच की मांग की थी, जिस पर आयोग ने उन्हें एक पत्र के जरिए बताया है कि जांच हो रही है। पत्र में लिखा गया है कि मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को फिर से जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। शिकायत में उल्लिखित सभी 101 विधानसभा क्षेत्रों में जांच की जाएगी। जांच के दौरान डुप्लीकेट, अवैधानिक, दोहरे, अपात्र और झूठे अंकित मतदाताओं के नाम पाए जाने पर को देखा जाएगा।

तन्खा ने बताया है कि इन विधानसभा क्षेत्रों से संबंधित जिला निर्वाचन अािकारियों द्वारा घर-घर जाकर मतदाताओं का भौतिक सत्यापन करवाया जा रहा है। इसकी रिपोर्ट भारत निर्वाचन आयोग को 20 जून तक मिल जाएगी। आयोग ने लिखा है कि रिपोर्ट मिलने पर शिकायतकर्ताओं को सूचित किया जाएगा।

तन्खा ने बताया कि उन्होंने विगत 13 जून को भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त से मिलकर मध्य प्रदेश में 60 लाख फर्जी मतदाताओं की सूची की सघन और बारीकी से फिर से जांच कराए जाने का लिखित आग्रह किया था। आग्रह पत्र में लिखा गया था कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने 101 विाानसभा क्षेत्रों की मतदाता सूची में गड़बड़ी की शिकायत की थी, लेकिन केवल चार विधानसभा क्षेत्रों में जांच दल द्वारा जांच की गई, जो कि एक पक्षीय है।

उन्होंने कहा, कांग्रेस द्वारा उठाए गए तथ्यों की जल्दबाजी में किसी तरह जांच कर उसे सीधे नकार दिया जाना उचित नहीं है। अब आयोग भी मान रहा है कि हमारी शिकायत बेबुनियाद नहीं है।

तन्खा के मुताबिक, कांग्रेस द्वारा आयोग को सौंपी गई मतदाता सूचियों की प्रतियां, सीडी और पेनड्राइव में उल्लिखित शिकायतों की दोबारा जांच कराई जा रही है।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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