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प्रादेशिक

यूपी : नहीं खुला छोटे व बड़े इमामबाड़े का ताला, धरना जारी

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लखनऊ। शिया वक्फ बोर्ड में जारी भ्रष्टाचार के खिलाफ के खिलाफ शिया समुदाय द्वारा छोटे और बड़े इमामबाड़े पर जड़े गए ताले अभी तक खोले नहीं गए है। जहां छोटे इमामबाड़े पर शिया महिलाएं बीते 15 दिन से धरना दे रही है। वहीं बड़े इमामबाड़े पर ताला जड़े सात दिन हो चुके हैं।

गौरतलब है कि बुधवार को वक्फ बोर्ड में फैले भ्रष्टाचार और वसीम रिजवी को दोबारा वक्फ का चेरयमैन बनाए जाने विरोध में मौलाना कल्बे जव्वाद के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंड़ज पहले गृह मंत्री राजनाथ सिंह और फिर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मिला था। जिस पर मुख्यमंत्री ने दोनों इमामबाड़ों में तालाबंदी के मामले को काफी संजीदगी से लिया था और मौलाना को समस्याओं के हल का आश्वासन भी दिया था। लेकिन मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद भी शिया महिलाओं ने छोटे इमाम बाड़े पर जारी अपनी भूख हड़ताल खत्म नहीं की है।

भूख हड़ताल के 15वें दिन चार महिलाओं की हालत बिगड़ गई। जिन्हें बलरामपूर अस्पताल में भर्ती किया गया। जिनमें से जरीन और प्रवीण की हालत गंभीर बतायी जा रही है। मुस्लिम महिला जागरूक मंच और कनीजाने जहरा की महिलाओं का कहना है कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मौलाना कल्बे जव्वाद नकवी की मुलाकात के बाद हमें सरकार से उम्मीद है कि कौम के साथ न्याय होगा और भ्रष्ट चेयरमैन को गिरतार किया जाएगा। महिलाओं ने कहा कि सरकार की ओर से जवाब आने तक भूख हड़ताल जारी रहेगी। वहीं आज महिलाओं का हाल चाल लेने के लिए मौलाना कल्बे जव्वाद नकवी छोटे इमाम बाड़े पहुंचे।

उधर, बड़े इमाम बाड़े पर भी सात दिन से ताला बंद रहा और संगठनों का धरना जारी रहा। अनजुमनों का कहना है सरकार से उम्मीद है कि वह जल्द ही मांगों को पूरा करेगी। संगठनों का कहना है कि वैफ बोर्ड में पारदर्शिता लाई जाएगी तभी बदउनवानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।

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उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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