Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

यूपी : बेतवा पर बने 3 अवैध पुल किए ध्वस्त

Published

on

bridge-hammerpur

Loading

हमीरपुर। उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जनपद के सरीला तहसील क्षेत्र के रिरुआ बसरिया गांव के पास बेतवा नदी में अस्थायी पुल बनाकर अवैध रूप से मौरंग खनन किए जाने पर प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है। जिलाधिकारी के कड़े निर्देश के बाद एसडीएम व सीओ ने तीनों अवैध पुलों को ध्वस्त करवा दिया। इस कार्रवाई से मौरंग माफियाओं में हड़कंप मच गया है। मौरंग माफियाओं ने बेतवा नदी की जलधारा रोकर अस्थायी पुल बना दिए थे और इस पुल के जरिये मौरंग को ढोकर पड़ोसी जिले जालौन ले जाया जा रहा था।

इस मामले की शिकायत प्रशासन को मिली तो इस पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए। जिलाधिकारी संध्या तिवारी ने एसडीएम और खनिज अधिकारी रामकुमार को अस्थाई पुलों को ध्वस्त करने के निर्देश दिए तो खनिज और सरीला प्रशासन हरकत में आ गया। खनिज अधिकारी रामकुमार, सर्वेयर विजय भूषण तिवारी सरीला गए, जहां सीओ और एसडीएम के साथ रिरुआ बसरिया में जाकर ताबड़तोड़ कार्रवाई की। भारी फोर्स के साथ पहुंचे अधिकारियों ने जेसीबी मशीन जरिये बेतवा नदी पर बने अस्थायी पुलों को ध्वस्त करने की कार्रवाई शुरू की।

कुछ ही घंटे के भीतर बेतवा नदी को अस्थायी पुल से मुक्त करा दिया गया। बेतवा नदी में बनाए गए पुल को तोड़ने की खबर से मौरंग माफियाओं में हड़कंप मच गया है। इस मामले में खनिज विभाग के सर्वेयर विजय भूषण तिवारी ने बताया कि रिरुआ बसरिया में बेतवा नदी में बने तीन अस्थायी पुलों को आज तोड़ दिया गया है, जबकि यह कार्रवाई अभी जारी है। उनका कहना है कि हाईकोर्ट के निर्देश के बाद यह कार्रवाई की गई है और बेतवा व अन्य नदियों में जांच की जा रही है कि कहीं और तो अस्थायी पुल नहीं बने हैं। उन्होंने कहा कि जो भी नदियों में अस्थायी पुल बने दिखेंगे तो उन पर बुलडोजर चलवाया जाएगा।

इससे पहले भी बेतवा नदी की जलधारा रोकर अस्थायी पुल बनाकर अवैध मौरंग के खनन करने का खेल इस जिले में चल रहा था, जिसमें विधायक के विरोध के बाद तत्कालीन ज्वाइंट मजिस्ट्रेट आशुतोष निरंजन ने भारी फोर्स के साथ जाकर अस्थायी पुल को ध्वस्त करा दिया था।

Continue Reading

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

Published

on

Loading

संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

Continue Reading

Trending