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महादेई बेसिन पर कार्य की निगरानी को गोवा में टीम बनी

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पणजी, 25 जनवरी (आईएएनएस)| गोवा सरकार ने गुरुवार को एक विशेष दल का गठन किया है, जो निगरानी करेगा कि कहीं कर्नाटक और महाराष्ट्र उसके पानी को मोड़ने के लिए महादेई बेसिन पर नहरों के निर्माण और संचालन को जारी तो नहीं रखे हुए हैं। जल संसाधन मंत्री विनोद पालयेकर द्वारा जारी एक आदेश में चार अधिकारियों से एक सप्ताह में कम से कम दो बार पड़ोसी राज्यों के स्थलों का दौरा करने को कहा गया है।

महादेई को मंडोवी नदी के नाम से जाना जाता है और इसे उत्तरी गोवा की जीवनरेखा के रूप में देखा जाता है। यह कर्नाटक से शुरू होती है और कुछ समय के लिए महाराष्ट्र के माध्यम बहती हुई गोवा के पणजी में अरब सागर से मिलती है।

कर्नाटक में नदी करीब 28.8 किलोमीटर और गोवा में 50 से ज्यादा किलोमीटर तक बहती है।

आदेश में कहा गया है, सरकार द्वारा निर्देशित, इंजीनियरों का एक गठित दल निरंतर समय-समय पर निगरानी रखेगा कि महादेई नदी या इसकी सहायक नदियों पर महाराष्ट्र और कर्नाटक द्वारा कोई काम तो नहीं किया जा रहा है।

दल में दो इंजीनियर, सर्वेक्षक और एक तकनीकी सहायक होंगे, जिन्हें निर्देश दिए गए हैं कि महादेई बेसिन में महाराष्ट्र और कर्नाटक द्वारा शुरू किए गए किसी भी निर्माण की रिपोर्ट तुरंत दें।

विभाग के मुख्य अभियंता एस.टी. नाडकरणी द्वारा हस्ताक्षरित आदेश में यह भी कहा गया है, हर पखवाड़े की आवधिक रिपोर्ट सरकार के पास जमा होनी चाहिए। टीम हर सप्ताह में कम से कम दो बार समान्य तौर पर स्थलों का दौरा करेगी।

इस बीच गुरुवार तड़के, किसानों, कन्नड़ समर्थक संगठनों और क्षेत्रीय संगठनों की हड़ताल के मद्देनजर राज्य परिवहन निगम ने कर्नाटक जाने वाली सभी बस सेवाएं रोक दीं। यह सभी संगठन महादेई अंतर्राज्यीय जल साझाकरण विवाद के प्रति केंद्र सरकार की उदासीनता का विरोध कर रहे हैं।

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नेशनल

रेलवे बोर्ड ने अपने सभी जोन के लिए जारी किया निर्देश, ट्रेन में या ट्रेन की पटरियों पर रील बनाने वालों के खिलाफ दर्ज होगा केस

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नई दिल्ली। रेलवे बोर्ड ने अपने सभी जोन के लिए निर्देश जारी कर कहा है कि रेल सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने पर केस दर्ज किया जाएगा। यानी अगर कोई शख्स ट्रेन में या ट्रेन की पटरियों पर रील बनाएगा तो उसके खिलाफ केस दर्ज किया जाएगा।

क्या है पूरा मामला?

दरअसल लोग सोशल मीडिया पर वायरल होने के लिए रेल और रेल की पटरियों पर रील बनाते हैं। कई जगह ये भी देखा गया है कि रील बनाते-बनाते लोग चलती ट्रेन से घायल भी हुए हैं। युवाओं में खासकर यह क्रेज है कि वह रेलवे की पटरियों पर जाकर एक्शन रील बनाते हैं या फिर कुछ एक्सपेरिमेंट करते हैं, जैसेकि ट्रेन की पटरी पर पत्थर रख दिया या कोई सामान रख दिया। इस तरह की रील बनाने वाले लोग खुद के साथ-साथ रेल यात्रियों की जिंदगी भी खतरे में डालते हैं।

ऐसे में रेल पटरियों और चलती ट्रेनों में रील बनाने को लेकर सरकार सख्त रवैया अपना रही है। ऐसा करने पर आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा। रेलवे बोर्ड ने इस मामले में अपने सभी जोन को निर्देश दिया है, जिसमें कहा गया है कि अगर रील बनाने वाले सुरक्षित रेल परिचालन के लिए खतरा उत्पन्न करते हैं या कोचों या रेल परिसरों में यात्रियों के लिए असुविधा का कारण बनते हैं तो उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाए।

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