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खेल-कूद

मेरा ख्वाब है हर व्यक्ति खेल से जुड़े : सचिन

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भारत, सचिन, स्वस्थ जीवनशैली, लिंक्डइन, इनफ्लूएंसर

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नई दिल्ली | भारत के महानतम क्रिकेट खिलाड़ियों में शामिल सचिन तेंदुलकर चाहते हैं कि हर भारतीय किसी न किसी से खेल से जुड़े और स्वस्थ जीवनशैली को अपनाए। सचन का मानना है कि लोग खेल को सिर्फ प्रतिस्पर्धा के तौर पर न लें, बल्कि इसे मजे और कैलोरी कम करने के लिए भी प्रयोग में लाएं।

भारत, सचिन, स्वस्थ जीवनशैली, लिंक्डइन, इनफ्लूएंसर

सचिन शुक्रवार को पेशेवर नेटवर्किं ग साइट ‘लिंक्डइन’ से बतौर इनफ्लूएंसर के तौर पर जुड़े। वह ऐसा करने वाले पहले क्रिकेट खिलाड़ी हैं।

लिंक्डइन ने सचिन का साक्षात्कार पोस्ट किया है, जिसमें वह कहते हैं, “मेरा ख्वाब है कि देश का हर नागरिक खेल से जुड़े। विश्व में भारत की पहचान डायबीटिज (मधुमेह) की राजधानी के तौर पर भी है, जो हमारे स्वास्थ्य जीवन की सही तस्वीर पेश नहीं करता। हमें अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देने और फिट रहने की जरूरत है।”

उन्होंने कहा, “मैं गुजारिश करता हूं कि प्रत्येक भारतीय एक खेल को अपने फिटनेस कार्यक्रम में शामिल करे। आपको प्रतिस्पर्धा के तौर पर ही खेल खेलने की जरूरत नहीं है, बल्कि आप इसे मजे और वजन या मोटापा कम करने के तौर पर भी ले सकते हैं।”

क्रिकेट में भगवान का दर्जा पा चुके सचिन ने कहा, “असफलताओं की चिंता न करें। कई बार असफलता का डर आपको कुछ नया करने से रोक देता है। जब तक आप कोशिश नहीं करेंगे तब तक आपको पता नहीं चलेगा की क्या होना था। इसलिए बाहर निकलिए और अपने सपने का पीछा करिए, क्योंकि सपने सच होते हैं।”

अपने सफर को याद करते हुए तेंदुलकर ने कहा, “मेरी तैयारी बैग तैयार करने से शुरू हुई थी। मैं अपने कपड़े खुद ही प्रेस करता था क्योंकि इससे मैं सही लय पकड़ लेता था और मेरा अवचेतन मन काम करना चालू कर देता था। मेरी राह में कुछ रूकावटें भी आई थीं।”

उन्होंने कहा, “मुझे याद है जब मुझे टेनिस एल्बो की परेशानी हुई थी। साढ़े तीन महीने बाद मैं अभ्यास के लिए लौट पाया था। मुझे बताया गया था कि मुझे इससे वापसी करने में साढ़े चार महीनों से ज्यादा का समय लगेगा।”

सचिन ने कहा, “लेकिन खिलाड़ी धैर्य न रखने के लिए जाने जाते हैं। मुझे लगा था कि मेरा करियर खत्म हो गया। यह ऐसा समय होता है जब आपको अपने पास चिकित्सकों, फिजियो, ट्रेनर, परिवार और करीबी दोस्तों की एक अच्छी टीम चाहिए होती है।”

क्रिकेट छोड़ने के बाद सचिन अपना समय तकनीक, स्वास्थ्य, जीवनशैली और कपड़ों के साथ बिताते हैं।

उन्होंने कहा, “मेरा खुद का ब्रांड है.. एक अच्छी खेल के सामान बनाने वाली कंपनी। मैंने खेल के सामान के डिजाइन तैयार किए हैं। निर्माताओं से अपने विचार साझा किए हैं।”

खेल-कूद

विराट कोहली ने की है 12वीं तक पढ़ाई, इस सब्जेक्ट का नाम सुनकर ही आ जाता था पसीना

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नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली आज अपना 36वां जन्मदिन मना रहे हैं। अपने 16 साल के करियर में विराट इतने आगे निकल गए हैं कि उनके रिकार्ड्स को तोड़ना लगभग नामुमकिन सा लगता है। आज विराट के जन्मदिन के मौके पर हम आपको ऐसी बात बताने जा रहे हैं जो आपने शायद पहले कभी नहीं सुनी होगी। आज हम आपको बताएंगे कि मैदान पर अपनी बल्लेबाजी से गेंदबाजों को डराने वाले विराट किससे डरा करते थे।

आपको जानकर हैरानी होगी कि मैदान पर रिकॉर्ड्स के अंबार लगाने वाले विराट कोहली ने केवल 12वीं तक की ही पढ़ाई की है। क्रिकेट के प्रति दीवानगी के चलते उन्होंने अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी। विराट ने दिल्ली की ‘विशाल भारती पब्लिक स्कूल’ से पढ़ाई की है। स्कूल की वेबसाइट में भी एल्युमनाई में कोहली का जिक्र है और उनकी तस्वीरें भी लगा रखी है।

दिल्ली के जानेमाने स्कूल में से एक इस स्कूल को कई अवार्ड मिल चुके हैं। विराट का फेवरेट सब्जेक्ट हिस्ट्री था। विराट हमेशा से ही अतीत की बातें सीखने के लिए उत्सुक रहते थे। मैथ्स एक ऐसा सब्जेक्ट था जिसके बारे में सुनकर विराट के पसीने छूट जाते थे। कहा जाता है कि एक बार विराट को मैथ्स में 100 में केवल 3 ही मार्क्स मिले थे।

विराट कोहली की ही कप्तानी में भारतीय टीम ने 2008 का अंडर-19 वर्ल्ड कप जीती थी। यह टूर्नामेंट मलेशिया में खेला गया था। इस शानदार प्रदर्शन के दम पर कोहली ने टीम इंडिया के लिए अपना पहला इंटरनेशनल मैच 18 अगस्त 2008 को श्रीलंका के खिलाफ खेला था।

 

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