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महाराष्ट्र में 2 गुटों में झड़प, 2 की मौत

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औरंगाबाद (महाराष्ट्र), 12 मई (आईएएनएस)| औरंगाबाद में दो गुटों के बीच झड़प में दो लोगों की मौत हो गई, जबकि 10 पुलिसकर्मियों सहित 40 घायल हो गए। झड़प की शुरुआत शुक्रवार देर शाम उस समय हुई, जब मोतीकरंजा में एक विशेष समुदाय से ताल्लुक रखने वाले सदस्यों के अवैध जल कनेक्शन हटा दिए गए। लोगों ने तुरंत हंगामा शुरू कर दिया और पत्थरबाजी करने लगे। दुकानों और वाहनों को भी निशाना बनाया गया।

पुलिस बल घटनास्थल पर पहुंच गई, लेकिन वे हिंसा को काबू करने में नाकाम रहे। पुलिसकर्मियों ने हिंसक भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारें कीं और आंसू गैस के गोले और प्लास्टिक के छर्रे छोड़े। प्रभावित इलाकों में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है।

दोनों लोगों की मौत के कारण का अभी तक पता नहीं चल पाया है। दोनों की पहचान भी की जानी बाकी है।

औरंगाबाद के पुलिस आयुक्त मिलिंद भरम्बे ने कहा कि वहां दो दौर में हिंसा हुई। शुक्रवार शाम को हिंसा होने के बाद अगले दिन शनिवार को भी हिंसा हुई, लेकिन अब हालात नियंत्रण में हैं।

भरम्बे ने मीडिया को बताया, यह एक छोटा-सा मुद्दा था। अफवाहों के कारण इसे तूल मिला और तनाव बढ़ गया। कुछ असामाजिक तत्वों ने स्थानीय दुकानों और वाहनों को आग के हवाले कर दिया।

हिंसा का सबसे ज्यादा असर शाहगंज, नवाबपुरा, राजाबाजार और अंगरीबाग में देखने को मिला, जहां हालात काबू में होने के बाद भी तनाव कायम रहा।

स्थानीय प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, छोटे व्यापारियों की तीन दर्जन से भी अधिक दुकानों को जला दिया गया। इसके आलावा, कई सारे निजी वाहनों एवं दो पुलिस वैन को भी अगा के हवाले कर दिया गया।

राज्य सरकार ने राज्य रिजर्व पुलिस बल, भारतीय रिजर्व बटालियन की इकाइयों को तैनात किया, साथ ही शांति बनाए रखने के लिए पड़ोसी शहर बीड और जालना में भी सुरक्षाकर्मियों को भेजा है।

मुंबई में एक अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को मामले की जानकारी दे दी गई है, जबकि हालात का जायजा लेने के लिए राज्य के गृहमंत्री दीपक केसरकर औरंगाबाद पहुंच रहे हैं।

भरम्बे के अलावा के केसरकर और औरंगाबाद के कलेक्टर उदय चौधरी ने भी आज दोपहर में बैठक की और मौजूदा स्थिति के बारे में चर्चा की।

उन्होंने शहर के लोगों से शांत रहने और अफवाहों पर भरोसा न करने के लिए कहा है।

विधानसभा में विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखे पाटील ने फडणवीस पर निशाना साधते हुए कहा, यह पुलिस विभाग की नाकामी है और पिछले चार वर्षो से गृह विभाग की बागडोर फडणवीस के हाथों में है। वह कानून-व्यवस्था को बनाए रखने में सफल नहीं हुए हैं और पूरे राज्य से हर रोज ऐसी घटनाएं हो रही हैं। उन्हें पद से इस्तीफा देना चाहिए।

इस घटना को खुफिया विभाग नाकामी करार देते हुए विधान परिषद में विपक्ष के नेता धनंजय मुंडे ने इस घटना की न्यायिक जांच कराने और पीड़ितों को मुआवजा देने की मांग की।

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने लोगों से शांति बनाए रखने और सांप्रदायिक एवं विभाजनकारी ताकतों को विफल करने का आग्रह किया।

चव्हाण ने कहा, दंगा करने वालों ने शहर में 100 से ज्यादा दुकानें जलाई हैं। पुलिस क्या कर रही थी जब ये उपद्रवी पूरी रात दंगा फैला रहे थे? क्या वे सरकार से संरक्षण पा रहे हैं?

इस बीच ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने मुख्यमंत्री से दंगे में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की अपील की है।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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