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प्रादेशिक

मुलायम पर आरोप लगाने वाले आईपीएस ने उठाई सीबीआई जांच की मांग

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव पर धमकाने का आरोप लगाने वाले उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिरीक्षक (सिविल डिफेंस) अमिताभ ठाकुर सोमवार को मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की मांग को लेकर दिल्ली रवाना हो गए। वह दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों से मुलाकात कर उन्हें मामले की जानकारी देंगे।

अमिताभ ने बताया, “मैं दिल्ली जा रहा हूं। पूरे मामले की जानकारी केंद्रीय गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों को दूंगा और यदि मौका मिला तो केंद्रीय गृह मंत्री से भी मुलाकात करूंगा।” भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी ने कहा, “मेरी तीन मुख्य मांगें हैं। पहली मांग यह कि जिस तरह से उप्र में आईपीएस अधिकारियों का उत्पीड़न किया जा रहा है, उसे रोका जाए। मुलायम सिंह यादव से जुड़े पूरे प्रकरण की जांच सीबीआई से कराई जाए और मुझे व्यक्तिगत तौर पर केंद्रीय सुरक्षा मुहैया कराई जाए।”

अमिताभ ने मुलायम पर गायत्री प्रसाद प्रजापति मामले में उन्हें फोन पर धमकाने का आरोप लगाया है। दोनों के बीच हुई बातचीत का ऑडियो टेप अमिताभ की पत्नी नूतन ठाकुर ने गुरुवार को जारी किया था। अमिताभ ने शनिवार को कहा था कि वह मुलायम के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने हजरतगंज थाना पहुंचे थे, लेकिन पुलिस ने मामला दर्ज करने से इंकार कर दिया और कहा कि मामले की जांच के बाद ही वह एफआईआर दर्ज करेगी। उन्होंने इस मामले में अदालत की शरण लेने की बात कही थी।

अमिताभ ने अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर चिंता भी जताई। उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह पूरे प्रदेश के मुखिया हैं और जब वह इस तरह की धमकी दे रहे हैं, तो वह कुछ भी करा सकते हैं। उल्लेखनीय है कि उप्र के खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष जरीना उस्मानी और सदस्य अशोक पांडेय के खिलाफ अमिताभ की पत्नी नूतन ने गुरुवार को गोमतीनगर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

नूतन ने आरोप लगाया है कि उनके पति ने लोकायुक्त के सामने प्रजापति के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। इसी कारण प्रजापति ने आयोग की अध्यक्ष और सदस्य के साथ मिलकर उनके पति के खिलाफ दुष्कर्म के दो फर्जी मामले दर्ज करा दिए हैं।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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