प्रादेशिक
यूपीएसडीएम-एटीडीसी के बीच करार, यूपी के आठ हजार बेरोजगार होंगे लाभान्वित
लखनऊ। अपैरल ट्रेनिंग एंड डिजाइन सेंटर (एटीडीसी) और ‘उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन’ (यूपीएसडीएम) ने साथ मिलकर प्रदेश के सभी केंद्रों के लिए तीन साल में 8000 बेरोजगार युवाओं को 24 पाठ्यक्रमों के द्वारा कौशल विकास के लिए अग्रिम करार किया है। इसकी शुरुआत अगले साल 2017-2018 के बीच की जाएगी।
इस सात सूत्रीय करार ज्ञापन पर मंगलवार को यूपीएसडीएम कार्यालय में डायरेक्टर राजेश कुमार और एटीडीसी के महानिदेशक व सीईओ डॉ डार्लि कोशी ने किया। इस मौके पर यूपीएसडीएम और एटीडीसी के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।
प्रदेश के नोएडा, कानपुर, गाजियाबाद, आगरा, उन्नाव, लखनऊ, प्रतापगढ़, बाराबंकी, बरेली, शाहजहांपुर, वाराणसी, आजमगढ़ और कन्नौज आदि केंद्रों पर कौशल विकास के लिए प्रशिक्षण ट्रेनिंग देंगे।
इस अवसर पर डॉ डार्लि कोशी ने बताया कि लखनऊ केंद्र के उन्नयन के बाद भविष्य में लघु और दीर्घ अवधि के कौशल विकास के पाठ्यक्रम के द्वारा प्रतिवर्ष 600 उम्मीदवारों को प्रशिक्षित करने की क्षमता हो जाएगी।
यूपीएसडीएम के मिशन डायरेक्टर राजेश कुमार ने कहा कि यूपीएसडीएम ने एटीडीसी के साथ एक एमओयू हस्ताक्षरित किया है जिसके तहत संस्था प्रदेश में अपैरल डिजाइन की ट्रेनिंग युवाओं को प्रदान करेगी और साथ ही उसमे से 80 फीसदी युवाओं को रोजगार भी उपलब्ध कराएगी।
उल्लेखनीय है कि अपैरल सेक्टर में 200 एटीडीसी केद्रों, जिसमें 65 एटीडीसी व्यावसायिक संस्थानों और 135 एटीडीसी स्मार्ट केन्द्रों के साथ अपैरल ट्रेनिंग एंड डिजाइन सेंटर (एटीडीसी), देश के सबसे बड़ा व्यावसायिक प्रशिक्षण नेटवर्क के रूप में उभरा है। पूर्वोत्तर में दो केन्द्रों सहित, इसके कौशल केंद्र भारत के 23 राज्यों में स्थित हैं।
अपैरल ट्रेनिंग एंड डिजाइन सेंटर एईपीसी के अंतर्गत आता है, जिसे नई दिल्ली में 15 फरवरी, 1991 को सोसायटी पंजीकरण अधिनियम 1860 के तहत पंजीकृत किया गया था। इसका उद्देश्य परिधान उद्योग में कार्यरत मानव संसाधनों का तकनीकी कौशल का उन्नयन करना है।
एटीडीसी भारत के परिधान निर्यात क्षेत्र के लिए कुशल संस्था है और इस तरह सिलाई मशीन ऑपरेटर, पैटर्न इंजिनियर, मशीन तकनीशियन/मैकेनिक्स, ऊपरी सजावट विशेषज्ञ, परिधान उत्पादन पर्यवेक्षकों, गुणवत्ता नियंत्रकों, औद्योगिक इंजीनियर्स इत्यादि के काम करने वाले पेशेवरों के विभिन्न स्तरों के लिए यह पसंदीदा स्रोत है।
प्रादेशिक
IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी
महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।
कौन हैं IPS संजय वर्मा?
IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।
कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।
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