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मप्र : शिक्षिका ने चेन गिरवी रख चुकाया आंदोलन स्थल का किराया

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भोपाल, 16 जनवरी (आईएएनएस)| एक सुहागन के लिए गले की चेन और मंगलसूत्र अमूल्य हाता है, मगर मध्य प्रदेश में महिला अध्यापक शिल्पी सिवान को आंदोलन के लिए आवंटित कराए गए स्थल की कीमत अपनी चेन गिरवी रखकर चुकाना पड़ी है। वहीं एक शिक्षक शिवराज वर्मा ने अपनी अंगूठी गिरवी रखकर शिल्पी का साथ दिया।

राजधानी में शनिवार को आजाद अध्यापक संघ ने भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स (भेल) के जम्बूरी मैदान में अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया था और इस दौरान महिला अध्यापकों ने भी सिर मुंडवा लिया था। आंदोलनकारी अध्यापकों को प्रदर्शन स्थल के किराए के तौर पर भेल प्रबंधन को 1.44 लाख रुपये चुकाने पड़े।

आजाद अध्यापक संघ की प्रांताध्यक्ष शिल्पी सिवान ने मंगलवार को आईएएनस से कहा, हमें पहले तो आंदोलन की अनुमति देने में प्रशासन ने आनाकानी की, उसके बाद शहर के भीतर स्थित मैदानों को आवंटित करने की बजाय भेल के जम्बूरी मैदान जाने को कहा। वहां पता चला कि लगभग 80 हजार रुपये किराया लगेगा।

शिल्पी की मानें तो वे जम्बूरी मैदान का किराया सुनकर ही चौंक गईं, क्योंकि उनका यह पहला अनुभव था। वह कहती हैं कि लोकतंत्र में आवाज उठाने का अधिकार हमें संविधान ने दिया है, और उसके लिए कीमत अदा करना पड़े, यह दुखदायी है।

उन्होंने बताया, हमने सहयोगियों के साथ मिलकर किसी तरह 80 हजार रुपये का इंतजाम किया। बाद में भेल प्रबंधन ने 1.44 लाख रुपये मांगे। तब मुझे अपनी चेन और साथी अध्यापक शिवराज वर्मा को अपनी अंगूठी गिरवी रखनी पड़ी।

संगठन के कार्यकारी अध्यक्ष श्रीकांत शिवहरे ने आईएएनएस से कहा, अध्यापकों के आंदोलन को विफल करने की सरकार से लेकर जिला प्रशासन तंत्र तक ने हर संभव कोशिश की, मगर हमने भी ठाना था कि आंदोलन करके रहेंगे। जब शहर के मैदान आवंटित नहीं किए गए और भेल का जम्बूरी मैदान दिया गया, तब उसका किराया चुकाने के लिए कई अध्यापकों ने अपने बैंक खातों से एटीएम के जरिए 10-10 हजार रुपये निकालकर सहयोग किया। इस सहयोग के चलते ही यह आंदोलन सफल हो सका। आंदोलन स्थल के किराए के अलावा टेंट और माइक का खर्च हमें अलग से लगा।

राज्य के अध्यापक शिक्षा विभाग में अपना संविलियन, अनुकंपा नियुक्ति और बीमा सहित अन्य सुविधाएं चाहते हैं, जो अन्य शासकीय कर्मचारियों को हासिल हैं। इसके लिए उनका आंदोलन वर्षो से चल रहा है। उसी क्रम में आजाद अध्यापक संघ ने भोपाल में आंदोलन किया।

शिल्पी सिवान अपनी सोने की चेन गिरवी रखने की मजबूरी से बेहद आहत हैं। उन्होंने कहा, राज्य में 14 साल से भाजपा की सरकार है, इसलिए उसे गुरूर हो गया है, वह मनमानी पर उतर आई है। लोकतंत्र में जनता के अधिकार और संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों को भी कुचलने में उसे गुरेज नहीं हो रहा है। आने वाला समय उसे इन सब कारनामों का जवाब देगा।

अध्यापकों के अनुसार, वे बीते तीन माह से अपने आंदोलन के लिए जिला प्रशासन से संपर्क कर रहे थे, मगर प्रशासन आंदोलन को विफल करने का मन बना चुका था। लिहाजा उसने नीलम पार्क, शाहजहांनी पार्क, दशहरा मैदान आवंटित नहीं किया। आखिर में जम्बूरी मैदान देने को राजी हुआ। प्रशासन को आशंका थी कि, इतनी रकम ये अध्यापक दे नहीं पाएंगे, लिहाजा आंदोलन होगा ही नहीं।

आखिरकार आंदोलन हुआ और महिला अध्यापकों तक ने अपना सिर मुंडवाकर जिस तरह का आक्रोश दिखाया, उससे सरकार की कार्यशैली पर ही सवाल उठने लगे हैं। इस घटना से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की ‘महिला हितैषी’ की छवि को धक्का लगा है।

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नेशनल

केरल के कन्नूर जिले में चोरों ने व्यवसायी के घर से उड़ाए एक करोड़ रुपये, सोने के 300 सिक्के

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कन्नूर। केरल के कन्नूर जिले में चोरों के एक गिरोह ने वालापट्टनम में एक व्यवसायी के घर से एक करोड़ रुपये की नकदी और सोने की 300 गिन्नियां चुरा लिए। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी।पुलिस के मुताबिक चोरी की यह घटना उस समय हुई जब व्यवसायी और उसका परिवार एक विवाह समारोह में भाग लेने के लिए तमिलनाडु के मदुरै गए हुए थे। उन्होंने बताया कि चोरी का पता तब चला जब रविवार रात को व्यवसायी का परिवार घर लौटा और लॉकर में रखा कीमती सामान गायब पाया।

सीसीटीवी फुटेज में तीन लोगों को दीवार फांदकर घर में घुसते देखा

पुलिस सूत्रों ने बताया कि घर के सभी लोग 19 नवंबर से ही घर से बाहर थे। और संदेह है कि चोरों ने रसोई की खिड़की की ग्रिल काटकर घर में प्रवेश किया। सीसीटीवी फुटेज में तीन लोगों को दीवार फांदकर घर में घुसते देखा जा सकता है।

चोरों को लिए गए फिंगरप्रिंट

पीड़ित परिवार के एक रिश्तेदार ने मीडिया को बताया कि नकदी, सोना और अन्य कीमती सामान आलमारी में बंद करके रखे गए थे। इसकी चाबी दूसरे कमरे में रखी गई थी। पुलिस और ‘फिंगरप्रिंट’ (अंगुलियों के निशान) लेने वाले विशेषज्ञों की एक टीम घर पहुंची और सुबूत एकत्र किए तथा आरोपियों को पकड़ने के लिए व्यापक तलाश अभियान चलाया गया है।

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