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महाराष्ट्र, ˜यम्बकेश्वर मंदिर ट्रस्ट को सर्वोच्च न्यायालय का नोटिस
नई दिल्ली, 19 जून (आईएएनएस)| सर्वोच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र के ऐतिहासिक यम्बकेश्वर शिव मंदिर के न्यासी मंडल में महिलाओं के लिए दो सीटें आरक्षित करने के साथ आम जनता के लिए न्यासियों की संख्या बढ़ाकर छह करने की मांग करने वाली याचिका पर महाराष्ट्र और यम्बकेश्वर संस्थान ट्रस्ट से जवाब मांगा है।
न्यायमूर्ति एस. अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा की अवकाश पीठ ने सोमवार को राज्य और ट्रस्ट के साथ ही राज्य के धर्मादा आयुक्त और यम्बकेश्वर नगर परिषद को नोटिस जारी किया था और याचिका पर उनसे जवाब मांगा था। अदालत ने मामले की सुनवाई जुलाई के लिए सूचीबद्ध कर दी है।
यह याचिका मंदिर के न्यासियों में से एक ललिता संदीप शिंदे ने दायर की थी और आम नागरिक न्यासियों की संख्या चार से बढ़ाकर छह करने की मांग की थी, ताकि ट्रस्ट के प्रशासन में जनता की भागीदारी बढ़ाई जा सके।
वर्तमान में ट्रस्ट में आम जनता की तरफ से चार सदस्य, जिला न्यायाधीश और नगर परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी द्वारा नामित दो पदेन सदस्य, और एक-एक सदस्य तुंगारों, पुरोहितों, पुजारियों की तरफ से शामिल हैं।
याचिका दाखिल करने वाले वकील आनंद मिश्रा ने कहा कि ट्रस्ट में आम जनता के लोग कम संख्या में हैं और जिला न्यायाधीश के प्रतिनिधि आम जीवन से जुड़े नहीं हैं।
यम्बकेश्वर नासिक जिले में यम्बक कस्बे में स्थित प्राचीन हिंदू मंदिर है। यह भगवान शिव का मंदिर है और 12 ज्योतिर्लिगों में से एक है।
नेशनल
क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?
नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’
जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.
मामले की पूरी जानकारी
राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।
पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।
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