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महाराष्ट्र : वायुसेना पायलट का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार

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नासिक, 1 मार्च (आईएएनएस)| भारतीय वायुसेना के पायलट स्क्वोड्रन लीडर निनाद मंडावगने को शुक्रवार को यहां हजारों नम आंखों ने अंतिम विदाई दी, जब उनका यहां सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। एमआई-17 वी5 हेलीकॉप्टर के पायलट मंडावगने जम्मू एवं कश्मीर के बडगाम जिले में बुधवार को हेलीकॉप्टर दुर्घटना शहीद हुए वायुसेना के छह जवानों में से एक थे।

अंतिम संस्कार शुरू होते ही ‘भारत माता की जय’ और ‘शहीद निनाद अमर रहे’ के नारों के बीच मंगावगने को श्रद्धांजलि देने के लिए बिगुल ने अंतिम सलामी दी, सैनिकों ने अपनी रायफलें उलटी कर दीं। निनाद उम्र के तीसरे दशक में चल रहे थे।

निनाद की दो वर्षीय बेटी निया ने उनके ताबूत को अपनी मां विजेता की तरह चूमा, इस दौरान विजेता के चाचा नीरव और दादा-दादी उनके पास उदास खड़े थे।

इससे पहले विजेता ने सोशल मीडिया ‘योद्धाओं’ से संयम बरतने तथा भावनाओं को न भड़काने का आग्रह किया था।

उन्होंने कहा, “हम युद्ध नहीं चाहते। आप युद्ध के नुकसान नहीं जानते। हम और निनाद नहीं चाहते। सोशल मीडिया योद्धाओं, कृपया रुक जाओ। अगर आप युद्ध चाहते हैं तो सामने जाओ।”

निनाद ने अपनी स्कूली पढ़ाई नासिक स्थित भोंसला मिलिट्री स्कूल से की थी। उन्होंने औरंगाबाद स्थित सर्विसेज प्रीपेरेटरी इंस्टीट्यूट से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक किया और दिसंबर 2009 में भारतीय वायुसेना की हेलीकॉप्टर शाखा में शामिल हुए।

इस दौरान उन्होंने एचपीटी-32, चेतक, एमआई-8, एमआई-17, एमआई-171वी और एमआई-17वी5 हेलीकॉप्टर उड़ाए। वह नक्सलियों के खिलाफ छेड़े गए ऑपरेशन त्रिवेणी में शामिल रहे।

इसके अलावा वह राष्ट्रीय स्तर के हॉकी खिलाड़ी भी थे।

 

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महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात

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महाकुम्भनगर|  महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात किया गया है। हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की क्षमता वाले इस हाई सिक्योरिटी टीथर्ड ड्रोन की नजर से किसी का भी बच पाना नामुमकिन है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए यह अत्याधुनिक उपकरण महाकुम्भनगर में लगाया गया है। महाकुम्भनगर के एसएसपी ने इसकी निगरानी के लिए एक एक्सपर्ट टीम तैनात कर दी है।

हर गतिविधि होगी कैप्चर

महाकुम्भनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने इसे सेकेंडों में अलर्ट मोड में आ जाने वाला नायाब उपकरण बताया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि इस बार के महाकुम्भ को अविस्मरणीय बनाया जाए, जिसके लिए सुरक्षा व्यवस्था को हाईटेक किया जा रहा है। इस टीथर्ड ड्रोन में हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की अद्भुत क्षमता है। डेटा ट्रांसमिशन के लिए यह बेहद सुरक्षित है और ऊंचाई से महाकुम्भनगर की हर छोटी-बड़ी गतिविधियां कैप्चर करने में इसे महारत हासिल है।

महाकुम्भ पुलिस की तीसरी आंख से बच पाना नामुमकिन

महाकुम्भनगर की पुलिस के लिए टीथर्ड ड्रोन तीसरी आंख का काम कर रहा है। इससे बच पाना किसी के लिए भी नामुमकिन है। इसके जरिए संगम तट के अलावा अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले घाटों और प्रमुख स्थलों पर पैनी नजर रखी जा रही है। इसके अलावा मंदिरों और अन्य प्रमुख स्थलों पर नजर रखने के लिए हाई रिजॉल्यूशन कैमरे से लैस इस उपकरण को तैनात कर दिया गया है, जो पलक झपकते ही श्रद्धालुओं से संबंधित अलर्ट अफसरों को जारी कर रहे हैं।

एआई लाइसेंस युक्त कैमरे के साथ पुलिस अफसर मुस्तैद

महाकुम्भ के दौरान पुलिस पूरे मेला क्षेत्र में 2750 से अधिक सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है। इसमें आधे से ज्यादा एआई लाइसेंस युक्त कैमरे भी शामिल हैं। एसएसपी महाकुम्भनगर राजेश द्विवेदी के अनुसार, इस बार महाकुम्भनगर में 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। ऐसे में सीएम योगी की मंशा के अनुरूप सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद बनाए रखने और किसी तरह की कोई अप्रिय घटना न हो, इसके लिए हर अधिकारी मुस्तैदी से कार्य कर रहा है।

ये है टीथर्ड ड्रोन

महाकुम्भनगर की महत्ता को ध्यान में रखते हुए इस बार टीथर्ड ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। ये एक विशेष प्रकार के कैमरे होते हैं। इन कैमरों को एक बड़े बलून के सहारे रस्सी से बांधकर एक निश्चित ऊंचाई पर तैनात किया जाता है। महाकुम्भनगर में इन्हें ऊंचे टॉवर्स पर इंस्टॉल किया जा रहा है। यहीं से ये पूरे मेला क्षेत्र में नजर रख रहे हैं। इन्हें बार-बार उतारना भी नहीं पड़ेगा और ये पूरे मेला क्षेत्र पर अपनी पैनी नजर से निगरानी कर सकने में सक्षम हैं।

बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम

टीथर्ड ड्रोन की मदद से कंट्रोल रूम को मेला क्षेत्र की हर एक महत्वपूर्ण फुटेज प्राप्त हो सकेगी। इसके माध्यम से अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले स्थानों को चिह्नित कर वहां तत्काल पुलिस का प्रबंध किया जा सकता है। वहीं किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि पर भी नजर रखी जा सकती है। हाई रिजॉल्यूशन के कारण ये कैमरे बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम हैं।

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