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मुख्य समाचार

मांझी ने इमामगंज से भी पर्चा दाखिल किया

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गया। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख जीतन राम मांझी ने विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार को गया जिले के इमामगंज विधानसभा क्षेत्र से नामांकन का पर्चा दाखिल किया। इस मौके पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के कई नेता और मांझी समर्थक उपस्थित रहे। इससे पहले उन्होंने मखदुमपुर से पर्चा दाखिल किया था।

नामांकन का पर्चा दाखिल करने के बाद इमामगंज में एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बिहार में अपराध का ग्राफ तेजी से बढ़ा है। माझी ने कहा कि इमामगंज से चुनाव लड़ने का फैसला यहां के लोगों को ऐसे व्यक्ति से आजादी दिलाने के लिए लेना पड़ा है जो समाज का दुश्मन है। उन्होंने विश्वास जताते हुए कहा कि यहां के मतदाता उन्हें विजयी बनाएंगे।

गौरतलब है कि जनता दल (युनाइटेड), राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस महागठबंधन ने इमामगंज से विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी को उम्मीदवार बनाया है। मांझी ने जहानाबाद जिले के मखदुमपुर विधानसभा क्षेत्र से भी नामांकन का पर्चा दाखिल किया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में हम शामिल है।

भाजपा बिहार की 243 विधानसभा सीटों में से 160 पर, जबकि उसकी सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) 40 सीटों पर, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) 23 तथा हम 20 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। बिहार में विधानसभा कुल 243 सीट के लिए 12 अक्टूबर से 5 नवंबर के बीच पांच चरणों में मतदान होना है। मतों की गिनती 8 नवंबर को होगी।

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बदल गई उपचुनावों की तारीख! यूपी, केरल और पंजाब में बदलाव पर ये बोला चुनाव आयोग

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नई दिल्ली। विभिन्न उत्सवों के कारण केरल, पंजाब और उत्तर प्रदेश में विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होंगे। कांग्रेस, भाजपा, बसपा, रालोद और अन्य राष्ट्रीय और राज्य दलों के अनुरोध पर चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है।

विभिन्न उत्सवों की वजह से कम मतदान की किसी भी संभावना को खारिज करने के लिए, चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है। ऐसे में ये साफ है कि अब यूपी, पंजाब और केरल में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होंगे।

चुनाव आयोग के मुताबिक राष्ट्रीय और राज्य स्तर की पार्टियों की ओर से उनसे मांग की गई थी कि 13 नवंबर को होने वाले विधानसभा उपचुनाव की तारीख में बदलाव किया जाए, क्योंकि उस दिन धार्मिक, सामाजिक कार्यक्रम हैं। जिसके चलते चुनाव संपन्न करवाने में दिक्कत आएगी और उसका असर मतदान प्रतिशत पर भी पड़ेगा।

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