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मुख्य समाचार

मेरे कार्यकाल के दौरान कोई भूमि घोटाला नहीं हुआ : भूपिंदर सिंह हुड्डा

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जयपुर, 4 सितम्बर (आईएएनएस)| हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा ने अपने कार्यकाल के दौरान हरियाणा में किसी भी तरह के भूमि घोटाले की बात को सिरे से नकार दिया है। राजस्थान में मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन में हुड्डा ने कहा, हरियाणा में मेरे शासनकाल के दौरान कोई भूमि घोटाला नहीं हुआ। वास्तव में मैंने अपने शासनकाल के दौरान हरियाणा में एक भी इंच जमीन नहीं खरीदी। मुझे जो भी जमीन मिली है, वह मुझे मेरे पिता से विरासत में मिली है।

हुड्डा और संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ शनिवार को हरियाणा पुलिस ने गुरुग्राम में एक जमीन सौदे में कथित अनियमितताओं को लेकर मामला दर्ज किया है।

गुरुग्राम के खेड़की दौला पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है।

हुड्डा ने कहा कि उनके खिलाफ यह साजिश भारतीय जनता पार्टी द्वारा रची गई है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार प्रतिशोध की भावना के साथ कार्य कर रही है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, 10 साल तक हरियाणा का मुख्यमंत्री रहने के बावजूद मैंने किसी पार्टी के खिलाफ प्रतिशोध की भावना के साथ काम नहीं किया। लेकिन, यह स्पष्ट है कि भाजपा सरकार बदले की राजनीति कर रही है।

उन्होंने कहा हालांकि एम.एल. खट्टर सरकार ने भू-घोटाले की जांच के लिए एक विशेष आयोग गठित किया है जिसकी रिपोर्ट आनी अभी बाकी है लेकिन इसके पहले ही भाजपा सरकार ने एफआईआर दर्ज करा दी है।

हुड्डा ने कहा कि यह दिखाता है कि सरकार कितनी हताश हो चुकी है। यह कदम राफेल जेट सौदे से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए उठाया गया है।

उन्होंने कहा कि अगर उनके और वाड्रा के खिलाफ भूमि घोटाले के पुख्ता सबूत हैं तो हम दोनों को खुलेआम घूमने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए।

उन्होंने राफेल विमान सौदे को लेकर उठ रहे सवालों पर केंद्र की चुप्पी को लेकर भी सवाल उठाया।

उन्होंने केंद्र से एक संयुक्त संसदीय समिति बनाने की मांग की, जो राफेल मुद्दे की जांच करे ताकि लोग सच से अवगत हो सकें।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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