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अन्तर्राष्ट्रीय

मेक्सिको में सबसे बड़ी जलमग्न गुफा मिली

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मेक्सिको सिटी, 19 जनवरी (आईएएनएस)| पुरातत्वविदों ने मेक्सिको में पानी के नीचे दुनिया की सबसे बड़ी गुफा की खोज की है। ‘द ग्रेट माया एक्विफर’ (गैम) परियोजना की टीम ने सैक एक्तन और दोस ओजोस की गुफाओं को खोजने और मेक्सिको के युकातान प्रायद्वीप के तुलम में रहस्यमयी जल क्षेत्र के अध्ययन पर कई साल लगाए।

सीएनएन की रपट के मुताबिक, वे अब दो गुफाओं को एक साथ जोड़ने में सक्षम हैं।

यह खोज एक अविश्वसनीय पुरातात्विक स्थल की पहचान दर्शाती है, जो लुप्त हो चुकी माया सभ्यता की कहानियों और अनुष्ठानों को उजागर करती है।

सीएनएन के अनुसार, गुफा बनाने का नियम यह है कि जब दो गुफाएं जुड़ती हैं, तो बड़ी गुफा में छोटी गुफा समाहित हो जाती है। इसका मतलब यह है कि सैक एक्तन को सबसे बड़ी गुफा के रूप में जाना जाएगा।

347 किलोमीटर तक फैली गुफा का रास्ता उलझनभरा व भूलभूलैया जैसा है। इसमें खूबसूरत कंदराएं हैं।

‘नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एंथ्रोपोलॉजी एंड हिस्ट्री’ के शोधकर्ता व गैम के निदेशक गुइलेरमो डे आंदा ने अपने बयान में कहा कि अब हमारा लक्ष्य सैक एक्तन को तीन अन्य स्थानीय पानी के नीचे वाली गुफाओं से जोड़ना है।

डे आंदा ने कहा, यह विशाल गुफा दुनिया में सबसे महत्वपूर्ण जलमग्न पुरारात्विक स्थल को दर्शाता है, क्योंकि इसमें सौ से अधिक पुरातात्विक प्रसंग निहित हैं।

सीएनएन ने डे आंदा के हवाले से बताया, इस प्रणाली के साथ हमने अमेरिका में पहले बसने वाले लोगों, विलुप्त जीवों और माया संस्कृति के साक्ष्य प्रमाणित किए हैं।

माया सभ्यता के लोग अपनी गुफाओं को ईश्वर से संपर्क साधने का स्थल मानते थे, इसलिए यह बेहद महत्वपूर्ण खोज है।

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अन्तर्राष्ट्रीय

बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर भारत ने जताई नाराजगी, कही ये बात

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नई दिल्ली। मंगलवार को बांग्लादेश के हिंदू संगठन सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को गिरफ्तार कर लिया गया। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों द्वारा चिन्मय कृष्ण दास के नेतृत्व में ही आंदोलन किया जा रहा है। बाद में अदालत ने भी चिन्मय कृष्ण दास की जमानत अर्जी खारिज कर उन्हें जेल भेज दिया। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने भी इस पर नाराजगी जाहिर की।

विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि हिंदुओं पर हमला करने वाले बेखौफ घूम रहे हैं, जबकि हिंदुओं के लिए सुरक्षा का अधिकार मांगने वाले हिंदू नेताओं को जेल में ठूंसा जा रहा है। वहीं बांग्लादेश सरकार ने विदेश मंत्रालय के बयान पर नाराजगी जाहिर की है और कहा है कि यह उनका आंतरिक मामला है और भारत के टिप्पणी करने से दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ सकती है।

चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए। इस प्रदर्शन को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर आंसू गैस के गोले दागे गए और लाठीचार्ज भी किया गया, जिसमें 50 से अधिक लोग घायल हो गए। गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

चंदन कुमार धर प्रकाश चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी, जिन्हें चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल, चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश के चटगांव स्थित इस्कॉन पुंडरीक धाम के प्रमुख भी हैं। चिन्मय कृष्ण दास को बीते सोमवार को शाम 4:30 बजे हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) द्वारा हिरासत में लिया गया था।

मंगलवार को उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच चटगांव के छठे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट काजी शरीफुल इस्लाम के समक्ष पेश किया गया। हालांकि, उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन पर देशद्रोह का आरोप लगा है।

 

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