प्रादेशिक
मांझी का भाजपा से सवाल, जाति जनगणना रिपोर्ट गुप्त क्यों?
पटना। कुछ महीने नीतीश कुमार का उत्तराधिकारी बनने के बाद पार्टी से बगावत कर भाजपा के करीब आए दलित नेता व पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी को जाति आधारित जनगणना रिपोर्ट का खुलासा न करने के भाजपा के फैसले पर आपत्ति है। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर जाति सर्वेक्षण की रिपोर्ट को गुप्त रखने की क्या जरूरत है? मांझी ने अपने फेसबुक वाल पर सोमवार को पोस्ट किया, “जब जातिगत जनगणना के लिए आयोग बना, सर्वे हुआ तो इसे गुप्त रखने की क्या जरूरत है? तथ्य सामने लाया जाना चाहिए।”
मांझी ने अपने फेसबुक वाल पर लिखा है कि जाति आधारित जनगणना रिपोर्ट सामने आने से ये बातें भी सामने भी आएंगी कि देश में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़े, अल्पसंख्यक और महिलाओं की कितनी आबादी है। रिपोर्ट आने से इन वर्गो के लिए चलाई जा रही योजनाओं का बजट बनाने में भी सहूलियत होगी। मांझी ने आगे लिखा, “समाज के लोगों की सही आर्थिक स्थिति के आंकड़े सामने आएंगे। चाहे वे किसी भी जाति के गरीब हो, इस रिपोर्ट में ये पता चलेगा कि कितने लोग भूमिहीन और मकानविहीन हैं। तभी तो इनकी स्थिति में सुधार के लिए प्रभावी निर्णय लिया जा सकता है।”
उन्होंने हालांकि इसे व्यक्तिगत राय बताते हुए कहा कि इस सर्वे को सिर्फ जाति से जोड़ना उचित नहीं है, बल्कि सर्वे में इन वर्गो के लोगों की वास्तविक स्थिति का भी पता चलेगा। उल्लेखनीय है कि मांझी भाजपा के साथ मिलकर आगामी बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके हैं। गौरतलब है कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने भी इस मामले को लेकर विरोध दर्ज कर चुका है। राजद के अध्यक्ष लालू प्रसाद रविवार को घोषणा कर चुके हैं कि 13 जुलाई को वह राजभवन तक मार्च करेंगे, साथ ही पार्टी पूरे प्रदेश में भाजपा के इस फैसले के खिलाफ प्रदर्शन करेगी।
उत्तर प्रदेश
संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद
संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।
इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।
इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।
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