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मोदी मित्र अदाणी के कोयला घोटाले की निष्पक्ष जांच हो : कांग्रेस

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नई दिल्ली, 3 सितम्बर (आईएएनएस)| कांग्रेस ने मित्र पूंजीवाद के मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर फिर निशाना साधते हुए सोमवार को अदाणी समूह के खिलाफ कथित कोयला घोटाले की निष्पक्ष जांच की मांग की। कांग्रेस ने कहा कि ऊंचे भाव पर कोयला आयात में कथित 29,000 करोड़ रुपये का घोटाला होने के मामले की जांच विशेष जांच दल (एसआईटी) से की जानी चाहिए।

पिछले दिनों अदाणी समूह ने राजस्व आसूचना निदेशालय (डीआरआई) द्वारा जारी सभी लेटर्स रोगेटरी (एलआर) को रद्द करवाने के लिए बंबई उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।

कांग्रेस ने इस मसले को लेकर सीधा प्रधानमंत्री और वित्तमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि मोदी के उद्योगपति दोस्त गौतम अदाणी के इसमें शामिल होने के कारण वे चुप हैं।

कांग्रेस प्रवक्ता जयराम रमेश ने कहा, जेटली हर मसले पर ब्लॉग लिखते हैं, लेकिन इसपर चुप हैं। उनको इस पर भी एक ब्लॉग लिखना चाहिए। उनके पास कार्रवाई करने की कोई शक्ति नहीं है।

इससे पहले सिंगापुर की एक अदालत ने कोयला आयात से संबंधित कागजात पेश करने पर रोक की मांग करते हुए दायर अदाणी ग्लोबल की याचिका को ठुकरा दिया था। इसके बाद समूह ने 28 अगस्त को बंबई उच्च न्यायालय का रुख किया।

डीआरआई का आरोप है कि कंपनियों ने विदेशों में पैसे की हेराफरी करने और उच्च बिजली शुल्क मुआवजा पाने के लिए इंडोनेशिया से आयातित कोयले का दाम बढ़ा दिया।

रमेश ने कहा, अक्टूबर 2014 में डीआरआई ने कोयला आयात में बड़े घोटाले की घोषणा की और कोयला आयात का बिल बढ़ाकर ज्यादा करने की जांच शुरू की गई। 31 मार्च, 2016 में डीआरआई ने एक नया बयान दिया कि इस घोटाले में 40 कंपनियां शामिल हैं। इसमें 29,000 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है।

वकील प्रशांत भूषण द्वारा संचालित एक एनजीओ ने सितंबर 2017 में दिल्ली उच्च न्यायाल में एक जनहित याचिका दायर की थी और मामले की एसआईटी से जांच करवाने की मांग की थी।

रमेश ने कहा, नौ मार्च, 2018 को डीआरआई ने दिल्ली उच्च न्यायालय में एक मुकदमे में कहा कि एसआईटी से जांच की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि वह 40 कंपनियों की जांच कर रहा है, जिसमें चार कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।

उन्होंने आगे बताया कि जिन कंपनियों को नोटिस जारी किया गया था, वे गौतम अदाणी, अनिल अंबानी और एस्सार ग्रुप की कंपनियां हैं।

कांग्रेस नेता ने कहा, हमारे देश में 70 फीसदी कोयले का आयात अदाणी ग्रुप की कंपनियों द्वारा किया जाता है।

रमेश ने कहा, अदाणी ग्रुप ने सिंगापुर की अदालत में याचिका दायर करके गुहार लगाई कि इस मसले पर सिंगापुर स्थित भारतीय स्टेट बैंक की शाखा में जो दस्तावेज हैं, वह भारत सरकार को नहीं दिया जाए।

राजस्व सचिव हसमुख अधिया (अब वित्त सचिव) ने एसबीआई की चेयरमैन अरुं धति भट्टाचार्य को 20 मई, 2016 को पत्र लिखा था कि वे दस्तावेज डीआरआई को दिया जाए, ताकि जांच पूरी हो सके।

कांग्रेस नेता ने कहा, चार दिन बाद उन्होंने अधिया को जवाब दिया कि दस्तावेज नहीं दिया जा सकता, क्योंकि यह सिंगापुर के कानून के विरुद्ध है।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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