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बिजनेस

मिडकैप, स्मॉलकैप में सेंसेक्स से अधिक तेजी

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मुंबई| देश के शेयर बाजारों में पिछले सप्ताह मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी से अधिक तेजी रही। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स पिछले सप्ताह लगभग शून्य फीसदी या 2.25 अंकों की तेजी के साथ शुक्रवार को 28,114.56 पर बंद हुआ। इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 0.13 फीसदी या 11.30 अंकों की तेजी के साथ 8532.85 पर बंद हुआ।

पिछले सप्ताह सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 14 में तेजी रही, जिनमें प्रमुख रहे सिप्ला (4.56 फीसदी), डॉ. रेड्डीज लैब (4.07 फीसदी), आईटीसी (3.79 फीसदी), कोल इंडिया (3.15 फीसदी) और भारतीय स्टेट बैंक (2.62 फीसदी)।

सेंसेक्स के 16 शेयरों में गिरावट रही, जिनमें प्रमुख रहे टाटा स्टील (6.71 फीसदी), भारती एयरटेल (3.58 फीसदी), ओएनजीसी (3.53 फीसदी), हिंडाल्को इंडस्ट्रीज (3.53 फीसदी) और हीरो मोटोकॉर्प (2.33 फीसदी)।

गत सप्ताह मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में एक फीसदी से अधिक तेजी रही। मिडकैप 1.12 फीसदी या 125.03 अंकों की तेजी के साथ 11,273.02 पर और स्मॉलकैप 1.39 फीसदी या 162.68 अंकों की तेजी के साथ 11,830.80 पर बंद हुआ।

काले धन की रोकथाम के लिए सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त विशेष जांच दल (एसआईटी) की तीसरी रिपोर्ट पर बाजार में सोमवार को हुई भारी बिकवाली के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने निवेशकों को आश्वासन देते हुए कहा कि सरकार ऐसा कोई कदम नहीं उठाएगी, जिसका निवेशक माहौल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़े। एसआईटी ने वित्त मंत्रालय को सौंपी गई तीसरी रिपोर्ट में पार्टिसिपेटरी नोट के असली लाभान्वितों की पहचान किए जाने की सिफारिश की है।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार 29 जून को राज्यसभा की चयन समिति द्वारा वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) पर दी गई कुछ सिफारिशों को स्वीकार कर लिया। इसके तहत केंद्र सरकार इस विधेयक के लागू होने के बाद राज्यों को होने वाले नुकसान की पांच साल तक निश्चित रूप से भरपाई करेगी।

भारत मौसम विज्ञान विभाग ने 30 जुलाई को जारी बयान में कहा कि वर्तमान मानसूनी सत्र में 23 से 29 जुलाई 2015 के बीच देश भर में बारिश दीर्घावधि औसत से 21 फीसदी अधिक रही। विभाग ने साथ ही कहा कि एक जुलाई से 29 जुलाई के बीच हालांकि यह दीर्घावधि औसत से 15 फीसदी कम रही।

अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने दो दिवसीय मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के बाद 29 जुलाई को कहा कि गत कुछ महीने में अमेरिका का धीमी गति से विकास होता रहा है और बेरोजगारी दर भी घट रही है। फेड ने सितंबर महीने की मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में दर बढ़ाने का विकल्प खुला रखा है।

 

बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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