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खेल-कूद

मेलबर्न टेस्ट : एमसीजी का सूखा खत्म कर सीरीज में वापसी करना चाहेगा भारत

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मेलबर्न| भारत और आस्ट्रेलिया की क्रिकेट टीमों के बीच जारी चार मैचों की टेस्ट सीरीज का तीसरा मुकाबला शुक्रवार से मेलबर्न क्रिकेट मैदान (एमसीजी) पर खेला जाएगा। भारत इस सीरीज में 0-2 से पीछे है। भारतीय टीम न सिर्फ सीरीज में वापसी की कोशिश करेगी बल्कि वह एमसीजी में बीते 33 सालों का जीत का सूखा खत्म करने की भी कोशिश करेगी। इस मैदान पर भारत अंतिम बार 1981 में जीता है।

भारत के लिए अच्छी खबर यह है कि उसके तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार फिट हो गए हैं। चोट के कारण भुवनेश्वर एडिलेड और ब्रिस्बेन टेस्ट में नहीं खेल सके थे।

मेलबर्न की पिच को देखते हुए हालांकि कप्तान महेंद्र सिंह धौनी द्वारा आक्रमण पंक्ति में बदलाव की सम्भावना कम ही नजर आती है लेकिन अगर सम्भावना बनी तो फिर भुवनेश्वर अंतिम एकादश में वरुण एरॉन की जगह लेंगे।

लगातार दो हार से हकलान टीम में अगर बदलाव की बयार बही तो फिर बल्लेबाजी में शिखर धवन के स्थान पर कर्नाटक के सलामी बल्लेबाज केएल राहुल के अलावा सुरेश रैना को भी मौका मिल सकता है।

कप्तान धौनी ने मैच से पहले कहा था कि वह टीम के प्रदर्शन से खुश हैं लेकिन पांच दिवसीय मैच के लिहाज से उनकी टीम एक खास लाइन को पार नहीं कर पा रही है और टेस्ट मैच में जीत हासिल करने के लिए इस लाइन को पार करना जरूरी है।

भारत को एडिलेड टेस्ट में 48 रनों से हार मिली थी। वह मैच भारत जीत सकता था लेकिन अहम मुकाम पर कप्तान विराट कोहली का विकेट गंवाने के कारण जीत उसके हाथ से फिसल गई थी।

इसी तरह ब्रिस्बेन में भारत ने पहली पारी में 408 रन बनाने के बावजूद चार दिनों में हार का मुंह देखा। गेंदबाजों ने आस्ट्रेलिया की पहली पारी में खूब रन लुटाए। दूसरी पारी में उन्होंने आस्ट्रेलिया के छह विकेट चटकाकर जीत के लिए जमीन तैयार करने की कोशिश की लेकिन तब तक देर हो चुकी थी।

दूसरी ओर, आस्ट्रेलिया मेलबर्न में अजेय स्थिति कायम करना चाहेगा। मेजबान टीम दो बदलाव के साथ खेल सकती है। जोए बर्न्‍स का पर्दापण तय है और उनके लिए छठे क्रम पर बल्लेबाजी तय की गई है। साथ ही मिशेल स्टार्क के स्थान पर रायन हैरिस की वापसी हो सकती है।

डेविड वार्नर चोट के कारण थोड़े असहज हैं लेकिन वह मैच तक फिट हो जाएंगे।

मेलबर्न में भारत का रिकार्ड अच्छा नहीं रहा है। यहां उसे बीते 33 साल से जीत की तलाश है। बीते 33 साल में भारत ने इस मैदान पर छह टेस्ट खेले लेकिन पांच में उसे हार मिली जबकि एक मैच बराबरी पर छूटा है।

आस्ट्रेलिया में क्रिकेट का गढ़ माने जाने वाले एमसीजी पर भारत ने 1948 के बाद से कुल 11 टेस्ट खेले हैं। इनमें से आठ में उसे हार मिली है जबकि दो में जीत हासिल हुई है। एक मैच ड्रॉ रहा है।

भारत ने इस मैदान पर अंतिम बार सात फरवरी 1981 में जीत हासिल की थी। भारत ने वह मैच 59 रनों से जीता था। उसके बाद से हालांकि भारत को इस मैदान पर लगातार नाकामी ही मिली है।

अंतिम बार इस मैदान पर दोनों टीमों की भिड़ंत दिसम्बर 2011 में हुई थी, जब भारत को 122 रनों से हार मिली थी। आस्ट्रेलिया को अंतिम बार इस मैदान पर हार पाकिस्तान के खिलाफ 2009 में मिली थी।

टीमें :

आस्ट्रेलियाई टीम (बल्लेबाजी क्रम के अनुसार) : डेविड वार्नर, क्रिस रोजर्स, शेन वॉटसन, स्टीवन स्मिथ (कप्तान), शॉन मार्श, जोए बर्न्‍स, ब्रैड हेडिन, मिशेल जानसन, रायन हैरिस, नेथन लॉयन और जोस हाजेलवुड।

भारत (बल्लेबाजी क्रम के अनुसार, सम्भावित) : मुरली विजय, शिखर धवन, चेतेश्वर पुजारा, विराट कोहली, अजिंक्य रहाणे, रोहित शर्मा, महेंद्र सिंह धौनी, रविचंद्रन अश्विन, वरुण एरॉन/ भुवनेश्वर कुमार, इशांत शर्मा और उमेश यादव।

खेल-कूद

विराट कोहली ने की है 12वीं तक पढ़ाई, इस सब्जेक्ट का नाम सुनकर ही आ जाता था पसीना

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नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली आज अपना 36वां जन्मदिन मना रहे हैं। अपने 16 साल के करियर में विराट इतने आगे निकल गए हैं कि उनके रिकार्ड्स को तोड़ना लगभग नामुमकिन सा लगता है। आज विराट के जन्मदिन के मौके पर हम आपको ऐसी बात बताने जा रहे हैं जो आपने शायद पहले कभी नहीं सुनी होगी। आज हम आपको बताएंगे कि मैदान पर अपनी बल्लेबाजी से गेंदबाजों को डराने वाले विराट किससे डरा करते थे।

आपको जानकर हैरानी होगी कि मैदान पर रिकॉर्ड्स के अंबार लगाने वाले विराट कोहली ने केवल 12वीं तक की ही पढ़ाई की है। क्रिकेट के प्रति दीवानगी के चलते उन्होंने अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी। विराट ने दिल्ली की ‘विशाल भारती पब्लिक स्कूल’ से पढ़ाई की है। स्कूल की वेबसाइट में भी एल्युमनाई में कोहली का जिक्र है और उनकी तस्वीरें भी लगा रखी है।

दिल्ली के जानेमाने स्कूल में से एक इस स्कूल को कई अवार्ड मिल चुके हैं। विराट का फेवरेट सब्जेक्ट हिस्ट्री था। विराट हमेशा से ही अतीत की बातें सीखने के लिए उत्सुक रहते थे। मैथ्स एक ऐसा सब्जेक्ट था जिसके बारे में सुनकर विराट के पसीने छूट जाते थे। कहा जाता है कि एक बार विराट को मैथ्स में 100 में केवल 3 ही मार्क्स मिले थे।

विराट कोहली की ही कप्तानी में भारतीय टीम ने 2008 का अंडर-19 वर्ल्ड कप जीती थी। यह टूर्नामेंट मलेशिया में खेला गया था। इस शानदार प्रदर्शन के दम पर कोहली ने टीम इंडिया के लिए अपना पहला इंटरनेशनल मैच 18 अगस्त 2008 को श्रीलंका के खिलाफ खेला था।

 

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