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मुजफ्फरनगर दंगे का सच आएगा सामने, जांच आयोग ने सौंपी रिपोर्ट

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फनगर में हुए दंगों का सच जल्द ही सामने आने वाला है। दंगों की जांच करने के लिए बनाए गए जांच आयोग ने अपनी रिपोर्ट बुधवार को राज्यपाल राम नाईक को सौंप दी। दंगों की इस जांच रिपोर्ट को बुधवार को यूपी के राज्यपाल राम नाईक को राजभवन में सौंपा गया।

मुजफ्फरनगर दंगा जांच आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (अवकाश प्राप्त) विष्णु सहाय ने राज्यपाल को यह रिपोर्ट राजभवन में सौंपी। ये दंगे अगस्त 2013 में उप्र के मुजफ्फरनगर में हुए थे। न्यायमूर्ति विष्णु सहाय द्वारा छह खण्डों में 775 पृष्ठों की रिपोर्ट तैयार की कई है। राज्यपाल राम नाईक अब इस जांच रिपोर्ट को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को आगे की कार्यवाही के लिए भेजेंगे।

इस अवसर पर आयोग के सचिव दिलीप कुमार, राज्यपाल की प्रमुख सचिव जूथिका पाटणकर व विधि सलाहकार एसएस उपाध्याय भी उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार द्वारा अगस्त 2013 में मुजफ्फरनगर में हुए दंगे की न्यायिक जांच के लिए न्यायमूर्ति विष्णु सहाय (अवकाश प्राप्त) की अध्यक्षता में एक सदस्यीय आयोग का गठन किया गया था। विष्णु सहाय आयोग का गठन ‘कमीशन आफ इंक्वायरी एक्ट 1952’ के प्रावधानों के अंतर्गत 9 सितंबर, 2013 को किया गया था।

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रिलायंस फाउंडेशन और यूएन इंडिया के सम्मेलन में तटीय आपदाओं पर विशेषज्ञों ने किया मंथन

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भुवनेश्वर,| प्राकृतिक आपदाओं के दौरान त्वरित कार्रवाई को मजबूत करने के लिए रिलायंस फाउंडेशन और संयुक्त राष्ट्र (इंडिया) ने ओडिशा में एक सम्मेलन का आयोजन किया। इस सम्मेलन का विषय था ‘प्रारंभिक चेतावनी से त्वरित कार्रवाई – बहु आपदा, बहु हितधारक दृष्टिकोण: तटीय पारिस्थितिक तंत्र से सीख’, जिसमें विशेषज्ञों ने तटीय पारिस्थितिकी तंत्र की बारीकियों पर अपने अनुभव और सुझाव साझा किए।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ओडिशा के राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री श्री सुरेश पुजारी ने कहा, “हम प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली को मजबूत करने के लिए एकजुट होकर काम कर रहे हैं। ओडिशा सरकार विभिन्न हितधारकों के साथ मिलकर प्राकृतिक आपदाओं के प्रभाव को कम करने का प्रयास कर रही है।”

रिलायंस फाउंडेशन के सीईओ श्री जगन्नाथ कुमार ने कहा, “जलवायु परिवर्तन के चलते बढ़ती आपदाओं के प्रभाव को कम करने के लिए सटीक चेतावनी की जरूरत है। हम समुदायों की सुरक्षा के लिए नई चेतावनी प्रणालियों को लागू कर रहे हैं।”

संयुक्त राष्ट्र के भारत में स्थानीय समन्वयक, श्री शोंबी शार्प ने कहा, “रिलायंस फाउंडेशन के साथ साझेदारी में संयुक्त राष्ट्र द्वारा आज आयोजित की गई बैठक डीआरआर पर बैठकों की श्रृंखला में पहली है। हम सरकार, सिविल सोसायटी और रिलायंस फाउंडेशन जैसे भागीदारों के साथ मिलकर सामुदायिक सुरक्षा को मजबूत करने का प्रयास कर रहे हैं।”

सम्मेलन में विशेषज्ञों ने मौजूदा चेतावनी प्रणालियों की प्रभावशीलता और उन्हें और बेहतर बनाने के सुझावों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि त्वरित कार्रवाई के लिए मौसम संबंधी डेटा को सामाजिक-जनसांख्यिकीय जानकारी के साथ जोड़कर एकीकृत चेतावनी प्रणाली बनाई जा सकती है। प्रतिभागियों ने बालासोर और भद्रक जिलों में रिलायंस फाउंडेशन और यूएन इंडिया के कार्यों का अवलोकन भी किया। सम्मेलन का उद्देश्य जीवन और आजीविका की सुरक्षा के लिए बेहतर नीतिगत परिणामों पर कार्य करना है।

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