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यूपीवीसी दरवाजे व खिड़कियां रहे मानसून में भी जबरदस्त

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नई दिल्ली, 9 जुलाई (आईएएनएस)| मानसून के दस्तक देने के बाद बारिश का लुत्फ उठाने का आनंद ही कुछ और है, लेकिन बारिश का पानी जब घरों में घुस जाता है तो परेशानी का सबब बन जाता है। यही नहीं सीपेज कभी-कभी जबरदस्त नुकसान का कारण बन जाती है। ऐसे में यूपीवीसी दरवाजे और खिड़कियां इन परेशानियों को दूर कर सकती हैं। यूपीवीसी (अनप्लास्टीसाइज्ड पॉलीविनइल क्लोराइड) के दरवाजों और खिड़कियों की स्टाइलिश रेंज में केसमेंट, टिल्ट एंड टर्न, स्लाइडिंग, लिफ्ट एंड स्लिड, टॉप हंग, स्लाइडिंग एंड फोल्डिंग शामिल हैं।

यूपीवीसी ऐसी सामग्री है, जिसमें न तो इनमें की तरह जंग लगती है, न ही ये गलती है। यह आपको और आपके परिवार को पूरी तरह से सुरक्षित रखती है। लकड़ी से बने दरवाजे गल जाते हैं और एलुमिनियम या स्टील के दवाजों में जंग लग जाता है, ये फास्टनर्स के साथ गैल्वेनिक प्रतिक्रिया करते हैं। इन्हें रखरखाव की ज्यादा जरूरत होती है, साथ ही इनके कई अन्य साइड इफेक्ट्स भी हैं। वहीं यूपीवीसी के दरवाजे और खिड़कियां हवा, पानी, धूप आदि के लिए भी प्रतिरोधी है।

विंडो मैजिक इंडिया के प्रबंध निदेशक मनीष बंसल ने कहा, मॉनसून में खिड़कियों और दरवाजों के आस-पास नमी जमा होती है। इससे एलुमिनियम की खिड़कियों में जंग लगने लगती है, ऐसे में ये कम टिकाऊ होती हैं और इनके रखरखाव की लागत भी अधिक आती है। वहीं दूसरी ओर यूपीवीसी विंडो फ्रेम नमी रोधी होते हैं। ये हर मौसम के लिए उपयुक्त हैं। इनकी विशेष संरचना दरवाजों और खिड़कियों की भीतरी परतों को बारिश के पानी और हवा से सुरक्षित रखती है।

विंडो मैजिक भारत में ‘यूपीवीसी’ को पेश करने वाली पहली कम्पनियों में से एक है। विंडो मैजिक ने अपने टेकनोलॉजी पार्टनर प्रोफाईल ग्रुप ऑफ जर्मनी के साथ यूपीवीसी खिड़कियों और दरवाजों के क्षेत्र में अत्याधुनिक उत्पाद पेश किए हैं। कम्पनी विभिन्न ग्लास समाधानों और इन्सेक्ट स्क्रीन्स के साथ विभिन्न रंगों में यूपीवीसी दरवाजों और खिड़कियों की व्यापक रेंज उपलब्ध कराती है। विंडो मैजिक में आकर्षक एवं टिकाऊ उत्पादों के निर्माण के लिए अत्याधुनिक तकनीक के साथ सख्त गुणवत्ता जांच प्रक्रिया का इस्तेमाल किया जाता है।

विंडो मैजिक की यूपीवीसी दरवाजे और खिड़कियां रीसाइकल किए जा सकते हैं। इनमें लैड स्टेबिलाइजर के बजाए कैल्सियम जिंक स्टैबिलाइजर होता है जिससे उत्पादन के दौरान हानिकर गैसें नहीं निकलती है और इसलिए पर्यावरण को भी नुकसान नहीं पहुंचाता। यूपीवीसी के पर्यावरण के अनुकूल फीचर्स को देखते हुए कहा जा सकता है विंडो मैजिक अपनी टैगलाइन ‘ग्रीन लाइन’ पर खरा उतरता है।

एलुमिनियम फ्रेम से तुलना करें तो यूपीवीसी फ्रेम सस्ते पड़ते हैं। साथ ही वे न तो गलते हैं, न ही इनमें जंग लगता है और न ही इनका रंग फीका पड़ता है। ऐसे में इनके रखरखाव की लागत बेहद कम होती है। ये फ्रेम टिकाऊ और तापरोधी एवं ध्वनिरोधी गुणों से युक्त हैं। इतना ही नहीं, ये उच्चस्तरीय सुरक्षा भी देते हैं।

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नेशनल

केरल के कन्नूर जिले में चोरों ने व्यवसायी के घर से उड़ाए एक करोड़ रुपये, सोने के 300 सिक्के

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कन्नूर। केरल के कन्नूर जिले में चोरों के एक गिरोह ने वालापट्टनम में एक व्यवसायी के घर से एक करोड़ रुपये की नकदी और सोने की 300 गिन्नियां चुरा लिए। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी।पुलिस के मुताबिक चोरी की यह घटना उस समय हुई जब व्यवसायी और उसका परिवार एक विवाह समारोह में भाग लेने के लिए तमिलनाडु के मदुरै गए हुए थे। उन्होंने बताया कि चोरी का पता तब चला जब रविवार रात को व्यवसायी का परिवार घर लौटा और लॉकर में रखा कीमती सामान गायब पाया।

सीसीटीवी फुटेज में तीन लोगों को दीवार फांदकर घर में घुसते देखा

पुलिस सूत्रों ने बताया कि घर के सभी लोग 19 नवंबर से ही घर से बाहर थे। और संदेह है कि चोरों ने रसोई की खिड़की की ग्रिल काटकर घर में प्रवेश किया। सीसीटीवी फुटेज में तीन लोगों को दीवार फांदकर घर में घुसते देखा जा सकता है।

चोरों को लिए गए फिंगरप्रिंट

पीड़ित परिवार के एक रिश्तेदार ने मीडिया को बताया कि नकदी, सोना और अन्य कीमती सामान आलमारी में बंद करके रखे गए थे। इसकी चाबी दूसरे कमरे में रखी गई थी। पुलिस और ‘फिंगरप्रिंट’ (अंगुलियों के निशान) लेने वाले विशेषज्ञों की एक टीम घर पहुंची और सुबूत एकत्र किए तथा आरोपियों को पकड़ने के लिए व्यापक तलाश अभियान चलाया गया है।

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