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माथुर ने पूर्वी वायु कमान के प्रमुख का पदभार संभाला

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 शिलांग, 1 मार्च (आईएएनएस)| एयर मार्शल राजीव दयाल माथुर ने शुक्रवार को यहां ‘पूर्वी वायु कमान’ के एयर ऑफीसर कमांडिंग-इन-चीफ का पदभार संभाला।

  यह जानकारी भारतीय वायुसेना के एक अधिकारी ने दी। एयर मार्शल माथुर ने एयर मार्शल अनिल रघुनाथ नांबियार का स्थान लिया है।

पूर्वी वायु कमान के अधीन 11 राज्य आते हैं। इसका मुख्यालय शिलांग है। इसके स्थाई एयर बेस छाबुआ, गुवाहाटी, बागडोगरा, बैरकपुरा, हासिमारा, जोरहाट, कलाइकुंडा और तेजपुर के साथ ही अग्रिम आधार अगरतला, कोलकाता, पानागढ़ और शिलांग में हैं।

कारगिल युद्ध के दौरान अपने विमान से पाकिस्तानी क्षेत्र में आठ में से पांच लेजर गाइडेड बम उड़ाने के लिए सराहे गए एयर मार्शल नांबियार भारतीय वायुसेना के स्वार्ड आर्म ‘पश्चिमी वायु कमान’ के प्रमुख बन गए हैं।

देहरादून स्थित सेंट जोसफ अकादमी के पूर्व छात्र एयर मार्शल माथुर 1978 में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में शामिल हुए थे और भारतीय वायुसेना की फाइटर स्ट्रीम में चार जून, 1982 को शामिल हो गए थे।

एयर मार्शल माथुर के पास 5,000 घंटों से ज्यादा समय तक विमान उड़ाने का अनुभव है। इस दौरान उन्होंने विभिन्न लड़ाकू विमान, प्रशिक्षक विमान और हेलीकॉप्टर उड़ाए हैं। वह इसकी स्पेस और साइबर अंग की भी अगुआई कर चुके हैं।

‘पूर्वी वायु कमान’ के प्रमुख बनने से पहले वह गुजरात के गांधीनगर स्थित ‘दक्षिण-पश्चिमी वायु कमान’ के वरिष्ठ एयर स्टाफ अफसर थे।

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महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात

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महाकुम्भनगर|  महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात किया गया है। हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की क्षमता वाले इस हाई सिक्योरिटी टीथर्ड ड्रोन की नजर से किसी का भी बच पाना नामुमकिन है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए यह अत्याधुनिक उपकरण महाकुम्भनगर में लगाया गया है। महाकुम्भनगर के एसएसपी ने इसकी निगरानी के लिए एक एक्सपर्ट टीम तैनात कर दी है।

हर गतिविधि होगी कैप्चर

महाकुम्भनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने इसे सेकेंडों में अलर्ट मोड में आ जाने वाला नायाब उपकरण बताया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि इस बार के महाकुम्भ को अविस्मरणीय बनाया जाए, जिसके लिए सुरक्षा व्यवस्था को हाईटेक किया जा रहा है। इस टीथर्ड ड्रोन में हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की अद्भुत क्षमता है। डेटा ट्रांसमिशन के लिए यह बेहद सुरक्षित है और ऊंचाई से महाकुम्भनगर की हर छोटी-बड़ी गतिविधियां कैप्चर करने में इसे महारत हासिल है।

महाकुम्भ पुलिस की तीसरी आंख से बच पाना नामुमकिन

महाकुम्भनगर की पुलिस के लिए टीथर्ड ड्रोन तीसरी आंख का काम कर रहा है। इससे बच पाना किसी के लिए भी नामुमकिन है। इसके जरिए संगम तट के अलावा अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले घाटों और प्रमुख स्थलों पर पैनी नजर रखी जा रही है। इसके अलावा मंदिरों और अन्य प्रमुख स्थलों पर नजर रखने के लिए हाई रिजॉल्यूशन कैमरे से लैस इस उपकरण को तैनात कर दिया गया है, जो पलक झपकते ही श्रद्धालुओं से संबंधित अलर्ट अफसरों को जारी कर रहे हैं।

एआई लाइसेंस युक्त कैमरे के साथ पुलिस अफसर मुस्तैद

महाकुम्भ के दौरान पुलिस पूरे मेला क्षेत्र में 2750 से अधिक सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है। इसमें आधे से ज्यादा एआई लाइसेंस युक्त कैमरे भी शामिल हैं। एसएसपी महाकुम्भनगर राजेश द्विवेदी के अनुसार, इस बार महाकुम्भनगर में 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। ऐसे में सीएम योगी की मंशा के अनुरूप सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद बनाए रखने और किसी तरह की कोई अप्रिय घटना न हो, इसके लिए हर अधिकारी मुस्तैदी से कार्य कर रहा है।

ये है टीथर्ड ड्रोन

महाकुम्भनगर की महत्ता को ध्यान में रखते हुए इस बार टीथर्ड ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। ये एक विशेष प्रकार के कैमरे होते हैं। इन कैमरों को एक बड़े बलून के सहारे रस्सी से बांधकर एक निश्चित ऊंचाई पर तैनात किया जाता है। महाकुम्भनगर में इन्हें ऊंचे टॉवर्स पर इंस्टॉल किया जा रहा है। यहीं से ये पूरे मेला क्षेत्र में नजर रख रहे हैं। इन्हें बार-बार उतारना भी नहीं पड़ेगा और ये पूरे मेला क्षेत्र पर अपनी पैनी नजर से निगरानी कर सकने में सक्षम हैं।

बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम

टीथर्ड ड्रोन की मदद से कंट्रोल रूम को मेला क्षेत्र की हर एक महत्वपूर्ण फुटेज प्राप्त हो सकेगी। इसके माध्यम से अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले स्थानों को चिह्नित कर वहां तत्काल पुलिस का प्रबंध किया जा सकता है। वहीं किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि पर भी नजर रखी जा सकती है। हाई रिजॉल्यूशन के कारण ये कैमरे बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम हैं।

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