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माहाग्राम देशभर में लगाएगा 1,00,000 आधार एटीएम

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नई दिल्ली, 19 जून (आईएएनएस)| देश की अग्रणी बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेंट माहाग्राम ने देशभर में 1,00,000 से अधिक आधार एटीएम और बीसी आउटलेट्स स्थापित करने की योजना बनाई है।

कंपनी का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया अभियान के तहत ग्रामीण भारत को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने के प्रयास में यह पहल की गई है। कंपनी ने एक बयान में कहा कि आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम (एईपीएस) नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा पेश की गई भुगतान सेवा है, जिसके माध्यम से बैंक, वित्तीय संस्थान ‘आधार’ नंबर और ऑनलाइन यूआईडीएआई पहचान का इस्तेमाल कर अपने बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेंट सर्विस सेंटर के माध्यम से लेनदेन कर सकते हंै।

एईपीएस एक आधुनिक बैंकिंग सेवा है, जिसे रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा अनुमोदित किया गया है। यह आधार एवं बायोमीट्रिक पहचान के माध्यम से लेनदेन को आसान बनाती है। इसके जरिए व्यक्ति एक बैकिंग कॉरेस्पॉन्डेंट द्वारा उपलब्ध कराए गए माइक्रो-एटीएम पर कई लेनदेन कर सकता है। एईपीएस के माध्यम से आधारधारक रियल टाइम आधार ऑथेंटिकेशन द्वारा बैंकिंग सेवाओं का लाभ उठा सकता है।

बयान में कहा गया कि बैंकों ने ग्रामीणों को आधार इनेबल्ड माइक्रो एटीएम के जरिए ई-केवायसी, दस्तावेज रहित एवं इंस्टेंट बैंकिंग की सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए राष्ट्रव्यापी यूआईडी (आधार) कवरेज का इस्तेमाल करने की योजना बनाई है।

ये एटीएम उपभोक्ताओं को कई सुविधाएं प्रदान करेंगे जैसे नकद निकासी, नकद जमा, बैलेंस के बारे में जानकारी, मिनी स्टेटमेंट, ऋण का पुनर्भुगतान, ऋण वितरण, घरेलू प्रेषण सेवाएं, उपभोक्ता पंजीकरण, ई-गवर्नेस, पैनकार्ड और ई-केवाइसी।

माहाग्राम के निदेशक (कारोबार विकास) वासुदेव फड़नीस ने कहा, हमारी यह पहल हर भारतीय को डिजिटल बैकिंग में सक्षम बनाएगी। हमने वित्तवर्ष 2020 तक 50 करोड़ लेन-देनों का लक्ष्य तय किया है। हमारा मानना है कि बैंकिंग सेवाओं से वंचित लोगों तक बैंकिंग सेवाएं पहुंचाने के लिए आधार ही एकमात्र माध्यम है। यह उन क्षेत्रों में भी बैंकिंग सेवाएं सुलभ बनाएगा जहां आज भी ये सेवाएं सीमित हैं।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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