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माल्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी, कर्ज लौटाने से हाथ खड़े किए

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विजय माल्या, शराब कारोबारी विजय माल्या, सुप्रीम कोर्ट, कर्नाटक हाईकोर्ट

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नई दिल्ली । शराब कारोबारी विजय माल्या के खिलाफ स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व में 17 बैंकों के कंसोर्टियम की याचिका पर सुनवाई के दौरान विजय माल्या के वकील ने कहा कि उनके पास नौ हजार करोड़ रुपये लोन चुकाने के लिए पैसे नहीं हैं। क्योंकि उनकी सारी संपत्ति सरकार जब्त कर चुकी है। तब सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अच्छा आपके पास पैसे नहीं हैं ?

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बैंकों ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया कि माल्या ने डियाजियो डील में चालीस मिलियन अमेरिकी डॉलर हासिल किये थे उसे वापस लायें, जिसे उन्होंने अपने विदेश में अपने बच्चे के बैंक खाते में जमा कर दिया । सुप्रीम कोर्ट ने अटार्नी जनरल से पूछा कि वो ये बताएं कि किस तरह सुप्रीम कोर्ट का आदेश माल्या पर लागू कराया जा सके, क्योंकि वो भारत छोड़कर लंदन में रह रहा है। क्या क्रिमिनल लॉ में विजय माल्या को वापस लाने का कोई तरीका है।

अटार्नी जनरल ने जवाब दिया कि हम इसके लिए कदम उठा रहे हैं। अटार्नी जनरल ने कहा कि माल्या ने डियाजियो से मिले चालीस मिलियन डॉलर के बारे में कुछ नहीं बताया। सुप्रीम कोर्ट ने माल्या से पूछा कि क्या आपने कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन नहीं किया जिसके तहत आप कोर्ट की अनुमति के बिना संपत्ति को ट्रांसफर नहीं कर सकते हैं?
कोर्ट ने विजय माल्या के वकील से पूछा कि वो ये बताएं कि उन्होंने अपनी संपत्ति के बारे में कोर्ट में जो हलफनामा दिया है वो सही है कि नहीं?

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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