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मायावती नेता नहीं, एक पर्यटक हैं : शिवपाल

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लखनऊ। बसपा प्रमुख मायावती पर प्रहार करते हुए सपा के मुख्य प्रवक्ता व कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि मायावती उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ पिछले दो सालों से माइक्रोस्कोप लेकर मुद्दा ढूंढ़ रही हैं, लेकिन कोई भी घटना न मिलने पर झूठे आरोप लगाने पर आमादा हैं। वह एक पर्यटक की भांति आती हैं और प्रेस कान्फ्रेंस करके विलुप्त हो जाती हैं।

यहां जारी बयान में उन्होंने कहा कि सपा शासन में दलितों एवं कमजोर पूरी तरह सुरक्षित और खुश हैं। दलितों की सपा की तरफ बढ़ते झुकाव को देखकर मायावती अपनी सियासी जमीन खिसकने के भय से कपोलकल्पित आरोप लगा रही हैं कि सपा और भाजपा में मिलीभगत है। यादव ने नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के हवाले से कहा कि सपा सरकार में दलितों से जुड़े हुए अपराध काफी कम हुए हैं। मायावती एवं उनकी बसपा की पूरी यूनिट को दलित उत्पीड़न का एक भी उदाहरण नहीं मिला। हरियाणा में जो हुआ वो दुखद व दुर्भाग्यपूर्ण है, भाजपा शासित राज्यों में कानून व्यवस्था की स्थिति अत्यंत भयावह है। शिवपाल ने भाजपा नेताओं को षड्यंत्र छोड़ विकास और सद्भाव कायम करने की सलाह दी।

यादव ने बताया कि मायावती गौतमबुद्ध और बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर को बसपा की जागीर समझती हैं। उन्होंने कहा कि मायावती ने बसपा शासन काल में बुद्ध की जन्मस्थली सिद्धार्थनगर में एक ईंट तक नहीं धरा, जबकि सपा सरकार ने सिद्धार्थ के नाम पर एक विश्वविद्यालय की स्थापना की। बाबा साहेब पर समाजवादियों ने पुस्तकें प्रकाशित कर बंटवाया, ताकि उनकी वैचारिक विरासत कमजोर न हो।

गौतमबुद्ध और बाबा साहब अंबेडकर से मायावती का कोई सरोकार नहीं है, उन्हें केवल सत्ता से मतलब है। सभी जानते हैं कि आरएसएस, भाजपा, शिवसेना जैसी सांप्रदायिक ताकतों से हर स्तर पर समाजवादी ही लड़ते हैं। उन्होंने कहा कि दादरी के दोषियों के खिलाफ सपा सरकार ने कठोर कार्रवाई की, गिरफ्तार कर जेल भेजा और प्रभावशाली अंकुश लगाया, जिससे सांप्रदायिक ताकतों द्वारा उत्तर प्रदेश में गोधरा कांड दोहराने का षड्यंत्र विफल हो गया।

शिवपाल ने कहा कि मायावती जी का इतिहास सभी को पता है, वे नरेंद्र मोदी के प्रचार में गुजरात तक जा चुकी हैं और दो बार भाजपा की कृपा से ही मुख्यमंत्री बनी थीं। उन्होंने कहा कि जिस उत्तर प्रदेश ने उन्हें चार बार मुख्यमंत्री बनाया, एक पहचान दी, उस प्रदेश में वे एक पर्यटक की भांति आती हैं और प्रेस कान्फ्रेंस करके विलुप्त हो जाती हैं। उनकी उत्तर प्रदेश की जनता और जनतंत्र में जरा भी आस्था नहीं है।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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