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अन्तर्राष्ट्रीय

मालदीव में संकट, राष्ट्रपति ने इमरजेंसी लगाने के राज से उठाया पर्दा

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माले। देश में आपातकाल लगाने और प्रधान न्यायाधीश को जेल में बंद करने के बाद अपने पहले सार्वजनिक संबोधन में मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने मंगलवार को कहा कि उन्हें यह कदम उठाना पड़ा क्योंकि शीर्ष न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश और एक अन्य न्यायाधीश भ्रष्टाचार में संलिप्त थे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अदालत का आदेश नहीं मानने की वजह से ये लोग उनके खिलाफ महाभियोग समेत अन्य साजिशों से तख्तापलट की तैयारी कर रहे थे।

राष्ट्र के नाम मंगलवार को अपने संबोधन में यामीन ने गुरुवार रात से देश में हुए घटनाक्रम के बारे में बताया और यह भी बताया कि उन्हें किन कारणों से देश में आपातकाल की घोषणा करने पर मजबूर होना पड़ा। यामीन ने अपने संबोधन की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट द्वारा गुरुवार को नौ राजनीतिक बंदियों को रिहा करने के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि यह आदेश उनकी सरकार के लिए ‘विश्वास नहीं करने वाला झटका’ था क्योंकि इसमें आतंकवाद और भ्रष्टाचार के आरोप में घिरे कैदियों को रिहा करने का फैसला दिया गया था।

मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन

राष्ट्रपति ने कहा, “मैंने अटॉर्नी जनरल मोहम्मद अनिल और देश के महाभियोजक ऐशथ बिसम से इस संबंध में सलाह लिया। दोनों ने कहा कि संबंधित संवैधानिक जनादेश के आधार पर इस आदेश का लागू करना ‘आसान नहीं होगा’।” यामीन ने जोर देकर कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने इस फैसले के संबंध में महाभियोजक और अटॉर्नी जनरल की ओर से दाखिल कानूनी चिंताओं को स्वीकार करने से मना कर दिया। अदालत ने हाल ही में अपने आदेश में कहा था कि न्यायिक आयोग सेवा (जेएससी) कोर्ट के आदेशों की जांच नहीं कर सकता। ऐसे में जेएससी की भी मदद नहीं ली जा सकी।

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल और महाभियोजक को उनके पद से हटाने पर भी विचार किया और पुलिस प्रमुख जैसे कुछ लोगों को फिर से पद पर आसीन कर दिया जिन्हें उन्होंने (यामीन ने) हटाया था। राष्ट्रपति ने कहा, “अटॉर्नी जनरल और महाभियोजक कार्यालय भी देश में स्वतंत्र संस्थान हैं और दोनों के पास कानूनी दायित्वों से अलग हटकर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय देने पर सवाल उठाने का अधिकार है।”

यामीन ने कहा, “इसके बाद ही हमने काफी गंभीरता से इस मामले को देखना शुरू किया और यह पता लगाया कि सुप्रीम कोर्ट को कौन सी चीजें प्रभावित कर रही हैं।” उन्होंने कहा कि अधिकारियों को जांच के दौरान न्यायिक प्रशासक हसन सईद के हुलहुमाले में फ्लैट खरीदने के बारे में पता लगा, जोकि भ्रष्टाचार से संबंधित मामला था। सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश अब्दुल्ला सईद और अन्य न्यायधीश अली हामिद के खिलाफ भी ऐसे ही मामले का पता चला।

यामीन ने कहा कि हसन के खिलाफ वारंट जारी होने और उनके भूमिगत होने के बाद, सर्वोच्च न्यायालय ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट समाप्त कर दिया। राष्ट्रपति ने कहा, “इन सब कारणों से, मुझे आपातकाल लगाने को मजबूर होना पड़ा।”

अन्तर्राष्ट्रीय

हिजबुल्लाह ने इजरायल पर दागे लगभग 250 रॉकेट, 7 लोग घायल

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बेरूत। हिजबुल्लाह ने एक बार फिर इजरायल पर बड़ा हमला किया है। रविवार को हिजबुल्लाह ने इजरायल पर लगभग 250 रॉकेट और अन्य हथियारों से हमला किया। इस हमले में कम से कम सात लोग घायल हो गए है। हिजबुल्लाह का यह हमला पिछले कई महीनों में किया गया सबसे भीषण हमला है, क्योंकि कुछ रॉकेट इजरायल के मध्य में स्थित तेल अवीव इलाके तक पहुंच गए।

इजराइल की ‘मैगन डेविड एडोम’ बचाव सेवा ने कहा कि उसने हिजबुल्लाह द्वारा इजराइल पर दागे गए हमलों में घायल हुए सात लोगों का इलाज किया. युद्ध विराम के लिए वार्ताकारों की ओर से दबाव बनाए जाने के बीच हिजबुल्लाह ने ये हमले बेरूत में घातक इजराइली हमले के जवाब में किये

सेना का अभियान चरमपंथियों के खिलाफ

इसी बीच लेबनान की सेना ने कहा कि इजराइल के हमले में रविवार को लेबनान के एक सैनिक की मौत हो गई जबकि 18 अन्य घायल हो गए. इस घटना पर इजराइल की सेना ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह हमला हिजबुल्लाह के विरुद्ध युद्ध क्षेत्र में किया गया और सेना का अभियान केवल चरमपंथियों के खिलाफ हैं.

 

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